5 Dariya News

'आप' ने प्राईवेट ठेकेदारों की ओर से लगाई जा रही पशु मंडियों को रद्द करने की मांग की

सरकार अपने स्तर पर पशु मंडियों का करे आयोजन - कंवर संधू

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चंडीगढ़ 06-Jul-2018

आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को सूबे भर में प्राईवेट ठेकेदारों की ओर से लगाई जा रही पशु मंडियों को रद्द कर हरियाणा की तर्ज पर पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से अपने स्तर पर पशु मंडियों का आयोजन करने की मांग की। चण्डीगढ़ में पत्रकारों को संबोधन करते खरड़ से विधायक और पार्टी के विधायक दल के प्रवक्ता कंवर संधू, कुलतार सिंह संधवां, पिरमल सिंह खालसा, मीत हेयर और अमरजीत सिंह संधोआ (सभी विधायक) ने कहा कि सरकार कई सालों से प्राईवेट ठेकेदारों के हाथों डयेरी फार्मिंग करने वाले किसानों की लूट करवा रही है। उन्होंने कहा कि जबकि कृषि इनकम टैकस से रहित है तो पशु पालकों से सरकार पशु खरीद और बेचने के नाम पर भारी राशि क्यों वसूल रही है। संधू ने कहा कि पिछले साल का ठेका 30 जून को खत्म हो गया है और अगले साल के ठेके की बोली 10 जून को होनी बाकी है। सरकार ने किसानों और ठेकेदारों के दबाव के कारण यह बोली पहले ही 3 बार रद्द की है। उन्होंने कहा कि इस साल पशु मेलों की बोली की निर्धारित राशि 72 करोड़ रुपए रखी गई है जब कि पिछले साल यह 105 करोड़ रुपए थी, जो कि किसानों की सरेआम लूट है। 

संधू ने कहा कि पंजाब में 19 जिलों में 1 साल में 900 के करीब पशु मेले (हर महीने 75) लगते हैं। कुछ स्थान जैसे कि खरड़ नजदीक दाओ माजरा गांव में हर महीने 4 बार पशु मेला लगाया जाता है। कंवर संधू ने कहा कि पंजाब में किसानों को पशु खरीदने जा बेचने पर करीब 2000 रुपए अदा करने पड़ते हैं जबकि हरियाणा में इस कार्य के लिए सिर्फ 60 रुपए वसूले जाते हैं, इस का कारण यह है कि हरियाणा में सरकार ख़ुद अपने विभागों के द्वारा पशु मंडियों का आयोजन करती है। उन्होंने कहा कि पंजाब में भी जब पंजाब कैटल फेयर रैगूलेशन एक्ट 1967 के पास किया गया था तो हरियाणा की तरह ही सरकारी मंडियां लगती थीं, परंतु पिछले कुछ सालों में इसको बदल कर प्राईवेट व्यापारियों के हाथ में दे दिया गया है जिस के साथ कि छोटे किसानों और पशु पालकों जमकर लूट हुई है। संधू ने मांग की है कि ऐसी पशु मंडियों से कमाई हुई राशि को सूबे में डेयरी फार्मिंग को उत्साहित करने और पशु अस्पतालों की हालत सुधारने के लिए ही प्रयोग में लानाचाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मिंग एसोसिएशन लम्बे समय से इस की मांग करती आ रही है, परंतु इन पैसों का उपयोग ओर कामों के लिए किया जाता है। 

उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में पंजाब के पशूओं की भारी मांग है और यूपी और बिहार जैसे राज्यों से भी व्यापारी पंजाब के पशु खरीदने के लिए आते हैं। विधायक ने कहा कि उन्होंने पिछली दिनों ख़ुद दाओ माजरा पशु मेले में शिरकत की और लोगों की समस्याएं सुनी हैं। इस दौरान उनको फालतू पैसे वसूलने की अनेकों शिकायतें मिलीं हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के नियमों अनुसार पशु खरीदने या बेचने पर 4 प्रतिशत कर निर्धारित किया गया है परंतु इन मंडियों में इससे कहीं ज़्यादा पैसा वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि पैसा वसूले जाने के बावजूद भी पशु मंडियों की हालत दयनीय है और वहां चलना भी मुश्किल होता है। संधू ने कहा कि पंजाब में विभिन्नता लाने के लिए पशु पालन एक बढिय़ा बदल हो सकता है और इस के साथ किसानों को फसली चक्कर में से निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार के ऐसे गलत फैसलों और किसानों की लूट के कारण किसान अब इस धंधे से भी मुंह मोडऩे लग गए हैं जो कि सूबे की किसानी और वित्तीय हालात के लिए घातक साबित हो सकता है।