5 Dariya News

सरकार बेहतर आपदा तैयारियों के लिए एसओपी को आगे बढ़ाएगी- जावेद मुस्तफा मीर

‘20 लाख सैंड बैग, 30 नई नौकाएं, 20 रबड़ नौकाएं खरीदी जाएंगी’

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श्रीनगर 06-Jun-2018

आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास एंव पुनर्निर्माण मंत्री जावेद मुस्तफा मीर ने आपातकालीन स्थितियों से निपटने हेतु सरकार की तैयारियों के आकलन हेतु आयोजित अधिकारियों की आज एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षकता करते हुए कहा कि सरकार सभी हितधारकों के लिए एक उचित मानक संसाधन प्रक्रिया (एसओपी) स्थापित करेगी जो राज्य में किसी भी आपदा और प्राकृतिक आपदा के मामले में उनकी समर्पण भाव तथा तालमेल के साथ काम करने में मदद करेगी। मुख्य सचिव बी.बी. व्यास, आरएंडबी के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा, एफसीएसएंडसीए आयुक्त सचिव डॉ. अब्दुल रशीद, मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान, डीएमआरआरआर सचिव तलत परवेज, एडीजी (सुरक्षा) मुनीर अहमद खान, दमकल एवं आपातकालीन सेवा निदेशक आर.टी.दुबे, आरएंडबी के मुख्य अभियंता निसार अहमद भटट, एनडीआरएफ कमांडैंट रवी कुमार, एसएमसी श्रीनगर के एसई सरताज सिंह, जेटीएफआरपी के सीईओ विनोद शर्मा, आईएंडएफसी के मुख्य अभियंता एम.एम. शाहनवाज, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण निदेशक आमिर अली, एनडीएमए, एसडीआरएफ तथा मौसम विभाग के वरिश्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। 

मंत्री ने एक माह के भीतर जिला स्तर पर आपातकालीन परिचालन के लिए (ईओसी) को मजबूत बनाने के निर्देश दिये ताकि किसी भी स्थिति में लोगों को कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार भूकंप, बाढ़, तुफान, बादल फटने या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा के चलते किसी भी प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए एक तंत्र स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि प्राकृतिक आपदाओं का कोई निश्चित समय नहीं है लेकिन किसी आपात स्थिति से निपटने की अग्रिम तैयारी की जानी चाहिए।  मंत्री को जानकारी दी गई कि झेहलम-तवी बाढ़ बहाली परियोजना के तहत भारत सरकार ने झेहलम नदी की ड्रेजिंग, जिसे 2015 में शुरू किया गया था, के लिए 399.29 करोड़ की राशि उपलब्ध करवाई है। इसके अतिरिक्त उन्हें बताया गया कि श्रीनगर में 90 प्रतिशत डेªजिंग कार्य पूरा हो चुका है जबकि बारामुला तथा अन्य क्षेत्रों में 81 प्रतिशत कार्य पूरा किया गया है। आईएंडएफसी विभाग कश्मीर को एक टीम बनाने के निर्देश दिये गये जो किसी भी बाढ़ स्थिति को कम करने के लिए ड्रेजिंग के प्रभाव का आकलन करेगी। तैयारियों तथा आवश्यकताओं की जानकारी लेते हुए मुख्य सचिव बी.बी. व्यास ने सम्बंधितों को योजना विभाग को 30 नौकाओं तथा 20 रबड़ नौकाओं की खरीद के लिए प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिये ताकि तदानुसार धनराशि जारी की जा सके। उन्होंने उन्हें 50 लाख की लागत के 20 लाख रेत बैग की खरीद के लिए एक प्रस्ताव पेश करने के निर्देश भी दिये। यह निर्णय लिया गया कि सभी उपायुक्त राशन स्टोरों की स्थापना के लिए अपने सम्बंधित जिलों में सुविधा जनक स्थलों की पहचान सुनिश्चित करेंगे। 

शहर की डिवाटरिंग से सम्बंधित बैठक में बताया गया कि किसी भी स्थिति के मामले में तत्काल डिवाटरिंग के लिए एक प्रभावित तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह भी बताया गया कि शहर में 80 पम्पिंग स्टेशन सेवा में हैं जबकि एसएमसी अधिकारियों के पास 114 डिवाटरिंग पम्प उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त यह भी कहा गया कि आर्थिक पुनर्निर्माण एजैंसी (ईरा) द्वारा 24 डिवाटरिंग तथा विश्व बैंक वित्तय पोशण के तहत 49 स्टेशनों को अपग्रेड किया जा रहा है। बैठक में किसी भी घटना से निपटने के लिए संचार प्रणाली, लोगों की निकासी, टैªक्टरों, ट्रकों और टिप्परों के आऊटसोर्सिंग के सम्बंध में विस्तृत चर्चा की गई। यह बताया गया कि भारतीय मौसम विभाग समय पर मौसम पूर्वानुमान की रिकार्डिंग और प्रसार के लिए शीघ्र ही राज्य में 3 और डोप्लर स्थापित करेगा। ऊर्जा विकास विभाग को एक आपदा प्रबंधन इकाई स्थापित करने के निर्देश दिये गये जिसमें प्रतिक्रिया टीम के नामिक सदस्यों के साथ एक नियंत्रण कक्ष होगा। इसके अतिरिक्त सभी उपायुक्तों को तुरंत एक अभ्यास ड्रिल करने के निर्देश दिये गये जो अन्यथा निकासी, संचार और सम्पर्क योजना की तैयारी की जांच करेगा।