5 Dariya News

दुष्यंत चौटाला पानी पीकर कोसते रहे, अधिकारी पसीना पौंछते रहे

किसानों को बीमा की राशि नहीं मिली तो मैं खुद करूंगा पुलिस में शिकायत : दुष्यंत चौटाला

5 Dariya News

भिवानी (हरियाणा) 04-Jul-2018

हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला लघु सचिवालय में पानी पीकर अधिकारियों को कोसते रहे और अधिकारी जवाब न मिलने के कारण अपना पसीना पौंछते रहे। किसी अधिकारी के पास दुष्यंत के सवालों का जवाब नहीं मिला। कुछ ऐसा ही नजारा बुधवार को दिशा की मीटिंग में देखने को मिला।हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए गांव घुसकानी से इस मीटिंग की शुरूआत की। सांसद ने जिला शिक्षा अधिकारी से जब यह पूछा कि घुसकानी गांव के सरकारी स्कूल के बच्चे अब कहां पर पढ़ेंगे, क्योंकि आपने स्कूल की सारी बिल्डिंग तोड़ दी है। बिल्डिंग ही नहीं तोड़ी, बल्कि आपने तो लाखों रूपयों की ईंट भी बेच डाली। इस पर शिक्षा विभाग के अधिकारी बगले झांकने लगे और कोई जवाब नहीं दे पाए। सांसद ने जब यह कहा कि वहां पर टैंट लगाकर बच्चों को पढ़ा दो तो शिक्षा विभाग के अधिकारी ने कहा कि एक कम्प्यूटर रूम में बच्चों को बैठाकर एडजेस्ट किया जा रहा है। सांसद चौटाला ने मीटिंग में उपस्थित जिला उपायुक्त को निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से चर्चा कर तुरंत स्कूल की बिल्डिंग के लिए ग्रांट जारी करवाएं।किसानों को मुआवजा मिलने की बात पूछी तो कृषि विभाग के अधिकारी गोलमाल जवाब देने लगे। 

सांसद चौटाला ने कहा कि आप लिखकर दो कि एक महीने के अंदर-अंदर किसानों को बीमे की राशि दे देंगे। इस पर अधिकारी ने कहा कि वह लिखकर तो नहीं दे सकते, लेकिन विश्वास दिलाते है कि महीने के अंदर-अंदर बीमे की राशि दे देंगे। सांसद अधिकारियों की बात से सहमत नहीं दिखे और कहा कि अगर 60 दिन के अंदर-अंदर बीमे की राशि नहीं दी तो मै स्वयं पुलिस में कृषि विभाग, बैंक एवं बीमा कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाऊंगा। सांसद ने बताया कि वर्ष 2017 की खरीफ फसल के करीब 80 करोड़ रूपये बीमा कंपनियों की तरफ बकाया है। लेकिन कोई भी किसानों की सूध नहीं ले रहा। सांसद चौटाला ने घुसकानी गांव में पिछले 6 माह से 50 लाख रूपये की लागत के पड़े पाईप न बिछाने का कारण पूछा तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि अब जल्द ही लगा देंगे।बिजली निगम के अधिकारी जब जगमग योजना के बारे में बताने लगे तो सांसद दुष्यंत ने निगम के अधिकारी से पूछा कि प्रदेश में कोई एक ऐसा गांव बताओ, जहां पर निर्बाध रूप से 24 घंटे बिजली आती हो। इस पर अधिकारी जवाब नहीं दे पाया। सांसद चौटाला ने अतिरिक्त उपायुक्त से जब यह पूछा कि दिव्यांगों को ई-ट्राईसाईकिल देने के लिए 23 माह पूर्व एस्टीमेट मांग रखे है तो आज तक एस्टीमेट क्यो नहीं बने। इस पर अतिरिक्त उपायुक्त ने यह कहकर अपनी जान बचाई कि सर मैने तो आज ही ज्वाईन किया है। इसी तरह भैणी रांगड़ान, जीताखेड़ी, सुमराखेड़ा, बोहल, सिकंदरपुर, भैणी कुंगड़ व रतेरा गांवों में पीने के पानी के वॉटर टैंकर का एस्टीमेट एक साल से पैंडिंग होने का कारण पूछा तो अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था। सांसद चौटाला ने कहा कि अगर एस्टीमेट नहीं बनाना आता तो मैं हिसार से एस्टीमेट की एक कॉपी भेज देता हूं, इस पर अधिकारियों ने कहा कि हिसार से कॉपी मिलते ही वे एस्टीमेट बना देंगे।