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कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिक्षा के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए अन्य सभी विभागों के बजट में 5' कटौती करने का प्रस्ताव रखा

सुप्रीम कोर्ट द्वारा सतलुज-यमुना लिंक नहर का शांतिशील हल निकालने की आशा

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चण्डीगढ़ 16-May-2018

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिक्षा के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए अन्य सभी विभागों के बजट में 5' कटौती करने का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य के विकास और प्रगति के लिए शिक्षा की बहुत अहम महत्ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा राज्य की उन्न्ती की महत्वपूर्ण धुरी है और उनकी सरकार शिक्षा में निवेश बढ़ाने की ज़रूरत पडऩे पर अन्य विभागों को आबंटित किये बजट में कटौती करने सहित अन्य सभी कदम उठाऐगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से शिक्षा के लिए 887 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी जबकि इस समय 14 प्रतिशत बजट शिक्षा के लिए आबंटित है जो 2916 करोड़ रुपए बनता है। अन्य विभागों को आबंटित हुए बजट का पाँच प्रतिशत पैसा बचा लेने से यह बजट बढ़कर 3803 करोड़ रुपए हो जायेगा जो 21 प्रतिशत बनता है। मुख्यमंत्री ने यह विचार जी-पंजाब, हरियाणा, हिमाचल टी.वी. चैनल की तरफ से यहाँ करवाए कृषि सम्मेलन-18 के दौरान पेश किये। चैनल के मुख्य संपादक दिनेश शर्मा के साथ विचार-विमर्श के दौरान मुख्यमंत्री ने पानी के बाँट पर अपने स्टैंड को दोहराते हुए कहा कि पंजाब के पास दूसरे सूबों को देने के लिए पूरा पानी नहीं है और उन्होंने भूमिगत पानी के स्तर की नाजुक स्थिति का भी जि़क्र किया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पानी के गिर रहे स्तर और सूबे में फ़सलीय चक्कर को अहम मसले बताते हुए कहा कि बहुत से इलाकों में पानी का स्तर नीचे चले जाने के कारण पंजाब इस समय पानी के गंभीर संकट से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल के समय सूखे की स्थिति के दौरान राजस्थान को दिए पानी का जि़क्र करते हुए कहा कि उस समय से लेकर अब तक हालात में बहुत बड़ी तबदीली आई है और ग्लेशियर पिघलने से पंजाब के पानी का संकट बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे पंजाब और हरियाणा के बीच साधनों की बाँट 60:40 के अनुपात से हुई परन्तु यमुना नदी का सारा पानी हरियाणा को चला गया जिसको ब्यास-रावी-सतलुज के 40 प्रतिशत पानी सहित शारदा लिंक से अतिरिक्त पानी भी चला गया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जब पानी की बाँट के मसले का फ़ैसला हो गया, फिर ही सतलुज -यमुना लिंक नहर के निर्माण का मामला हल हो सकता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस मसले का शांतिशील हल निकालने की उम्मीद ज़ाहिर की।

