5 Dariya News

संविधान जल रहा है सरकार देख रही है : दिग्विजय चौटाला

5 Dariya News

भिवानी (हरियाणा) 22-Aug-2018

इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने 9 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर छोटी सोच के लोगों के द्वारा संविधान की प्रतियां जलाने के मामले पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि संविधान जल रहा है और सरकार मूक दर्शक बनकर देख रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश का संविधान उसके निवासियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। उस संविधान को सर्व श्रेष्ठ संविधान कहा जाता है, लेकिन जब से भाजपा की सरकार देश व प्रदेश के अंदर बनी है तब से अजारकता का माहौल बना हुआ है। जहां पहले गीता, गाय, संस्कृत भाषा और नदियों के नाम पर आए दिन सरकार ढक ोसले करते हुए नजर आती थी वहीं धर्म मजहब जात-पात के मामले बड़ी संख्या में सामने आने लगे थे। इनेलो नेता ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब से भाजपा की सरकार केंद्र में बनी है ऐसा क्या हो गया कि आए दिन मुददों पर माहौल खराब होता नजर आता है। कभी तो किसी समाज के उपर फिल्म के माध्यम से गलत सीन डाले जाते हैं तो कभी प्रदेश की उच्च स्तरीय परीक्षा में अन्य समाज के खिलाफ गलत प्रश्र पूछा जाता है तो कभी आरक्षण की आड़ में गलत तरीके से देश का माहौल खराब करवाया जाता है तो कभी दलितों के उपर अत्याचार करवाए जाते हैं। 

यही नहीं विडम्बना तो तब नजर आती है जब देश के संविधान के उपर ही कुछ शरारती तत्वों द्वारा अंगुली उठाई जाती है और जंतर-मंतर जैसी जगह पर संविधान की प्रतियां जलाई जाती हैं। दिग्विजय ने हैरानी जताते हुए कहा कि प्रतियां जलाने वाले लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई ना होना इस बात का प्रमाण है कि यह सरकार मूक दर्शक बनकर देखना पसंद करती है। उन्होंने कहा कि भारत देश कृषि  प्रधान, दलित, पिछड़ो के साथ-साथ उन महान वीरों का देश है जिन्होंने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी आज भाजपा सरकार उन वीर शहीदों के उपर फोकस ना डालकर आरएसएस के संस्थापक और आरएसएस की नीतियों का गुणगान करती हुई नजर आती है। भाजपा विशेष के लोगों के नाम पर सडक़ों का बदल दिया जाता है। यह सब अशोभनीय है। जननायक चौ. देवीलाल संविधान के अनुयायी थी और उन्हीं से प्रेरणा लेकर डा. भीम राव अम्बेडक़र के द्वारा लिखा संविधान को ही सर्व श्रेष्ठ संविधान मानते हैं। इंडियन नेशनल स्टूडेंटस आर्गेनाईजेशन तो बकायदा बाबा साहेब के बिना और चौधरी देवीलाल के बिना कुछ भी नजर नहीं आती। इसलिए इनसो इन महापुरूषों के दिखाए गए मार्ग पर चलती है। उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में चेताते हुए कहा कि देश के संविधान की प्रतियां जलाना सरकार के मुंह पर तमाचा है।