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लोकतंत्र की हत्या का डीएनऐ है गाँधी परिवार में : डॉ महेश शर्मा

पटेल को प्रधानमंत्री न बना कर नेहरु ने की थी लोकतंत्र की हत्या की शुरुआत

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चंडीगढ़ 26-Jun-2018

“ सरदार पटेल को देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए अधिकतर लोगों का एकमत था परन्तु बावजूद इसके नेहरु ने अपने आपको प्रधानमंत्री बनवा कर उसी दिन लोकतंत्र की हत्या की नींव रख दी थी | उनकी पुत्री इंदिरा गांधी ने तो तानाशाही की सारी हदें पार कर दी थी | इंदिरा और हिटलर दोनों ने कभी संविधान को नहीं माना। इंदिरा ने विपक्ष पर अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाकर संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल लागू किया और अनुच्छेद 359 के तहत मौलिक अधिकारों को समाप्त किया | इंदिरा की हत्या के बाद निर्दोष सिक्खों को जिन्दा जला कर और मौत के घाट उतारकर राजीव गाँधी ने भी लोकतंत्र की हत्या को बढावा दिया और कर्णाटक में जनताके निर्णय को भी दरकिनार करते हुए एक ऐसी पार्टी के साथ राहुल गाँधी ने गठबंधन कर लिया जिनको सबसे कम सीट प्राप्त हुई | ऐसा करके उन्होंने भी लोकतंत्र की हत्या का एक और सबूत दिया | लगता है कि गाँधी परिवार में लोकतंत्र की हत्या का डीएनऐ मौजूद है |”  यह बात कला व् संस्कृति विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ महेश शर्मा ने आज भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ द्वाराआपातकाल दिवस पर आयोजित काला दिवस कार्यक्रम के दौरान पत्रकार वार्ता के समय व्यक्त किये |उन्होंने आपातकाल के दिनों को याद करते हुए कहा कि जिसकिसी ने भी उस समय इंदिरा गाँधी और कांग्रेस पार्टी का विरोध किया उसको सीधा जेल में डाला जाने लगा | उनके परिवार वालों को भांति भांति की यातनाएं दी जाने लगी | लाखों की संख्या में उस समय लोगों को जेलों में भेज दिया | इतना ही नहीं राजनैतिक षड्यंत्र और उस समय के बड़े कद्दावर नेताओंकी आवाज़ को दबाने के लिए मीसा कानून के अंतर्गत जेलों को भरा जाने लगा| ऐसा प्रतीत होता था कि देश में क़ानून नाम की कोई चीज़ नहीं और आपातकाल की आड़ में लोकतंत्र की हत्या का नंगा नाच हो रहा था | यहाँ तक कि देश की लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता जगत को भी इस से अछूता नहीं छोड़ा गया | 

कोई उस समय कांग्रेस पार्टी और इंदिरा गाँधी के खिलाफ कुछ न छापें इसके लिए समाचार पत्रों के अधिकारों पर भी वार किया गया | समाचार पत्रों की आजादी पर भी पाबंदी लगा दी गई | उन्होंने कहा कि ये हमारे देश के लोकतंत्र की ख़ूबसूरती रही है कि इंदिरा गांधी की लाख कोशिशों के बावजूद देश की जनता ने लोकतंत्र को मिटने नहीं दिया और इंदिरा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा कर ये साफ़ कर दिया था कि हमारे देश में तानाशाही का एक ही नतीजा है और वो है सत्ता से बाहर जाने का रास्ता | उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं जब से कांग्रेस पार्टी की भागडोरगाँधी परिवार के हाथों में रही है तब तब देश में लोकतंत्र को खत्म करने की उनकी तरफ से हमेशा कोशिश की जाती रही है | सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रधानमन्त्री बनने से रोकने में भी जवाहरलाल नेहरु का हाथ रहा यदि पटेल देश के प्रधानमन्त्री होती तो आज कश्मीर की समस्या पैदा ही न होती | अपने राजनैतिक स्वार्थ के चलते उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की | उसके उपरान्त इंदिरा गांधी ने तो पहले इमरजेंसी फिर उसके बाद दक्ष की जनता पर अत्याचार किये | उनकी हत्या के उपरान्त राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान 1984 मेंदिल्ली में हजारों सिक्खों की जिंदगी के साथ मौत का तांडव किया गया | उनकोजिन्दा जलाया और कईयों को तो तलवारों से काटा गया | उस समय भी भाजपा सिक्खों के साथ खड़ी थी और आज भी उनके साथ खड़ी है| उन्होंने कहा कि जिस कौम ने देश में धर्म की खातिर अपने परिवारों को कुर्बान कर दिया आखिर उनके साथ ऐसा घिनोना मौत का खेल क्या लोकतंत्र की हत्या नहीं था | तब सरकार ने उनके इशारों पर काम करने वाले गुर्गों के खिलाफ सबूतों को मिटने तक का भी घोर पाप किया | आज सिक्ख कौम और देश की जनता उनको कैसे माफ़ कर सकती है |

हाल ही में कर्नाटक के राजनैतिक घटनाक्रम पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी ने तो जहाँ जहाँ भी चुनाव के दौरान अपने दौरे किये वहां कांग्रेस पार्टी की को भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा| राहुलगाँधी ने तो कर्नाटक में वहां की जनता के फैसले का भी अनादर किया | सबसे बड़े दल को सत्ता से बाहर रखने के लिए कम सीट हासिल करने वाले छोटे दल के साथ मिलकर सरकार तक बना डाली | वहां की जनता के फैसले का गला घोंटा और अपने राजनैतिक फायदे के लिए एक बार फिर से लोकतंत्र की हत्या की| साथ ही ऐसे सब करके उन्होंने  साबित किया कि गाँधी परिवार अन्य सदस्यों की भाँती वो भी देश में लोकतंत्र की हत्या करने वालों में से एक हैं| आज कांग्रेस पार्टी का देश में जनाधार लगातार गिरता जा रहा है और बजाये इसके चिंता करने के उल्टा वो केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं | उनके नेता आये दिन लोगों को गुमराह करने केलिए मनगढ़ंत बयानबाजी करने में लगे हुए हैं | जबकि सत्यता तो ये है कि जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की सेवा का बीड़ा उठाया है तब से कांग्रेस एक के बाद एक राज्यों से सिमट कर तीन राज्यों तक रह गई है और उधर भारतीय जनता पार्टी के बीच लोगों का विश्वास दिनोदिन बढ़ता जा रहा है | आज विश्व में भारत, भारतीय और हमारी संस्कृति की अलग से एक पहचान बननी शुरू हुई है | हमारे देश को जो सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्त्व के दौरान मिल रहा है ऐसा कभी नहीं हुआ | आज अन्य देश भी भारत के साथ व्यापार करने की और बढ़ रहे हैं | वहां के भारतीय मूल के लोगों को आदर की दृष्टि से देखने लगे हैं ये लोकतंत्र की जीत नहीं तो और क्या है |उन्होंने कहा  किप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश की सीमाओं दुश्मन को धुल चटाने का जो काम किया है वो लोकतंत्र की मिसाल है | इसलिए कांग्रेस चाहे जितना मर्जी दुष्प्रचार कर ले, भारतीय जनता पार्टी सदा लोकतंत्र की पक्षधर रही है और उसकी रक्षा के लिए वो किसी भी प्रकार से कोई समझोता नहीं करेगी चाहे फिर वो सर्जिकल स्ट्राइक हो या कुछ और आज हमारे देश की सरकार एक निर्णायक सरकार है और देश की आन के लिए न पहले समझौता किया और न भविष्य में करेगी |