5 Dariya News

आर एस एस के एक राज्यपाल से आप और क्या आशा रख सकते हो - कर्नाटक की घटनाओं संबंधी पंजाब के कैप्टन मुख्यमंत्री की टिप्प्णी

भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक सियासत को बनाए रखने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट पर सबकी नजऱें - कैप्टन अमरिंदर सिंह

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चंडीगढ़ 17-May-2018

भारतीय जनता पार्टी के अपने सियासी आकाओं की इच्छा और ख्वाहिशें पूरी करने के लिए संविधान और लोकतांत्रिक सियासत का हत्याकांड करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कर्नाटक के राज्यपाल की तीखी आलोचना की है।कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान घटी घटनाओं संबंधी ताबड़-तोड़ बयान जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्यपाल वाजूभाई रूधाभाई वाला की तरफ से कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए अल्पसंख्यक पार्टी को न्योता देकर भारतीय लोकतंत्र और संविधान का कत्ल करने की शर्मनाक घटना पर गहरी चिंता प्रकट की।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह बहुत निराशाजनक घटना है कि राज्यपाल ने वरोधी पक्ष को तोडऩे और खऱीदो -फऱोख़्त के लिए भारतीय जनता पार्टी को समय दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''आर एस एस के एक राज्यपाल की तरफ से आप और क्या आशा कर सकते हो?इस पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी घटनाएँ घटीं हैं वह सिर्फ निराश करने वाली ही नहीं हैं बल्कि भारत के लिए ख़तरनाक भी हैं। पत्रकारों के एक ग्रुप के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ''हम नहीं चाहते कि भारत पाकिस्तान बने जहां हर कदम पर तानाशाहों और सेना की ओर से लोकतंत्र को हानि पहुंचाई गई है।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि समूचा देश कर्नाटक के राज्यपाल से यह जानना चाहता है कि उन्होंने किस तर्क के आधार पर अल्पसंख्यक भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया जबकि हाल ही में गोआ और मणीपुर मतदान में हंग पोल होने के मामलों में मतदान के बाद के बहुमत गठजोड़ के हक में स्पष्ट तौर पर मिसाल स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि बहुमत के समर्थन वाली पार्टी को सरकार बनाने का राज्यपाल की तरफ से न्योता दिया जाना चाहिए था और तुरंत सदन में बहुमत साबित करवाना चाहिए न कि अल्पसंख्यक पार्टी को सरकार बनाने और बहुमत साबित करने के लिए 15 दनों का समय देकर विपक्ष को तोडऩे और खऱीदो -फऱोख़्त का रास्ता खोलना चाहिए था।मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान को बनाए रखने के लिए अब भारत के लोग सुप्रीम कोर्ट की तरफ देख रहे हैं। उन्होंने उम्मीद प्रकट की है कि हमेशा की तरह न्यायपालिका अब भी भारतीय लोकतांत्रिक ढांचे को बचाएगी जिसको विभाजनकारी शक्ति द्वारा क्षति पहुंचाई जा रही है और भारत की शांतीपूर्ण संबंधों और सांप्रदायिक सदभावनाओं को नुक्सान पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट संविधान का रक्षक है जिसके विरुद्ध कर्नाटक के राज्यपाल ने कार्य किया है।इससे पहले मुख्यमंत्री ने अपने कड़े ट्वीट में लिखा ''कर्नाटक में लोकतंत्र को बुरी तरह तोडा-मरोड़ा, विकृत और कत्ल किया गया है। यह भारत के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। अब सभी नजऱें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हुई हैं कि यह संविधान की रक्षा के लिए आगे बढ़े जोकि हमारे देश की बुनियाद है।