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एस.सी. छात्रवृति की रकम जारी न करके मोदी सरकार ने अपना दलित विरोधी रूप प्रकट किया- सुनील जाखड

कहा, भाजपा सरकार नहीं चाहती कि एस.सी. श्रेणियों के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके

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नई दिल्ली 02-Aug-2018

पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रधान और गुरदासपुर से लोक सभा मैंबर सुनील जाखड ने कहा है कि ऐस.सी. श्रेणियों के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना के अंतर्गत पंजाब के हिस्से की पिछले 2 सालों की 1287 करोड रुपए की रकम जारी न करके मोदी सरकार ने अपना दलित विरोधी रूप एक बार फिर प्रकट कर दिया है। जाखड आज संसद भवन के बाहर कांग्रेस पार्टी के सांसदों समेत केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन के मौके पर पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ अबिंका सोनी, प्रताप सिंह बाजवा, संतोख चौधरी, गुरजीत सिंह औजला और रवनीत सिंह बिट्टू भी उपस्थित थे।सुनील जाखड ने कहा कि एस.सी. श्रेणियों के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक पजीफा स्कीम मनमोहन सिंह सरकार ने प्रमुखता के साथ शुरू की थी और इस के अंतर्गत ऐस.सी. श्रेणियों के जिन परिवारों की सालाना आमदन ढाई लाख रुपए से कम हो के बच्चों को 10वीं से आगे पढाई के लिए वजीफा मिलता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने यह स्कीम इस उद्देश्य के साथ शुरू की कि हर एक गरीब का बच्चा ऊँची पढाई करके देश के विकास में योगदान करने के योग्य बन सके। परन्तु 2014  में केंद्र में बनी मोदी सरकार लगातार पंजाब के साथ इस स्कीम के अंतर्गत वजीफे की रकम जारी करने में देरी करती आ रही है और अब तो बकाया 1287.02 करोड में से 780 करोड रुपए का बोझ कम्यूटिड लाईबिलटी के नाम पर केंद्र सरकार पंजाब के सिर डालना चाहती है। 

जाखड ने कहा कि जिस तरह मनमोहन सिंह सरकार ने इस स्कीम को लागू किया था यह स्कीम उसी तर्ज़ा और चलनी चाहिए क्योंकि मोदी सरकार की तरफ से शुरू की नुकसादार जीऐसटी प्रणाली के बाद राज्यों के अपने आर्थिक साधन असीधे तौर पर केंद्र सरकार के पास आ गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि मोदी सरकार ने इस योजना में केंद्र राज हिस्सेदारी के अनुपात में कोई बदलाव किया तो यह भाजपा सरकार का एक ओर ऐस.सी. विरोधी कदम ही होगा।श्री जाखड ने कहा कि एक तरफ तो प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी मन की बात में गरीबों की शिक्षा पर जोर देते नहीं थक्कते दूसरी और कमजोर वर्गों के लिए वजीफा रोक कर उन की सरकार गरीबों के बच्चों से पढाई का हक भी छीनने जा रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने इस योजना में ईस बार ओर घातक बदलाव किया है जिस के अंतर्गत विद्यार्थी ने दाखिले के समय ट्यूशन फीस भरनी है और बाद में जब केंद्र सरकार रकम जारी करेगी तो विद्यार्थी को वज़ाीफा मिलेगा। जब कि पहले विद्यार्थी को बिना ट्यूसिन फीस के दाखिला मिलता था और वजीफे की अदायगी कालेज को होती थी। उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों के पास दाखिले लेने के लिए भी पैसे नहीं हैं और इस कारण ये विद्यार्थी अपनी पढाई अर्ध में ही छोडने के लिए मजबूर हो रहे हैं। श्री जाखड ने कहा कि मोदी सरकार सोची समझी योजना के अंतर्गत ऐस.सी. श्रेणियों के बच्चों की पढाई में रुकावट डाल रही है क्योंकि भाजपा की सोच ही पिछडे वर्गों के विरोधी रही है और इसी कारण यह सरकार नहीं चाहती कि गरीबों के बच्चे पढें। उन्हों ने इस मौके मोदी सरकार से जोरदार तरीके से माँग की कि पंजाब के पिछले दो सालों के बकाया 1287 करोड रुपए तुरंत जारी किये जाएँ।