5 Dariya News

भारत और चेकोस्‍लोवाकिया ने आर्थिक संबंध मजबूत करने की ओर कदम बढ़ाए

आर्थिक सहयोग पर भारत-चेक गणराज्‍य संयुक्‍त आयोग का 11वां सत्र प्राग में आयोजित

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प्राग (जर्मन) 23-Oct-2018

आर्थिक सहयोग पर भारत-चेक गणराज्‍य संयुक्‍त आयोग (जेसीईसी) का 11वां सत्र 22-23 अक्‍टूबर, 2018 को प्राग में आयोजित किया गया। वाणिज्‍य एवं उद्योग, उपभोक्‍ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्‍य मंत्री सी.आर. चौधरी ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की। वहीं, चेक गणराज्‍य की उद्योग एवं व्‍यापार मंत्री सुश्री मार्टा नोवाकोवा ने चेक गणराज्‍य के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व किया। इस सत्र में आयोजित परिचर्चाओं के दौरान आर्थिक क्षेत्र में भारत एवं चेक गणराज्‍य के बीच पारस्‍परिक रिश्‍तों को और प्रगाढ़ करने की इच्‍छा दोनों ही पक्षों की ओर से जताई गई। सी.आर. चौधरी ने कहा कि भारत की विकास गाथा और चेक गणराज्‍य की विशिष्‍ट तकनीकी एवं विनिर्माण क्षमता की बदौलत ये दोनों ही देश स्‍वाभाविक साझेदार हैं। उन्‍होंने कहा कि दोनों ही देशों की अर्थव्‍यवस्‍थाओं में व्‍यापक समानताएं हैं, जिनका उपयोग पारस्‍परिक दृष्टि से लाभप्रद सहयोग में किया जा सकता है। उन्‍होंने चेक गणराज्‍य के विदेश उप मंत्री श्री मार्टिन त्‍लापा के साथ भी बैठक की और सीधी उड़ान, दीर्घकालिक अध्‍ययन वीजा, पारस्‍परिक व्‍यापार एवं निवेश रिश्‍तों को प्रगाढ़ करने से सम्‍बन्धित विभिन्‍न मद्दों पर विचार-विमर्श किया। आर्थिक सहयोग पर भारत-चेक गणराज्‍य संयुक्‍त आयोग के 11वें सत्र की तकनीकी बैठक भी इसी दौरान प्राग में आयोजित की गई। इसके बाद एक मसविदा (प्रोटोकॉल) पर श्री सी.आर. चौधरी और सुश्री मार्टा नोवाकोवा ने हस्‍ताक्षर किए।

इस दौरान चेक गणराज्‍य के प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि चेक गणराज्‍य की सरकार पारस्‍परिक वाणिज्यिक, निवेश एवं आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने से जुड़े प्राथमिकता वाले देशों में भारत को भी निरंतर शुमार करती रही है। चेक गणराज्‍य के प्रतिनिधिमंडल की ओर से यह भी बताया गया कि चेक गणराज्‍य की कंपनियां ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की रूपरेखा के तहत भारतीय साझेदारों के साथ सहयोग करने की इच्‍छुक हैं। दोनों ही पक्षों ने बेंगलुरू में चेक गणराज्‍य का नया वाणिज्‍य दूतावास खोले जाने का स्‍वागत किया और यह उम्‍मीद जताई कि चेन्‍नई में चेक गणराज्‍य का अलाभकर (ऑनरेरी) वाणिज्‍य दूतावास खोलने की प्रक्रिया जल्‍द ही पूरी हो जाएगी। दोनों ही पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि वैश्विक स्‍तर पर बढ़ते संरक्षणवाद का प्रतिकूल असर अनेक देशों पर पड़ा है और भविष्‍य में सकारात्‍मक परिवेश सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करने की जरूरत है। दोनों ही पक्षों ने यह विचार साझा किया कि पारस्‍परिक आर्थिक सहयोग को और ज्‍यादा बढ़ाने तथा बहुपक्षीय एवं अंतर-क्षेत्रीय व्‍यापार को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्‍त समाधान (सोल्‍यूशन) ढूंढे जाने चाहिए। विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) में अंतर्निहित नियम आधारित बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली की अहमियत पर विशेष जोर देते हुए दोनों पक्षों ने वर्तमान संरक्षणवादी और भूमंडलीकरण-रोधी प्रवृत्तियों पर गंभीर चिंता जताई, क्‍योंकि इससे मुक्‍त व्‍यापार के लिए भारी खतरा उत्‍पन्‍न हो सकता है।

