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ज्वालामुखी में धूमधाम से मनाई गई बसंत पंचमी

5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)

धर्मशाला 04-Feb-2014

ज्वालामुखी में आज बंसत पंचमी पूरे उल्लास व धर्मिक श्रद्धा के साथ मनाई गई।  मंदिरों मे खासी भीड़ थी, जगह जगह मां सरस्वती का गुणगान किया गया।  कई जगह  भंडारे का आयोजन था। राजकीय वरिष्ठ माध्मिक पाठशाला ज्वालामुखी में आयोजित  समारोह में समाज सेवी कांता दत्त की ओर से स्कूल परिसर में स्थापित सरस्वती की प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। बड़ी तादाद में यहां जुअ लोगों व स्कूली बच्चों ने सरस्वती का गुणगान किया व भजन भी गाये।  इस अवसर पर बोलते हुये मुख्यतिथि मंदिर न्यास ज्वालामुखी में वरिष्ठ सदस्य भवानी दत्त शास् 9 ने  सरस्वती व बंसत पंचमी की महिमा का उल्लेख करते हुये बताया कि  भारतीय संस्कृति में अलग-अलग ऋतुओं का अपना महत्व है। हमारे व्रत और त्योहार ऋतुओं के साथ-साथ चलते हैं। वसंत ऋतु की पंचमी तिथि का अपना पौराणिक और धार्मिक महत्व है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की आराधना होती है इस दिन को विद्या की देवी सरस्वती की पूजा का दिन माना जाता है।  बकौल उनके ऐसा मानना है कि वसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का अवतार हुआ था। इसलिए इस दिन सरस्वती की पूजा की जाती है। भवानी दत्त शास्त्री ने  बताया कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना करने के बाद, मनुष्य की रचना की। मनुष्य की रचना के बाद उन्होंने अनुभव किया कि मनुष्य की रचना मात्र से ही सृष्टि की गति को संचालित नहीं किया जा सकता। उन्होंने अनुभव किया कि नि:शब्द सृष्टि का औचित्य नहीं है, क्योंकि शब्द हीनता के कारण विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं था और अभिव्यक्ति के माध्यम के नहीं होने के कारण ज्ञान का प्रसार नहीं हो पा रहा था।  लिहाजा विष्णु से अनुमति लेकर उन्होंने एक चतुर्भुजी स्त्री की रचना की जिसके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। बारह राशियों में सूर्य या पृथ्वी के घूमने में लगने वाले बारह महीनों को दो-दो मासों के वर्गों में बांटकर 6 ऋतु की कल्पना बड़े व्यावहारिक तरीके से भारत में की गई है। इनमें वसंत ऋतु को सबका राजा ऋतुराज कहा गया है। इस अवसर पर बोलते हुये स्कूल के प्राचार्य ओ पी वशिष्ठ ने कांता दत्त की मिशनरी भावना की सराहना करते हुये  कहा कि इसी तरह हमें भी समाज सेवा में जुटे लोगों से आगे बढऩे की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने प्रतिमा की स्थापना के लिये आभार जताया। इससे पहले स्कूली बच्चों को हलवा प्रसाद भी बांटा गया। इस अवसर पर शयाम सुन्दर , अशिवनी दत्त, संस्कृत कालेज के प्राचार्य प्रवल शास्त्री व अन्य गणमान्य लोग  भी उपस्थित थे।