5 Dariya News

देश में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की सख़्त ज़रूरत : एन.एन. वोहरा

दहशतगर्दी की तरह राज्य में से हो नशों का ख़ात्मा : सुखजिन्दर सिंह रंधावा

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एस.ए.एस. नगर (मोहाली) 01-Nov-2018

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने कहा कि देश को एक दिशा में ले जाने के लिए केंद्र की तरफ से राज्यों की सलाह से राष्ट्रीय सुरक्षा नीति बनाई जानी चाहिए। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सम्बन्धी सरकार की तरफ से विशेष राष्ट्रीय सुरक्षा प्रशासनिक सेवाओं का भी गठन करना चाहिए। यह विचार उन्होंने पंजाब पुलिस के मानव संसाधन विकास विंग द्वारा आई.एस.बी., एस.ए.एस. नगर में राष्ट्रीय सुरक्षा सम्बन्धी करवाए पहले के.पी.एस.गिल्ल यादगारी लैक्चर सम्बन्धी करवाए समागम में बतौर मुख्य मेहमान शिरकत करते हुए प्रकट किये। इस मौके पर जेल मंत्री पंजाब, सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने विशेष मेहमान के तौर पर शिरकत की।इस मौके पर वोहरा ने कहा कि पूर्व डी.जी.पी. गिल एक काबिल और बहादुर पुलिस प्रशासक थे, जिन्होंने राज्य से आतंकवाद के ख़ात्मे में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि देश को पेश गंभीर चुणौतियों के मद्देनजऱ राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रबंधन के लिए देश को एक समर्पित मंत्रालय की ज़रूरत है। उन्होंने सलाह दी कि राष्ट्रीय सुरक्षा की समस्या से निपटने के लिए हर राज्य में विशेष बलों का गठन किया जाना चाहिए और स्पेशल बलों के जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाये क्योंकि गाएँ काटने वाले गुटों द्वारा कानून व्यवस्था को हानि पहुंचाकर सामाजिक तनाव पैदा किया जाता है खुशी से राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन करके किये जाते प्रदर्शन समाज को बाँटते हैं और इससे देश के संसाधन भी बर्बाद होते हैं। उन्होंने कहा कि अपने आप बने धर्म गुरूओं द्वारा की जाती कानून विरोधी गतिविधियों पर लगातार तीखी नजऱ रखने के साथ-साथ गंभीर आलोचना होनी चाहिए। उन्होंने और कहा कि समाज के भाईचारों के दरमियान पैदा होने वाला तनाव भी राष्ट्रीय सुरक्षा सम्बन्धी मुश्किल बन सकता है।वोहरा ने कहा कि पुलिस पहली 'लाईन आफ डिफेंस होती है और कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए उसकी तरफ से मज़बूत कार्यवाही की जानी लाजि़मी है नहीं तो भविष्य में किसी पड़ाव पर वह समस्या एक बड़ी सुरक्षा समस्या बन सकती है। उन्होंने कहा कि देश में पुलिस, प्रौसीक्युशन और न्यायपालिका में अमलों की कमी है, जोकि कानून व्यवस्था कायम रखने में मुश्किल बनती है। 

उन्होंने कहा कि पुलिस के सभी विंगों के लिए वित्तीय समर्थन कम है और उसमें से भी अधिकतर वेतनों पर ही ख़र्च हो जाता है और प्रशिक्षण और आधुनिकरन पर नहीं होता। उन्होंने कहा कि हर स्तर पर राजनैतिक प्रभाव के कारण पुलिस का हौसला और कार्यकुशलता घटती है।वोहरा ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को हमेशा ही क्षति पहुंचाने की कोशिश की जाती रहेगी। उन्होंने कहा कि देश की अहम जानकारी सम्बन्धी ढांचो की सुरक्षा बारे सचेत होने की सख़्त ज़रूरत हे। उन्होंने कहा कि साईबर और सूचना तकनीक के युग में दहश्तगर्द दूर बैठकर फंड इक्कठे करने के साथ-साथ दहशती कार्यवाहियों को भी अंजाम दे सकते हैं।इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए जेल मंत्री पंजाब, सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब पुलिस ने राज्य में से आतंकवाद के ख़ात्मे में सबसे अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि के.पी.एस. गिल ने आगे हो कर पुलिस का नेतृत्व किया जिससे अमन और देश की एकता और अखंडता को कायम रखा जा सके। उन्होंने आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में निजी तौर पर नेतृत्व किया था। पंजाब पुलिस की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस राज्य में से नशे और नशा तस्करों का उसी तरह सफाया करे जैसे दहशतगर्दी का ख़ात्मा किया था। उन्होंने कहा कि ऐसे सैमीनार हर जिले में करवाए जाने चाहिएं जिससे लोगों को अमन कायम करने के लिए पंजाब पुलिस की तरफ से निभाई भूमिका का पता चल सके।सवाल-जवाब के सैशन के दौरान डी.जी.पी. पंजाब सुरेश अरोड़ा ने पाकिस्तान और दूसरे देशों के गुटों द्वारा पंजाब की अंदरूनी सुरक्षा को हानि पहुंचाने के लिए दहशतगर्दों को दिए जाते समर्थन का मुद्दा उठाया। पूर्व मंत्री लक्ष्मी कांता चावला ने पुलिस मुलाजिमों को नौकरी के शुरुआती दौर में कम वेतन देने पर चिंता व्यक्त की। पूर्व गृह मंत्री पंजाब बृज भुपिन्दर सिंह लाली ने ड्रोनों के खतरे और आतंकवाद के दौरान पंजाब की तरफ से लिया कजऱ् केंद्र द्वारा माफ न किये जाने बारे बातचीत की।समागम के अंत में डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने एन.एन. वोहरा, सुखजिन्दर सिंह रंधावा और के.पी.एस.गिल के पारिवारिक सदस्यों का विशेष तौर पर धन्यवाद किया। उन्होंने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों द्वारा इस समागम में शिरकत करने की भी प्रशंसा की।