दोनों ही पक्षों ने जनवरी 2015 में नई दिल्‍ली में आयोजित किए गए संयुक्‍त आयोग के 10वें सत्र से लेकर अब तक दोनों देशों के द्विपक्षीय व्‍यापार में हुई प्रगति की समीक्षा की और व्‍यापार में निरंतर हो रही वृद्धि का स्‍वागत किया। उन्‍होंने वर्ष 2017 में आपसी व्‍यापार में नया कीर्तिमान बनने की सराहना की। दोनों ही पक्षों ने यह बात रेखांकित की कि आपसी व्‍यापार लगभग संतुलित रहा। हालांकि, संयुक्‍त आयोग ने यह राय व्‍यक्‍त की कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार का स्‍तर मौजूदा संभावनाओं एवं क्षमता के अनुरूप नहीं है, अत: इसे और ज्‍यादा बढ़ाया जाना चाहिए। भारतीय पक्ष ने यह बात रेखांकित की कि भारतीय आंकड़ों के अनुसार भारत और चेक गणराज्‍य के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार वर्ष 2016-17 में एक अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया था। चेकोस्लोवाकिया बेंगलुरू के निकट चेक इंडस्ट्रियल क्लस्टर (सीआईसी) नामक एक परियोजना तैयार कर रहा है। इस चेक इंडस्ट्रियल क्लस्टर में प्रशासनिक एवं उत्‍पादन इकाइयां (यूनिट) होंगी और यह चेकोस्लोवाकिया की उन कंपनियों का एक केन्‍द्र (हब) बन सकता है, जो भारत में अपनी इकाइयां स्‍थापित करना चाहती हैं। चेक इंडस्ट्रियल क्लस्टर आगे चलकर दोनों देशों के बीच अंतर-शैक्षणिक सहयोग का एक केन्‍द्र भी बन सकता है। चेकोस्‍लोवाकिया सीआईसी के अंतर्गत इकाइयों की स्‍थापना करने और सीआईसी में आने वाले चेकोस्‍लोवाकिया के निवेशकों के लिए अनुकूल शर्तें तय करने में भारतीय प्राधिकरणों की ओर से मिलने वाली सहायता एवं सहयोग की सराहना करेगा। दोनों ही पक्षों ने यह बात रेखांकित की कि पर्यटन एक महत्‍वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें सहभागिता बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। 

दोनों ही पक्षों ने इस बात का उल्‍लेख किया कि भारत और चेकोस्‍लोवाकिया में भ्रमण पर्यटन के साथ-साथ समूह पर्यटन के लिए भी व्‍यापक अवसर हैं। दोनों पक्षों ने भारत और चेकोस्‍लोवाकिया के राष्‍ट्रीय पर्यटन प्राधिकरणों के बीच कायम संपर्कों के साथ-साथ पर्यटन को संयुक्‍त रूप से बढ़ावा दिए जाने की सराहना की। चेकोस्‍लोवाकिया के प्रतिनिधिमंडल ने इस ओर ध्‍यान दिलाया कि चेक गणराज्‍य में भारतीय पर्यटकों का आगमन निरंतर बढ़ता जा रहा है और वर्ष 2017 में भारत से आए पर्यटकों की संख्‍या लगभग एक लाख का आंकड़ा पार कर गई। चेकोस्‍लोवाकिया से भारत गए पर्यटकों की संख्‍या पिछले साल भी बढ़ गई। हालांकि, चेकोस्‍लोवाकिया के पर्यटकों की संख्‍या लगभग 13 हजार ही आंकी गई, जो कोई खास आकर्षक आंकड़ा नहीं है। दोनों पक्षों ने यह विचार साझा किया कि भारत और चेक गणराज्‍य के बीच सीधी उड़ानें शुरू होने से पर्यटन के पारस्‍परिक विकास के लिए अनुकूल माहौल बनेगा।  दोनों पक्षों ने भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच एक महत्‍वाकांक्षी एवं संतुलित ‘व्‍यापक व्‍यापार एवं निवेश समझौते (बीटीआईए)’ को अंतिम रूप देने के लिए अपनी ओर से पूर्ण सहयोग देने की पुष्टि की। 

चेकोस्‍लोवाकिया के प्रतिनिधिमंडल ने यह बात रेखांकित की कि भारत यूरोपीय संघ के सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण साझेदारों में से एक है और दोनों देशों के बाजारों का उदारीकरण आगे चलकर दोनों ही पक्षों के लिए लाभप्रद साबित होगा। इसके साथ ही ऐसे बाध्‍यकारी नियम भी बनाने की जरूरत है, जो पारस्‍परिक व्‍यापार संबंधों का संचालन कर सके  एवं आर्थिक क्षेत्र में आपसी सहयोग को और ज्‍यादा बढ़ा सके। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच बीटीआईए के लिए फिलहाल जारी वार्ताओं का त्‍वरित एवं संतुलित परिणाम निकालने के लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध है, जिसके तहत निवेश पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए जल्‍द से जल्‍द एवं बिना किसी पूर्व शर्त के वार्ताएं शुरू करना आवश्‍यक है। किसी भी मुक्‍त व्‍यापार समझौते (एफटीए) को संतुलित एवं पारस्‍परिक दृष्टि से लाभप्रद होना चाहिए। भारत यूरोपीय संघ की चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहा है और इसके साथ ही भारत ने इन चिंताओं को दूर करने के लिए अपनी ओर से अथक प्रयास किए हैं।