5 Dariya News

मीजलज़ -रूबैला टीकाकरण सुरक्षित है - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, विश्व स्वास्थ्य संगठन और पीजीआई माहिर

स्वास्थ्य विभाग पंजाब, विश्व स्वास्थ्य संगठन और पीजीआई के माहिरों द्वारा एमआर टीकाकरण के विरुद्ध झूठी अफ़वाहों का किया गया खंडन

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चंडीगढ़ 10-May-2018

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, पंजाब ब्रह्म मोहिंद्रा के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन और पीजीआई, चण्डीगढ़ के माहिरों द्वारा संयुक्त रूप में मीज़लज़ -रूबैला टीकाकरण के विरुद्ध समाज विरोधी तत्वों द्वारा फैलाई जा रही झूठी अफ़वाहों का खंडन किया गया और मीज़लज़ -रूबैला टीकाकरण अभियान की महत्ता संबंधी बताया गया। स्थ्य मंत्री, पंजाब, पीजीआई चण्डीगढ़ बच्चों के माहिर और अतिरिक्त प्रोफ़ैसर डा. संजय वर्मा और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डा. श्रीनिवासन् ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मीज़लज़ -रूबैला टीकाकरण पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है और यह बच्चों के मौत के 2 बड़े कारण सिद्ध हुए मीज़लज़ और रूबैला की बीमारी से बचाव करता है। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सोशल मीडिया और समाज विरोधी तत्वों द्वारा झूठी और गलत अफ़वाहों का खंडन करते हुए कहा गया कि मीज़लज़ -रूबैला विरोधी मुहिम एक सोची समझी साजिश है, जिससे लोग अब अच्छी तरह अवगत हो चुके हैं और अपने बच्चों के टीकाकरण के लिए अपने आप आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में से 14 राज्य /यूटी में लगभग 8 करोड़ बच्चों का सुरक्षित टीकाकरण किया जा चुका है। जबकि पंजाब में अब तक 14 लाख बच्चों का मीज़लज़ -रूबैला टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि केवल गुरूवार के दिन ही 2 लाख बच्चों का टीकाकरण किया गया है, जिससे पता लगता है कि इस राष्ट्रीय मुहिम की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा खुले तौर पर एमआर मुहिम विरोधियों को न्योता दिया गया है कि वह निजी तौर पर आ कर विश्व प्रसिद्ध संस्था पीजीआईएमईआर, चण्डीगढ़ और विश्व स्वास्थ्य संस्था के माहिरों के साथ आकर इस मुहिम संबंधी विचार साझे कर सकते हैं।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. संजय वर्मा ने कहा कि यह बीमारियाँ अब भी हमारे लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही हैं, जो बच्चों में जन्मजात बीमारियों और मृत्यु-दर का बड़ा कारण हैं। उन्होंने कहा कि वह पीजीआई में मीज़लज़ और कोनजैनीटल रूबैला सिंड्रोम के मरीजों का इलाज कर रहे हैं जबकि साधारण टीकाकरण के साथ ही मीज़लज़ -रूबैला के साथ होने वाली बरसाती बीमारियों और मौतों को रोका जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि यहां यह भी बताना ज़रूरी है कि बीमारी के इलाज की अपेक्षा बचाव करना बेहतर है और इन बीमारियों के उपलब्ध इलाज के साथ मरीज़ के इलाज में काफ़ी समय लग जाता है, क्योंकि एक स्तर पर जा कर मरीज़ और एंटी बायोटिक दवाओं का प्रभाव कम हो जाता है। डा. श्रीनिवासन् ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि रोकी जा सकने वाली बीमारियों से बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण मीज़लज़ की बीमारी है, जिससे विश्व में वार्षिक एक लाख के करीब मौतें होती हैं, जिसमें से 30 प्रतिशत मौतें केवल भारत में ही हो रही हैं। उन्होंने कहा कि एमआर टीकाकरण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वैक्सीन भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा उच्च गुणवत्ता नियमावली अधीन बनाई जाती है और इसको विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित भी किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में इस्तेमाल किया जाने वाला टीका यूरोपियन देशों और अमरीका देश द्वारा रुटीन टीकाकरण में इस्तेमाल किया जा रहा है।

ब्रह्म मोहिंद्रा ने बठिंडा में एक बच्चे की मौत पर शौक प्रकट किया और स्पष्ट किया गया कि माहिरों द्वारा की गई प्राथमिक जाँच के अनुसार बठिंडा में हुई बच्चे की मौत का मीज़लज़ -रूबैला टीकाकरण के साथ कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन डाक्टरों के पास मरीज़ बच्चे को ले जाया गया था, उनके अनुसार बच्चो की मौत का कारण ऐक्यूट गैस्टरोइंटरटाईटस और डी-हाईड्रेशन है। उन्होंने कहा कि इसी तरह ही एक बच्चा पीजीआई, चण्डीगढ़ में दाखिल करवाया गया है, जिसको जीबी सिंड्रोम की बीमारी है और इस बीमारी का भी कोई संबंध एमआर टीकाकरण के साथ नहीं है। जबकि स्वास्थ्य विभाग, पंजाब ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए इस बच्चे को इलाज के लिए हर संभव और वित्तीय मदद मुहैया करवा रहा है। उन्होंने मीडिया से अपील करते हुए कहा कि वह केवल एमआर टीकाकरण मुहिम की सच्चाई को ही उजागर करें और इस मुहिम के विरुद्ध चलाईं जा रही झूठी और गलत अफ़वाहों का खंडन करने में स्वास्थ्य विभाग का अधिक से अधिक साथ दें। उन्होंने 9 महीने से 15 साल तक के बच्चों के माँ-बाप से अपील करते हुए कहा कि वह इन 2 नामुराद बीमारियों के देश में से ख़ात्मे के लिए बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण करवाएं। श्री ब्रह्म मोहिंद्रा की तरफ से विशेष तौर पर अध्यापक संगठनों को भी अपील की कि वह आप आगे आकर इस मुहिम का हिस्सा बनें और बच्चों के माँ बाप को मीज़लज़ रूबैला मुहिम के लाभ और ज़रूरत संबंधी जानकारी देकर मुहिम को सफल बनाएं।