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अकाली दल द्वारा कांग्रेस सरकार की सिख पंथ तथा सिख संस्थाओं के खिलाफ छेड़ी द्वेषपूर्ण मुहिम विरूद्ध राज्यभर में रोष प्रदर्शन

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चंडीगढ़ 01-Sep-2018

कांग्रेस सरकार की सिख संस्थाओं तथा सिख पंथ को कमजोर करने के लिए गर्मख्याली गुटों तथा आप नेताओं के साथ मिलकर शुरू की द्वेषपूर्ण मुहिम तथा सांप्रदायिक सौहार्द्र को भंग करने के लिए रची साजिश के खिलाफ शिरोमणी अकाली दल ने आज राज्य भर में सारे 117 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में रोष प्रदर्शन किए। हर चुनाव क्षेत्र में हजारों गिनती में अकाली दल के वर्कर तथा सीनियर नेताओं ने ‘कांग्रेस सरकार मुर्दाबाद’ के नारे लगाते हुए गलीयों तथा बाजारों में रोष प्रदर्शन किए।इस मौके कांग्रेसी अध्यक्ष राहुल गांधी,मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ तथा बलजीत सिंह दादूवाल जैसे गर्मख्याली नेताओं के पुतले जलाए गए। अलग अलग चुनाव क्षेत्रों में इन रोष प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले सीनियर नेताओं में महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, सिकंदर सिंह मलुका, जत्थेदार तोता सिंह, डाॅ. दलजीत सिंह चीमा,प्रेम सिंह चंदूमाजरा तथा हीरा सिंह गाबड़ीया शामिल थे।रोष प्रदर्शन वाली जगहों पर अकाली दल के वर्करों ने पंजाब कांग्रेस के मुखिया सुनील जाखड़ की अकालियों को यह कहकर धमकाने के लिए निंदा की कि उन्हे गांवों में नही जाने दिया जाएगा। अकाली कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी को चेतावनी दी कि वे शांति तथा सांप्रदायिक सौहार्द्र को भंग नही होने देंगे तथा कांग्रेस पार्टी को कहा कि वे राज्य को दोबारा हिंसा की आग में धकेलने की कोशिश न करें।

प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले अकाली नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार गर्मख्याली गुटों से मिलकर शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी समेत सिख संस्थाओं पर कब्जा जमाने के लिए शिअद को बदनाम करने की साजिश कर रही है। उन्होने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार अपने राजनैतिक फायदों के लिए सिखों को बांटने वाला अपना पुराना सिख विरोधी एजेंडा लागू करने की कोशिश कर रही है।ऐसा ही इसने 1980 के दशक में किया था, जब सिख संस्थाओं पर कब्जा जमाने की लालसा में राज्य को आतंकवाद की अंधी गुफा में धकेल दिया है। 1984 सिख कत्लेआम के मुद्दे पर मुख्यमंत्री द्वारा मारी पल्टी की निंदा करते हुए अकाली नेताओं ने कहा कि कांग्रेस अपने गुप्त राजनीतिक फायदे के लिए दोहरा खेल रही है। उन्होने कहा कि एक तरफ ये द्वेषपूर्ण मुहिम के जरिये अकाली दल तथा इसके सीनियर नेताओं को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, दूसरी तरफ ये 1984 में हुए हजारों सिख कत्लेआम के केस में कांग्रेस को क्लीनचिट देने की कोशिश कर रही है।उन्होने कहा कि शिअद कांग्रेस को अपने राजनीतिक फायदे के लिए सिखों को बांटने नही देगा।