5 Dariya News

पंजाब: देश के खाद्य भंडार से फूड प्रोसेसिंग की धुरी की ओर

विश्व बैंक द्वारा राज्य में व्यापार के लिए अनुकूल माहौल का निर्माण करने हेतु पंजाब की प्रशंसा

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चंडीगढ़ 17-May-2018

देश के अन्नदाता के तौर पर मशहूर पंजाब अब फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में मुख्य धुरी बनने जा रहा है। पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार फूड प्रोसैसिंग के क्षेत्र में काम कर रहे उद्योगों के लिए पसंदीदा राज्य के तौर पर विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और पंजाब को दुनिया भर में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए वचनबद्ध है।पंजाब सरकार की तरफ से फूड प्रोसेसिंग संबंधी अपनाई गई उद्योग समर्थकी नीति को विश्व बैंक की तरफ से व्यापार करने के लिए सर्वोत्तम स्थान दिया गया है। जि़क्रयोग्य है कि विश्व बैंक की तरफ से प्रशंसा पाने वाले पंजाब के लिए अब फूड प्रोसेसिंग उद्योग के क्षेत्र में राज्य के लिए और संभावनाओं का रास्ता साफ हो गया है। औद्योगिक और व्यापारिक नीति -2017 के साथ लैस पंजाब अब जल्द ही फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए तैयार है।राज्य में उद्योग के लिए अनुकूल माहौल सृजन करने हित बड़ा कदम उठाते हुए पंजाब के उद्योग और वाणिज्य मंत्री श्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने कहा कि राज्य में जहाँ तीन मेगा फूड पार्कों (लाडोवाल फूड पार्क लुधियाना, सुखजीत मेगा फूड पार्क फगवाड़ा और इंटरनेशनल मेगा फूड पार्क फाजिल्का) स्थापित किये जा रहे हैं, वहीं अमृतसर -कोलकाता इंडस्ट्रियल कोरीडोर के अंतर्गत राज्य में दो मैनुफ़ेक्चरिंग कलस्स्टर स्थापित किये जाएंगे। इसी तरह लुधियाना में 'उच्च तकनीक मैनुफ़ेक्चरिंग कलस्स्टर और राजपुरा (पटियाला) में इंटिग्रेटिड मैनुफ़ेक्चरिंग कलस्स्टर स्थापित करना शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य में फूड प्रोसेसिंग सैक्टर के विकास के लिए सरकार की तरफ से बहुत अनुकूल वातावरण मुहैया करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के पास बिजली की कोई कमी नहीं है और यहाँ उद्योगों के लिए सस्ती दर पर और ज़रूरत अनुसार पूरी बिजली स्पलाई की जा रही है।यह खुलासा राज्य के उद्योग और वाणिज्य मंत्री पंजाब ने कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना में कन्फैड्रेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सी. आई. आई.) और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की हिस्सेदारी के साथ आयोजित किये गए पहले 'पंजाब एग्री एंड फूड कॉन्क्लेव को संबोधन करने के अवसर पर किया।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय के दौरान देश विदेश के 150 निवेशकों ने अकेले कृषि और फूड प्रोसेसिंग सैक्टर में 7 हज़ार करोड़ रुपए से और ज्यादा का निवेश किया है, जिनमें विश्व स्तरीय कंपनियाँ आई. टी. सी., पेप्सी, महिंद्रा, गोदरेज, कारगिल, नैरोलैक और रिलांयस आदि शामिल हैं।उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की औद्योगिक और व्यापारिक नीति -2017 में राज्य के एग्रो और फूड प्रोसेसिंग उद्योग क्षेत्र को अहम सैक्टर के तौर पर विकसित करने के लिए कई वित्तीय और ग़ैर वित्तीय रियायतें देने का ऐलान किया गया है।सम्मेलन के दौरान निवेशक की तरफ से उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए श्री अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि जो भी नौजवान या उद्यमी राज्य में नया उद्यम शुरू करना चाहता है तो बैंकों द्वारा किसी भी परेशानी के बिना 5 लाख रुपए से 25 लाख रुपए कजऱ्े की सुविधा मुहैया करवाई जायेगी। यदि कोई बैंक कजऱ् देने से आनाकानी करता है या परेशान करता है तो इस संबंधी बैंक के खि़लाफ़ पंजाब सरकार की तरफ से बनती कार्यवाही आरंभ की जायेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य के सभी डिप्टी कमीश्नरों को बाकायदा स्पष्ट हिदायतें जारी की गई हैं। उन्होंने स्थापित उद्योगपतियों को न्योता दिया कि वह व्यापारिक सामाजिक जि़म्मेदारी (सी. एस. आर.) गतिविधि के अंतर्गत लोगों का सामाजिक और आर्थिक उत्थान करने के लिए आगे आयें।सम्मेलन को संबोधन करते हुए उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री राकेश कुमार वर्मा और निर्देशक सी्र. डी. पी. एस. खरबन्दा ने पंजाब सरकार की तरफ से तैयार की गई पंजाब उद्योग और व्यापारिक नीति -2017 के विभिन्न पहलूओं पर रौशनी डाली। इस मौके पर 25 निवेशकों की तरफ से पंजाब सरकार के साथ राज्य में 70 करोड़ रुपए के निवेश के समझौते सहीबद्ध किये गए। 

इसके अलावा पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की तरफ से भी एक समझौता किया गया, जिसके अंतर्गत यूनिवर्सिटी में 15 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किये गए फूड प्रोसेसिंग यूनिट (प्रफुल्लित केंद्र) के द्वारा तकनीक का विकास किया जायेगा। यूनिवर्सिटी ने तकनीकी विकास को मुख्य रखते हुए फूड इंडस्ट्रीज के लिए 50 प्रतिशत छूट देने की पेशकश की है।इस मौके पर श्री अरोड़ा की उपस्थिति में अलग अलग उद्यमियों के साथ 70 करोड़ के 25 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गये। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र को और प्रफुल्लित करने के लिए पंजाब सरकार और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी में एक अहम समझौता भी सहीबद्ध किया गया। इस समझौते के अंतर्गत कृषि यूनिवर्सिटी अपनी मौजूदा सहूलतों के साथ साथ फूड प्रोसेसिंग उद्योग को 50 फीसदी छूट देने की भी पेशकश की।सम्मेलन के दौरान पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डा. बलदेव सिंह ढिल्लों और फूड क्षेत्र के साथ सम्बन्धित औद्योगिक शख्सियतें श्री भवदीप सरदाना (द सुखजीत स्टार्च एंड कैमीकलज़ लिमिटड), श्री संजय सिंघल (आई. टी. सी. लिमिटड), श्री अक्षय बैक्टर (क्रैमिका फूड इंडस्ट्रीज लिमिटड), श्री रिंकेश सतीजा (पैप्सीको कंपनी), श्री सन्दीप कपूर (स्कूल ऑफ बिजनस स्टड्डीज़) ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के साथ सम्बन्धित अलग -अलग विभागों, कई सरकारी एजेंसियोँ और निजी कंपनियोँ की तरफ से अपने फूड स्टाल भी लगाए गए।सम्मेलन में पंजाब एग्रो के मैनेजिंग डायरैक्टर और सचिव कृषि विभाग श्री विकास गर्ग के अलावा फूड क्षेत्र के साथ जुड़ी कई कंपनियों के नुमायंदे शामिल हुए जिनमें नबी, निफटैम्म, पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन, मार्कफैड्ड और मिल्कफैड्ड प्रमुख थे।