5 Dariya News

ओट सैंटर बन रहे हैं नशे को अलविदा कहने वालों का सहारा

श्री आनंदपुर साहिब में चल रहा है सेंटर 42 से अधिक नौजवान करवा चुके ने रजिस्ट्रेशन

5 Dariya News

श्री आनंदपुर साहिब 03-Jul-2018

पंजाब सरकार की तरफ से अफ़ीम, हेरोइन और इन पर अधारित नशीले पदार्थों से पीड़ितों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए स्थापित किये गए ओट (आउट पेशेंट ओपईड असिस्टड ट्रीटमेंट) सैंटर नशों को अलविदा कहने वालों का बड़ा सहारा बन कर उभर रहे हैं। श्री आनन्दपुर साहिब में काम कर रहे ओट सैंटर में अब तक बुपरानोरफ़ीन और नोलोकसन की दवा ले कर नशों से किनारा करने वाले 42 से भी अधिक नौजवान रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।इन नौजवानों, जिन्होंने 17 -5-18 को खुले इस केंद्र में अपना इलाज शुरू करवाया, आज बड़े गर्व के साथ बताते हैं कि उन की रोज़मर्रा की नशा करने की आदत इस केंद्र के इलाज ने छुड़वा दी है। नौजवान रोज़मर्रा की यहाँ पर दवाई लेने आते हैं और बताते हैं कि उन को अब नशे की कमी महसूस नहीं होती।स्थानिय सिविल अस्पताल में काम कर रहे ओट सैंटर श्री आनन्दपुर साहिब के इंचार्ज डा. ललित के अनुसार जब भी कोई मरीज़ उन के पास आता है तो सब से पहले उस की काउंसलिंग की जाती है। उस के बाद वह उन के पास रैफर किया जाता है। उस का चैक करने के बाद उसे यूनिक आई.डी. दे कर, मोरफ़ीन किट के साथ टैस्ट किया जाता है और पता लगाया जाता है कि वह किस तरह का नशा कर रहा है। 

इस के बाद उस का इलाज शुरू कर दिया जाता है। साथ ही उसे सिविल अस्पताल श्री आनन्दपुर साहिब में ऐच.आई.वी., हैपेटाईटस -सी और बी के टैस्ट करवाने भेज दिया जाता है। यदि इन में से किसी भी टैस्ट में वह पाज़ेटिव आता है तो उस का इलाज भी इसीके साथ शुरू कर दिया जाता है। एक ही सरिंज के इस्तेमाल करने कारण एच.आई.वी. और हैपेटाईटस -सी से ग्रसित होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। डा. ललित अनुसार नशा छुड़वाने के इलाज दौरान पहले दिन कम डोज़ दी जाती है,यदि ज़रूरत पड़े तो अगले दो दिन डोज़ बढ़ा कर देखी जाती है। उन्होंने बताया कि दवाई की मात्रा सम्बन्धि व्यक्ति के नशों की मात्रा के सेवन पर निर्भर करती है, यदि ज़्यादा है तो अधिक नहीं तो एक दिन में एक काफ़ी है। यह दवाई उसे रोज़मर्रा की ओट सैंटर आ कर डाक्टर के सामने खानी पड़ती है।सिविल अस्पताल श्री आनन्दपुर साहिब के एस.एम.ओ. डा. कविता भाटिया अनुसार यह सैंटर आम दिनों में प्रातः 8से सायं 2बजे तक और छुट्टी वाले दिनों में प्रातः 8से दोपहर 12 बजे तक काम करते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि इलाज लेने वाले व्यक्ति को दिया जाने वाला यूनिक आई.डी. उस की तरफ से किसी ओर जगह जाने की सूरत में वहाँ स्थित ओट सैंटर से दवाई लेने के लिए इस्तेमाल भी किया जा सकता है।