5 Dariya News

नाईपर, एस.ए.एस. नगर के दसवें दीक्षांत समारोह में 272 छात्रों से सम्मानित किया

5 Dariya News

एस.ए.एस. नगर (मोहाली) 13-Oct-2018

"यह एक लाल पत्र दिवस है, जो आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है। आपके माता-पिता को आपकी उपलब्धियों पर गर्व है तथा मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं। नाईपर, मोहाली में अध्ययन करना आप सभी के लिए गौरव की बात है जिसे देश में फार्मास्युटिकल और संबंधित विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान में नेतृत्व प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था – ये शब्द प्रोफेसर जी पदमनाबन के थे जो भारतीय विज्ञान संस्थान (आई.आई.एस.सी.), बेंगलूरू के पूर्व निदेशक और प्लैटिनम जुबली वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं, जो आज 13 अक्टूबर, 2018 को नाईपर संयोजन केंद्र में आयोजित 10 वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि थे। प्रोफेसर रघुराम राव अक्किनेपल्ली, निदेशक, नाईपर ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। प्रोफेसर रघुराम राव ने छात्रों, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, नाईपर के छात्रों और इस दीक्षांत के स्नातक छात्रों, प्रेस और मीडिया कर्मियों का स्वागत किया। नाईपर के बारे में जानकारी देते हुए डॉ राव ने संस्थान का इतिहास साझा किया - फार्मास्यूटिकल विज्ञान एवं अनुसंधान  के लिए उत्कृष्ट संस्थान के रूप में, नाईपर के पहले निदेशक 1994 में नियुक्त हुए थे ।  वर्ष 1998 में संसद के एक अधिनियम द्वारा संस्थान को "राष्ट्रीय महत्व का संस्थान" घोषित किया गया था। वर्ष 1998 से संस्थान में एम्.एस. फार्म., एम्. फार्म., एम.टेक (फार्म) और पीएच.डी. पाठ्यक्रम प्रारंभ हुआ था ।

प्रोफेसर जी पदमनाबन जो भारतीय विज्ञान संस्थान (आई.आई.एस.सी.), बेंगलूरू के पूर्व निदेशक और प्लैटिनम जुबली वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं,  ने दीक्षांत अभिभाषण प्रस्तुत किया । प्रोफेसर जी पदमनाबन ने कहा कि नाईपर , मोहाली के दसवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के लिए मुझे आमंत्रित करना वास्तव मं एक सम्मान और गर्व की बात है। सबसे पहले उन्होंने उन सभी छात्रों को बधाई दी जिन्हें दीक्षांत समारोह में डिग्रियों से सम्मानित किया गया । उन्होंने आगे कहा कि नाईपर , मोहाली की सफलता ने भारत सरकार को औषधीय क्षेत्र की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए देश भर में अधिक नाईपर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया है। प्रोफेसर जी पदमनाबन ने समस्त वैज्ञानिको एवं छात्रों को बताया कि उद्योग जगत में उनकी बड़ी मांग है। नाईपर देश में फार्मास्यूटिकल विज्ञान शिक्षा में अग्रणी रहा है, मुझे लगता है कि नई दवा खोज और चिकित्सा के बदलते परिदृश्य में अनुसंधान एवं विकास के लिए एक पावरहाउस के रूप में खुद को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है। मेरा मानना है कि मजबूत अनुसंधान एवं प्रगति के आधार के साथ नाईपर उद्योग जगत और मानव संसाधन से जुड़ी जेनेरिक और ज्ञान आधारित छोटी बायोटेक कंपनियों में मजबूत आधार के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मैं इसके लिए मानव जाति और जानवरों के कल्याण के लिए नई दवा अणुओं की खोज की चुनौती लेने के लिए छात्रों और संकाय से आग्रह करता हूं। मैं नाईपर को औषधीय विज्ञान एवं शिक्षा के क्षेत्र में अपने उच्च मानक को बनाए रखने के लिए बधाई देता हूं।

दीक्षांत समारोह के दौरान निदेशक डॉ रघुराम राव ने कहा कि नाईपर ने पिछले 2 दशकों में फार्मेसी शिक्षा में सांस्कृतिक परिवर्तन में योगदान दिया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि फार्मेसी शिक्षा को आधुनिक विज्ञान धाराओं और प्रौद्योगिकी विकास के साथ एकीकृत करने की आवश्यकता है। इस उद्देश्य के साथ नाईपर औषधीय  शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि सभी पूर्व छात्र इसमें अपना अग्रणी योगदान दे रहे हैं और इस बैच के स्नातक छात्र भी उसी मार्ग का पालन करेंगे। मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि इस महान संस्थान में सभी की कड़ी मेहनत और समर्पण के द्वारा भारत में फार्मेसी संस्थानों के बीच नाईपर, एस.ए.एस. नगर को एन.आई.आर.एफ. - 2018 रैंकिंग में नंबर 1 स्थान प्राप्त हुआ है । हम वैश्विक रैंकिंग में भी इस प्रकार की उम्मीद करते हैं। इस दीक्षांत समारोह में एम. फार्म (21) / एम.एस. फार्म. (165) / एम. टेक. (23) / एम.बी.ए. फार्म (35) / पीएचडी के 28 छात्रों को डिग्रियों से सम्मानित किया गया। सुश्री तान्या रल्ली, एमएस (फार्म) बैच 2016-18 और श्री मिस्बाह अजाज लोन, एमबीए (फार्मा) बैच 2016-18 डिग्री प्राप्तकर्ताओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया । पिछले कुछ वर्षों में नाईपर ने नए और औद्योगिक सम्बन्धी पाठ्यक्रम और जोड़े हैं। वर्तमान में, नाईपर 10 विभागों में 15 एम.एस. और पी.एच.डी. पाठ्यक्रम आयोजित करवा रहा है। 2001 में इस संस्थान का पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था जिसे प्रो. एम.एम. शर्मा, आईसीटी, मुंबई, भारत द्वारा संबोधित किया गया था। अब तक कुल 09 दीक्षांत समारोह आयोजित किए जा चुके हैं जिन्हें डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे अग्रणीं, प्रो वी. कृष्णमूर्ति, प्रो. सी.एन.आर. राव, प्रो. एम.वी.एस. वालिथन, डॉ एम.एस. गिल, प्रो. जी. मेहता, प्रो. सी.के. कोकाटे  और प्रो. जी.डी. यादव ने संबोधित किया था। पिछले समस्त दीक्षांत समारोह के दौरान कुल 2698 मास्टर्स छात्रों और 270 पीएच.डी. छात्रों को डिग्रियां प्रदान की जा चुकी हैं ।