5 Dariya News

संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा 16वें रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया

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मनीमाजरा 30-Sep-2018

संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वाधान से मनीमाजरा ब्रांच के 16वें रक्तदान  शिविर का आयोजन  स्थनीय संत निरंकारी सत्संग भवन में  किया गया। इस शिविर में270 श्रद्धालुओं सहित 36महिलाओं ने रक्तदान किया। शिविर का शुभारम्भ चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, देवेश मोदगिल  ने अपने कर कमलों द्वारा किया। इस अवसर पर मेयर देवेश मौदगिल ने कहा कि रक्तदान, जीवन बचाने के लिए एक महान उद्यम है।  रक्तदान उस व्यक्ति के लिए एक अनमोल उपहार है, जिसका जीवन बचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संत निरंकारी मिशन द्वारा सामाजिक गतिविधियों में दिए जा रहे योगदान की जितनी सराहना की जाये , वो कम है। जब भी चंडीगढ़ नगर निगम या चंडीगढ़ प्रशासन को कोई आवश्यकता होती है तो निरंकारी मिशन के अनुयायी सदैव सहयोग के लिए अग्रणी नजऱ आते हैं।इस अवसर पर चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री के 0 के 0 कश्यप ने मेयर देवेश मौदगिल व रक्तदाताओं  का अभिनन्दन किया । उन्होंने बताया कि बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने 1986 में रक्तदान शिविर आरम्भ किये थे । उनके भाव भी रहे कि "मानव रक्त नालियों में नहीं , नाडिय़ों में बहना चाहिए।" आज सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी सभी भक्तों को मानवता के लिए जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं।

उन्होंने कहा कि अब तक  कुल ५५६० शिविरों में 10 लाख से अधिक यूनिट रक्तदान दिया जा चुका है। इस मौके पर चंडीगढ़ के संयोजक श्री नवीन पाठक ने कहा कि रक्तदान शिविर में आने वाले श्रद्धालुओं में सतगुरु के प्रति प्रेम भाव ही होता है, जिस कारण शिविर में रक्तदान करने वालों की लंबी कतारें लगी होती है।इस अवसर पर संत निरंकारी मिशन के मनीमाजरा ब्रांच के मुखी श्री देविंदर भजनी ने मेयर देवेश मौदगिल, चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री के 0 के 0 कश्यप व रक्तदाताओं का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया और कहा कि मनीमाजरा का यह 16वां रक्तदान शिविर है। उन्होंने कहा कि अगर हम किसी को हाथ देकर मदद करना चाहते हैं,तो जरुरत है बाजू आगे बढ़ाने की। भाव रक्तदान बाजु आगे बढ़ाने से ही संभव है।पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के  ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट  प्रोफेसर डॉ हरी कृष्ण धवन  के  नेतृत्व में17सदस्यीय टीम व  सेक्टर -16 स्थित  गवर्नमेंट मल्टी  स्पेशलिटी अस्पताल के ब्लड ट्रांस्फ्यूजऩ अधिकारी डॉ सिमरजीत कौर गिल के नेतृत्व में 16  सदस्यीय टीम ने यूनिट एकत्रित किये।