5 Dariya News

नरेंद्र मोदी मुद्दों से भटका रहे हैं, कर्नाटक को देने के लिए उनके पास कुछ नहीं : राहुल गांधी

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नई दिल्ली 10-May-2018

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन पर प्रधानमंत्री बनने की इच्छा को लेकर किए गए हमले पर निशाना साधा और कहा कि मोदी कर्नाटक में लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटका रहे हैं। राहुल ने कांग्रेस की दोबारा सत्ता में वापसी पर भरोसा जताया। 12 मई को होने जा रहे चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन यहां संवाददाता सम्मेलन में राहुल ने कहा, “मोदी लोगों को भटकाना पसंद करते हैं। इस चुनाव का राहुल गांधी से कोई लेना देना नहीं है। यह चुनाव कर्नाटक के भविष्य को लेकर है। नरेंद्र मोदी के पास कर्नाटक के भविष्य के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए वह भटका रहे हैं। मैं इस भटकाव में शामिल नहीं होने जा रहा।”राहुल से पूछा गया था कि कुछ दिन पहले एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस 2019 के आम चुनाव में जीतती है तो वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं। इस पर नरेंद्र मोदी ने उन पर निशाना साधा है जिस पर उन्हें क्या कहना है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने कर्नाटक में चुनावी अभियान के दौरान खुद को मुझ पर और मेरे पार्टी के नेताओं पर व्यक्तिगत हमले करने तक सीमित कर दिया और पार्टी राज्य में लोगों को क्या देना चाहती है, इस बारे में गंभीर नहीं दिखाई दी। उन्होंने कहा, “उन लोगों ने इस बारे में नहीं बताया कि वे कर्नाटक के लिए क्या करना चाहते हैं। जबकि, कांग्रेस राज्य के लिए क्या करना चाहती है, यह बिल्कुल स्पष्ट है।”

उन्होंने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) पर कर्नाटक की लोगों की भावनाओं को कुचलने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस ऐसा होने की इजाजत नहीं देगी। राहुल गांधी ने त्रिशंकु विधानसभा की संभावना को खारिज करते हुए कहा, “मुझे इस बात पर भरोसा है कि कांग्रेस कर्नाटक में पूर्ण बहुमत से जीतेगी। लोगों ने राज्य भर में हमारे अभियान का पूरा समर्थन किया है।”उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जीत की संभावनाओं को लेकर पैदा हुए डर की घबराहट में अपने तमाम राष्ट्रीय नेताओं को मैदान में उतार दिया लेकिन कांग्रेस ने राज्य के ही अपने नेताओं की ताकत पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में आरएसएस की विचारधारा और कर्नाटक की भावना (स्प्रिट) के बीच लड़ाई है, जिसे कांग्रेस बचाना चाहती है। राहुल ने आरोप लगाया कि आरएसएस एक ही विचारधारा को सब पर थोप रहा है। 47 वर्षीय राहुल गांधी ने कहा, “लेकिन, हम ऐसा नहीं होने देंगे। यह चुनाव मेरे बारे में नहीं है। यह कर्नाटक के भविष्य के बारे में है। मोदी ने रोजगार का वादा किया था लेकिन वह नौकरियों के बारे में बात न करके राज्य के युवाओं का अपमान कर रहे हैं। इसके बजाए वह निजी हमले कर रहे हैं।

”उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि देश में प्रत्येक व्यक्ति को खुद को अभिव्यक्ति करने में सक्षम होना चाहिए और कर्नाटक में लोगों को अपनी भाषा, खाने, विश्वास और जिंदगी जीने के तरीके पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा, “एक तरफ आपके पास पूरे देश में एक ही अवधारणा वाला आरएसएस का विचार है। वहीं दूसरी तरफ आपके पास एक विचार है जो चाहता है कि देश में हर व्यक्ति खुद को अभिव्यक्त करने में सक्षम हो। कर्नाटक के मेरे सभी दोस्तों को अपने भोजन, अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए। अब यह लड़ाई इसी बात की बन गई है जिसका कोई आधा अधूरा जवाब संभव नहीं है।”उन्होंने कहा कि कर्नाटक का चुनाव सिर्फ दो पार्टियों के बीच नहीं बल्कि दो विचारधाराओं के बीच है। उन्होंने कहा कि आरएसएस हर एक संस्थान पर हमला कर रहा है। राहुल ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पहली बार लोगों से न्याय के लिए कह रहे हैं। इसका कारण यह है कि आरएसएस अपने लोगों को हर जगह नियुक्त कर रहा है। कर्नाटक के मेरे मित्रों, इस बात को ध्यान से सुनें। यह विचार आपकी भावनाओं (स्प्रिट) को दबाने का है। हम कभी भी आपकी भावना और बसावन्ना के विचार को दबाने की इजाजत नहीं देंगे।”

राहुल ने कहा, “हमने कुछ वादे किए और उन वादों को पूरा करके दिखाया। अब हमने ऐसा घोषणापत्र बनाया है जो सही मायने में यहां के लोगों की आवाज है।”राहुल ने कहा कि वरिष्ठ पार्टी नेता वीरप्पा मोइली ने इस घोषणापत्र को तैयार किया है। उन्होंने पूरे प्रदेश की यात्रा की है, मुद्दों को एक साथ समेटने से पहले उन्होंने हजारों लोगों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा, “हमने उस निचोड़ को सामने रखा है जिसे लोग अगले पांच वर्षो के दौरान देखना चाहेंगे।”कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “इसके विपरीत, भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणापत्र बंद कमरे में तीन-चार दिन पहले बनाया और वह भी हमारे वाले को कॉपी कर लिया। इसलिए उन लोगों में इस पर गंभीरता का अभाव है कि वह जनता के लिए क्या करना चाहते हैं..यह मुझे लगता है कि एक बड़ा अंतर है।”राहुल ने कहा, “मैंने कुछ महीनों में पूरे कर्नाटक की यात्रा की है। यह एक सम्मान है…मैंने राज्य के लोगों, उनके उत्साह ओर उनके दृष्टिकोण से काफी कुछ सीखा है।”