मुख्यमंत्री ने भूमिगत पानी को बचाने के लिए बूंद सिंचाई, हवाई छिड़काव और हाईड्रोपोनिक जैसे विभिन्न नवीनतम तरीकों के प्रयोग की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार शहरों को नहरी पानी की स्पलाई देने पर काम कर रही है जिससे भूमिगत पानी के दुरुपयोग पर काबू पाने और बीमारियों के फैलाव को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक और एशियन डिवैल्पमैंट बैंक की साधन जुटाने की शर्त के अनुरूप 200 रू प्रति माह प्रोफेशनल टैक्स लगाया गया है जिससे शहरों को नहरों का साफ़ पानी उपलब्ध करवाने में ज़रुरी फंड और साधन हासिल होंगे। सम्मेलन में एक दर्शक के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि का संकट राष्ट्रीय समस्या है जिसको केंद्र सरकार द्वारा हल किये जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि इस गंभीर मसले को राजनैतिक लाभ कमाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और अब भी केंद्र सरकार ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजऱ ही कृषि क्षेत्र के लिए कुछ कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब एक कृषि आधारित राज्य है। इसकी कृषि योग्य ज़मीन 2 प्रतिशत से भी कम है परन्तु यह देश के समूचे खाद्य उत्पादन में 12.5 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से इस समय कृषि मोर्चे पर बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में भूमि की उपजाउू शक्ति कम हो रही है, पानी का स्तर नीचे जा रहा है और गेहूँ एवं धान के झाड़ में तकरीबन रुकावट आ गई है। इसी कारण किसानों की वास्तविक आय कम हो रही है जबकि उन पर कजऱ्े का बोझ अधिक रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक मुद्दे हैं जिसमें केंद्र के तत्काल दख़ल की ज़रूरत है। मुख्यमंत्री ने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू किये जाने की ज़रूरत फिर दोहराई। उन्होंने कीमत ढांचे में इसको विशेष तौर पर लागू करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि गेहूँ और धान के रिकार्ड उत्पादन के बावजूद पंजाब के किसान मंदी का शिकार हैं। उन्होंने कहा कि 1976 के बाद सरकारी कर्मचारियों का वेतन 100 गुणा से ज़्यादा बढ़ गया है जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य सिफऱ् 22 गुणा बढ़ा है इस कारण किसानों के लिए कृषि का धंधा पूरी तरह ग़ैर-लाभप्रद बन गया है। फ़सलीय चक्कर में तबदीली लाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस समय अमरीका, इजराईल और कैनेडा के साथ खोज हिस्सेदारी के द्वारा एक नये मॉडल पर काम कर रही है। कपास की कृषि के लिए उजबेकिस्तान के साथ एक अदान-प्रदान प्रोग्राम विचाराधीन है। 

उन्होंने कहा कि कपास के नये बीज वृद्धि के लिए कम समय लेते हैं जो किसानों के लिए लाभप्रद हो सकते हैं। किसानों को पानी की अधिक उपभोग करने वाली धान की फ़सल से निकालकर मक्का जैसी वैकल्पिक फसलों की तरफ ले जाने के लिए सरकार द्वारा कड़े प्रयास किये जाने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की तबदीली में सुविधा प्रदान करने के लिए भारत सरकार को इन फसलों पर भी उपयुक्त न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया करवाना चाहिए। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने की महत्ता पर ज़ोर दिया और कहा कि दूध पंजाब की दूसरी 'फ़सल है।  सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री ने जनवरी से शुरू की कजऱ् माफी स्कीम के अधीन इस वर्ष नवंबर तक सभी किसानों के कृषि कजऱ्े माफ करने की प्रक्रिया अपनी सरकार द्वारा मुकम्मल किये जाने की अपनी वचनबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि 2.02 लाख किसानों के लिए लगभग 999.67 की राहत मुहैया करवाई गई है। उपस्थित लोगों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि राशि का मूल और ब्याज दोनों को मिलाकर 2 लाख रुपए की राशि तक कृषि ऋण माफ करने का उनकी सरकार की तरफ से ऐलान किया गया है। सूबे में किसानों की आत्महत्याओँ के मामले में कमी आने के सम्बन्ध में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आत्महत्याओँ का मामला बहुत ही चिंताजनक है और इसका हल कृषि को लाभप्रद बनाकर ही किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे पंजाब में वित्तीय मोर्चे पर सुधार हो रहा है परन्तु अभी भी स्थिति गंभीर है जोकि किसानों के लिए और भी ज़्यादा प्रयास किये जाने में उनकी सरकार के समक्ष रुकावट बन रही है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर वित्तीय स्थिति अकाली -भाजपा सरकार से विरासत में मिली है और कांग्रेस को इस गंभीरता का पहले पता नहीं था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य की आर्थिकता को अकेली कृषि उछाल नहीं दे सकती जिस कारण उनकी सरकार ने उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ध्यान केंद्रित किया है और आर्थिकता को फिर से पटरी पर लाने और रोजग़ार के मौके बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा परंपरागत प्राकृतिक उर्वरकों की तरफ वापिस जाने पर दिए गए सुझाव के सम्बन्ध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका हल उर्वरकों पर निर्भरता को कम करना और पहले फ़सलीय चक्कर की तरफ मुडऩा है।