5 Dariya News

बी.एस.येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

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बेंगलुरू 17-May-2018

भाजपा के विधायक दल के नेता बी.एस.येदियुरप्पा ने गुरुवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने गुरुवार को कड़ी सुरक्षा एवं व्यवस्था के बीच सुबह नौ बजे राजभवन में येदियुरप्पा को शपथ दिलाई। सफेद कपड़े पहने और कंधे पर हरा शॉल लिए येदियुरप्पा (75) ने भाजपा के केंद्रीय और राज्य के नेताओं और नवनिर्वाचित विधायकों के बीच कन्नड़ भाषा में शपथ ली। समारोह में पार्टी के कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नेता शामिल हुए जिनमें केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जे.पी.नड्डा, डी.वी.सदानंद गौड़ा और अनंत कुमार और राज्य से लोकसभा सांसद प्रह्लाद जोशी और शोभा करांदलाजे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शपथ ग्रहण समारोह शामिल थे। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने संबंधी कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की संयुक्त रिट याचिका खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण मामले के अंतिम नतीजे के अधीन है और इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को 10.30 बजे होगी। न्यायाधीश ए.के.सीकरी के नेतृत्व में पीठ ने उस पत्र को पेश करने को कहा, जिसे येदियुरप्पा ने बुधवार को राज्यपाल को लिखते हुए उन्हें सूचित किया था कि कर्नाटक में भाजपा के विधायक दल के नेता के रूप में उनका चुनाव किया गया है।

वाला ने बुधवार रात येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया। वाला ने येदियुरप्पा को लिखे पत्र में कहा, “मैं आपको सदन में विश्वास मत पेश करने का निर्देश भी देता हूं। आपको राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर पद ग्रहण करने की तारीख से 15 दिनों के भीतर सदन में विश्वास मत साबित करना होगा।”कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में 104 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन वह बहुमत के 112 के आंकड़े से आठ सीटे दूर रही। वहीं कांग्रेस ने 78 सीटे जीतीं जबकि जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने 37 सीटें जीती। येदियुरप्पा आठवीं बार शिकारीपुरा से चुनाव जीते हैं। उन्होंने तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। वह पहली बार अक्टूबर 2007 में जेडीएस-भाजपागठबंधन सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन उनकी सरकार लगभग एक महीना ही टिक पाई। परिणामस्वरूप राज्य में नवंबर से अप्रैल तक राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया और मई 2008 में मध्यावधि चुनाव हुए। मई 2008 चुनाव में वह दोबारा मुख्यमंत्री बने।