5 Dariya News

चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी की नई पहलकदमियां जारी

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चंडीगढ़ 19-Aug-2018

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस कृष्ण मुरारी द्वारा आज जुडिशियल अकैडमी चण्डीगढ़ में न्याय प्रणाली को सुविधाजनक और असरदार ढंग से लोगों तक पहुँचाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की कई नई पहलकदमियां जारी की गईं जिनके द्वारा हाईकोर्ट में वकीलों मुद्दईयों और आम नागरिकों को पेश कानूनी कठिनाईयों का हल सरल ढंग से करके ज़रूरी कानूनी सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी। हाई कोर्ट की कानूनी सेवाओं को नागरिकों तक सरल ढंग से पहुंचाने के लिए जिन सूचना प्रौद्योगिकी की नई पहलकदमियों को जारी किया गया उनमें ई -पेमेंट ऑफ हाई कोर्ट सर्विसिज़, ऐंड्रॉयड आधारित मोबाईल एप्लीकेशन, ऑनलाईन ग्रीवैंस एंड फीडबैक व्यवस्था, श्योरटी इन्फर्मेशन मैनेजमेंट व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर वैब एप्लीकेशन, क्रिस्टल रिपोटर््स सोफ्टवेयर और ई-नोटिसिस नामक नई आई.टी. पहलकदमियों को लोगों की सुविधा के लिए जारी किया गया।  क्योंकि इन आई.टी. सोफ्टवेयरों को हाई कोर्ट और जि़ला कोर्टों के मुलाजिमों द्वारा ही बनाया गया है इस कारण चीफ़ जस्टिस ने इन सोफ्टवेयरों को लांच करने के लिए इनको बनाने वाले मुलाजिमों को ही बटन दबाकर जारी करने के लिए कहा। चीफ़ जस्टिस ने मुलाजिमों के इस उत्तम दर्जे के कार्य की प्रशंसा करते हुए यह आशा भी व्यक्त कि अदालतों के और मुलाजि़म भी ऐसे प्रयास करके सूचना तकनीक के ज़रिये कोर्टों में मुद्दईयों, वकीलों और आम नागरिकों को पेश आती कठिनाईयों का हल ढूँढेंगे।

13 मई 2018 को की गई मीटिंग के सम्बन्ध में मुख्य न्यायाधीश द्वारा पंजाब, हरियाणा और चण्डीगढ़ के सभी जि़ला और सैशन जजों के साथ आपसी विचार विमर्श के दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस सैशन के दौरान पेडिंग पड़े मामलों के जल्दी निपटारे के लिए तौर तरीकों पर चर्चा की गई और इसके साथ ही महिलाओं और बच्चों पर होते जुल्मों संबंधी मामलों के जल्द निपटारे और एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत दायर मामलों के जल्द निपटारे बारे निर्देश दिए। इस अवसर पर जस्टिस राजेश बिन्दल, जस्टिस पी.बी. बाजांथरी, जस्टिस राजवीर शेरावत, जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु, जस्टिस सुधीर मित्तल, पंजाब और हरियाणा राज्यों के एडवोकेट जनरल, डीजीपी पंजाब, डीजी (एचक्यू) हरियाणा, डीजपीपी, यूटी, चंडीगढ़, चीफ जनरल मैनेजर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड हरियाणा बार एसोसिएशन के पदाधिकारी आदि भी उपस्थित थे।स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से और मुद्दईयों की सुविधा के लिए एक मल्टी आप्शन पेमेंट सिस्टम (एम.ओ.पी.एस) की शुरुआत की गई है, जिससे कोर्ट की कोई सेवा हासिल करने के लिए दी जाती फीस जमा करवाने में बहुत सहायता मिलेगी। इसी तरह कोर्ट से सम्बन्धित कई अन्य खर्चों को आसान करने के लिए इंटरनेट बैंकिंग डेबिट/क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी जल्द ही शुरू की जायेगी। हाई कोर्ट तथा पंजाब और हरियाणा के जिला कोर्टों में कौपिंग (नकल लेना), जांच करने जैसी कई सेवाओं को प्राप्त करने के एवज में किये जाते भुगतान को और आसान बनाने के उद्देश्य से बैंक द्वारा विशेष प्री-पेड कार्ड भी जारी किये गए हैं। इसके साथ ही एक ऐंड्रॉयड मोबाईल एप्लीकेशन की शुरुआत भी की गई, जोकि गूगल प्ले स्टोर से बहुत आसानी से डाउनलोड करके इस्तेमाल की जा सकती है। इसके साथ अब कोई भी व्यक्ति या मुद्ई अपने मुकद्मे संबंधी कोई भी जानकारी बहुत आसानी से प्राप्त कर सकेगा।

मुद्दई किसी भी कानून व्यवस्था का एक अटूट अंग होता है और उसकी (मुद्दई) कठिनाईयों का निवारण करने के साथ-साथ उनकी तरफ से कोर्ट के व्यवहार में किसी किस्म के सुधारों के लिए दिए सुझावों को मान्यता देना भी कोर्ट की जिम्मेदारी है। इसके अलावा मुद्दईयों और आम जनता की तरफ से कोर्ट के कामकाज के प्रति अपनी राय और सुझाव देने के लिए ऑनलाइन ग्रीवैंस और फीडबैक व्यवस्था नाम की एप्लीकेशन भी चलाई जा रही है। कोर्ट में चल रहे दिवानी और फौजदारी मुकदमों में झूठे और जाली दस्तावेजों के आधार पर जमानत भरने वालों की पहचान के लिए श्योरिटी इंफरमेशन मैनेजमैंट व्यवस्था का आगाज हो चुका है जिससे विभिन्न मामलों में बार -बार झूठी जमानत देने वाले लोगों पर नकेल कसी जा सके। इसके अलावा इन्फ्र ास्ट्रक्चर वैब एप्लीकेशन की सहायता से जुडिशियल कोर्ट कम्पलैक्सों और रिहायशी इमारतों की मौजूदा दशा संबंधी जानकारी भी आसानी से देखी जा सकती है। रिपोर्टें तैयार करने के लिए पंजाब, हरियाणा और चण्डीगढ़ की सबॉर्डीनेट कोर्टों में इस्तेमाल करे जाते 'केस इंफरमेशन सिस्टम 3.0 की जगह जिला कोर्टों के कर्मचारियों की तरफ से तैयार किये क्रिस्टल रिपोर्टस साफटवेयर (सीसीआर 3.0) ने ले ली है। इस सुविधा के आने से अब जिला कोर्टों के जजों को मुकद्मो की प्रगति पर नज़र रखना और भी आसान हो जायेगा। इसी तरह पंजाब के सांझ केन्द्रों में ई -नोटिस की सुविधा की शुरुआत, सम्बन्धित पुलिस थानों को आसान और तीव्र गति से नोटिस पहुँचाने में सहायक सिद्ध होगी। इससे पहले हाई कोर्ट की तरफ से एक संशोधन के अंतर्गत अब कोई भी मुद्ई पंजाब और हरियाणा के किसी भी जिला कोर्ट में अर्जी देकर हाई कोर्ट की तरफ से दिए किसी भी हुक्म या फैसले की तसदीकशुदा कॉपी आसानी से प्राप्त कर सकता है।