5 Dariya News

‘आटे दी चिड़ी’ के निर्माताओं ने प्रभ आसरा के बच्चों के लिए आयोजित की स्पेशल स्क्रीनिंग

अनाथालय के बच्चों ने खूब उठाया पंजाबी विरासत से जोड़ती इस फिल्म का लुत्फ़

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चंडीगढ़ 21-Oct-2018

पंजाबी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में हमेशा ही ऐसी कहानियों पर ज़ोर दिया गया है जो दर्शकों के दिलों से जुड़ सकें।  पॉलीवुड में बानी फिल्मों की कहानियों में इमोशन, कॉमेडी और पंजाबियत के रस भरने का ख़ास ध्यान रखा जाता है। यही कारण है कि यह फिल्में दर्शकों द्वारा पसंद की जाती हैं और लम्बे समय तक याद रहती हैं।  ऐसी ही एक फिल्म जिसे दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और उन पर छाप छोड़ पायी है, वो है आटे दी चिड़ी।  इस फिल्म के निर्माताओं ने प्रभ आसरा , मोहाली के बच्चों के लिए वीआर पंजाब में फिल्म की एक स्पेशल स्क्रीनिंग आयोजित की। यह फिल्म अपनी घोषणा से ही मुख्य किरदार में अमृत मान और नीरू बाजवा की नयी जोड़ी को लेकर सुर्ख़ियों का हिस्सा रही है। इन दोनों ही प्रतिभावान सितारों के साथ साथ फिल्म में कई प्रसिद्ध कलाकार हैं जैसे कि पंजाबी सिनेमा के अनुभवी अभिनेता सरदार सोही, गुरप्रीत घुग्गी, बीएन शर्मा, करमजीत अनमोल, निर्मल ऋषि, हार्बी सांघा, निशा बानो, प्रीतो साहनी, बलवीर बोपाराय, दिलावर सिद्धू, प्रकाश गाधू और अनमोल वर्मा। ‘आटे दी चिड़ी’ पंजाब के मुद्दों को कोमलता से हास्यपूर्ण अंदाज़ में प्रस्तुत करती हुई एक कहानी है। यह फिल्म दर्शकों के लिए एक हंसी-ठहाकों का त्यौहार लाती है। फिल्म का निर्देशन किया है हैरी भट्टी ने और इसकी कहानी लिखी है राजू वर्मा ने। इसकी शूटिंग पंजाब और कनाडा में की गयी है।इस प्रोजेक्ट के निर्माता हैं तेग प्रोडक्शंस  के चरनजीत सिंह वालिया और तेगबीर सिंह वालिया और जीआरएस छीना (कैलगरी, कनाडा) इसके सह-निर्माता हैं।

मल्टीप्लेक्स में दर्शकों से भरपूर प्यार मिलने  के बाद, निर्र्माताओं ने प्रभ आसरा के बच्चों और नौजवानों के लिए एक ख़ास स्क्रीनिंग का वीआर पंजाब मॉल में प्रबंध किया। बाल कलाकार अनमोल वर्मा, अदाकारा प्रीतो साहनी, लाइन प्रोडूसर परवीन कुमार और निर्माता चरनजीत सिंह वालिया इस मौके पर मौजूद रहे।   फिल्म में पंजाबी समाज के कई संवेदनशील मुद्दों पर बात की गयी है जैसे कि नशाखोरी, शेहरीकरण और ख़त्म होते गाँव खेत, लोगों में विदेश जाकर बसने की होड़ और पंजाब की संस्कृत्ति की धीरे-धीरे हो रही मौत।  आटे दी चिड़ी में इन सब पर और कई और मुद्दों पर पांच लोगों के एक परिवार के माध्यम से प्रकाश डाला गया है। और यह संदश देने का प्रयत्न किया गया है कि बदलाव की शुरुआत अपने घरों से ही करनी पड़ेगी। निशा, प्रभ आसरा की एक बच्ची ने कहा, "हम फिल्में देखते हैं पर आटे दी चिड़ी इसलिए ख़ास रही क्योंकि यह हमने फिल्म के निर्माता के साथ बैठ कर देखी।  मुझे नीरू बाजवा बहुत पसंद हैं और इस फिल्म में भी मुझे वो बहुत खूबसूरत लगीं।  पर कहानी सबसे उम्दा थी।  हमें भी आटे की चिड़िया की कहानी सुनाई जाती है और बताया जाता है कि पंजाब एक खूबसूरत धरती है।  फिल्म में यही सन्देश दिया गया है। अपने सभी दोस्तों के साथ इस फिल्म को देखने में मुझे बहुत मज़ा आया।"

प्रभ आसरा प्रबंधन के एक कर्मचारी ने कहा, " जब सरदार चरनजीत सिंह जी ने हमें फ़ोन करके कहा कि वो बच्चों को फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग पर ले जाना चाहते हैं तो हमें बहुत ख़ुशी हुई क्यूंकि यह पहली बार है कि कोई निर्माता इन बच्चों को भी ख़ास महसूस करने की कोशिश कर रहा है।  

आटे दी चिड़ी एक पारिवारिक फिल्म है और प्रभ आसरा परिवार ने इसका जमकर मज़ा लिया।  इस कहानी को इतनी कोमलता से, सही जगहों पर कॉमेडी के साथ बताया गया है कि आप समझ सकते हैं कि वाकई में हमारी मातृभूमि को हमारी देखभाल की ज़रूरत है और वो भी अभी।  मैं और प्रभ आसरा के सभी बच्चे फिल्म निर्माताओं का बहुत धन्यवाद करते हैं इस यादगार दिन के लिए। "यह फिल्म हमेशा से ही एक दर्शकों से जुड़ने वाला प्रोजेक्ट रहा है न कि पैसे कमाने का कोई साधन।  हम अपनी फिल्म के माध्यम से एक सकारात्मक सन्देश दूर-दूर तक फैलाना चाहते हैं।  और इस काम के लिए कौन बेहतर हो सकता है सिवाय हमारी नयी नौजवान पीढ़ी के अलावा।  तभी हमें इसकी स्पेशल स्क्रीनिंग के लिए प्रभ आसरा को चुना।  हम इस मौके पर यह भी घोषित करना चाहते हैं कि पंजाब भर में जो भी अनाथालय और वृद्ध आश्रम यह फिल्म दिखाना चाहते हैं, उनके लिए इसकी स्क्रीनिंग मुफ्त हैं।  हम बस पंजाब की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना चाहते हैं और अगर यह फिल्म इस संदेश को एक भी घर तक पहुँचाने में सफल होती है तो हमें लगेगा कि हमारी कोशिश सफल रही", तेग प्रोडक्शंस के चरनजीत सिंह वालिया और तेगबीर सिंह वालिया ने कहा। 'आटे दी चिड़ी' 18 अक्टूबर को विश्वभर में रिलीज़ हो चुकी है।