5 Dariya News

मिशन तंदुरुस्त पंजाब : किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना गांव धौलाखेड़ा

गांव के किसान हरीश सहित आधा दर्जन किसान धान की कटाई के लिए करते हैं सुपर एस.एम.एस का प्रयोग

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होशियारपुर 15-Oct-2018

जिले के गांव धौलाखेड़ा के किसान जहां जिले के किसानों के लिए प्रेरणा का काम कर रहे हैं वहीं पंजाब सरकार के मिशन तंदुरु स्त पंजाब को भी बढ़ावा दे रहे हैं। यहां किसान धान की पराली को जलाते नहीं बल्कि उसका प्रबंधन करते हैं। इस गांव के किसान जागरुक हो सुपर एस.एम.एस के माध्यम से धान की कटाई कर पर्यावरण सरंक्षण में अपना योगदान दे रहे हैं। गांव के किसान हरीश कुमार अपने खेत में लगे धान की कटाई सुपर एस.एस.एस के माध्यम से करते है। हरीश कुमार ने बताया कि वह 52 एकड़ जमीन पर खेती करता है जिसमें से 18 एकड़ उसकी है और बाकी जमीन उसने ठेके पर ले रखी है। इसमें से वह 38 एकड़ जमीन पर परमल धान व 6 एकड़ जमीन पर बासमती धान लगाया था और उसने अपनी कंबाइन है जिसके आगे उसने सुपर एस.एम.एस लगाया है के माध्यम से ही धान की कटाई की।  हरीश ने बताया कि उसने प्रण ले लिया है कि वातावरण की रक्षा के लिए वह खुद तो सुपर एस.एम.एस से धान की कटाई करेगी ही अगर कोई और भी कटाई के लिए कहेगा तब भी वह सुपर एस.एम.एस. से ही कटाई करेगा। गांव के अन्य किसान जिसमें मास्टर शेर सिंह, मोहन लाल, नीरज पराशर, हरदेव सिंह व सौरभ मिन्हास ने कहा कि वे भी सुपर एस.एम.एस से ही धान की कटाई करते हैं। किसानों ने बताया कि अब तक गांव में 30 एकड़ धान की कटाई सुपर एस.एम. एस के  माध्मय से की जा चुकी है। वे अब हैप्पी सीडर के माध्यम से ही गेहूं की बिजाई भी करेंगे। डिप्टी कमिश्रर ने गांव धौलाखेड़ा के किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मिशन तंदुरु स्त पंजाब के अंतर्गत वातावरण को शुद्ध रखने में  ऐसे किसानों का योगदान प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि बाकी किसानों को भी इसी तरह जागरु क हो कर पराली को जलाने से परहेज करना चाहिए और इसके प्रबंधन की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि किसान सुपर एस.एम.एस कंबाइन के साथ ही धान की कटाई करें, क्योंकि इससे किसानों को धान के अवशेषों को आग लगाने की जरु रत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सुपर एस.एम.एस कंबाइन पर लगाने के लिए सरकार की ओर से 56 हजार रु पये सब्सिडी सुविधा भी मुहैया करवाई जा रही है।  उन्होंने कहा कि जिन कंबाइन मालिकों ने अभी तक सुपर एस.एम.एस नहीं लगाया, वे तुरंत इसको लगाना सुनिश्चित बनाएं। श्रीमती ईशा कालिया ने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक मिशन तंदुरु स्त पंजाब के अंतर्गत फसलों के अवशेषों को खेतों में ही प्रबंधन करने के लिए काफी लाभप्रद साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेषों को आग लगाए बिना खेतों में ही इसका प्रबंधन करने के लिए किसानों को आधुनिक मशीनों की बहुत जरु रत है और इलाके के किसान उक्त  सोसायटियों से यह मशीनें किराए पर ले सकते हैं। उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा कि धान की पराली के प्रबंधन के लिए एस.एम.एस सिस्टम, हैप्पी सीडर, रिवर्सिबल मोल्ड बोल्ड प्लो, मल्चर से पैडी स्ट्रा चौपर से शरैडर आधि आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा सकता है। डिप्टी कमिश्रर ने किसानों को अपील करते हुए उन्होंने कहा कि  वे वातावरण व जमीन की उपजाऊ शक्ति  बरकरार रखने के लिए आगे आएं, क्योंकि फसल के अवशेषों को आग लगाना मानवीय स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। इसके अलावा जमीन के अंदर के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं, जो जमीन के उत्पादन में असर डालते हैं। उन्होंने कहा कि धान की पराली को आग लगाने पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगाई गई है और जिले में पराली को जलाने के रु झान को रोकने के लिए 598 गांवों में नोडल अधिकारी और उनकी सहायता के लिए 32 कोआर्डिनेटिंग अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उक्त  अधिकारी जहां जागरु कता फैलाएंगे, वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों को लागू भी करेंगे। उन्होंने कहा कि एन.जी.टी की हिदायतों अनुसार धान की पराली को आग लगाने वाले किसानों को जुर्माना भी किया जाएगा।