5 Dariya News

केंद्र ने मुगल रोड को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा उेने पर सैद्धांतिक रूप से सहमती जताई

महबूबा मुफ्ती ने वायलू, मुगल रोड, सुद्धमादेव, अन्य परियोजनाओं को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप लेने पर बल दिया

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नई दिल्ली 02-May-2018

केंद्र ने पीर पंचाल क्षेत्र के माध्यम से जम्मू-कश्मीर संभागों को जोड़ने वाले मुगल रोड पर राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति को लागू करने के लिए सैद्धांतिक रूप में सहमत हो गया है। केंद्र ने वैलू-सिंघपोरा और चनैनी-सुद्धमहादेव सुरंगों का निर्माण काम शुरू करने में तेजी लाने के लिए फास्ट ट्रैक मोड पर करने का भी फैसला किया है। इन निर्णयों को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग (एमओआरटीएच) मंत्री,नितिन गडकरी तथा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ संयुक्त रूप से आयोजित अधिकारियों की बैठक में लिया गया। बैठक में सूचित किया गया था कि इनके लिए परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और केंद्र सरकार द्वारा परामर्श रिपोर्ट पहले से ही प्राप्त की जा चुकी है और इन सड़कों पर बर्फ पिघलने के साथ आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। कश्मीर और शेष देश के लोगों के बीच मानसिक विभाजन को ब्रिज करने में महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इन सुरंग परियोजनाओं को मिशन मोड में राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में लेने पर जोर दिया।मुख्यमंत्री ने बारामूला-गुलमर्ग-लोरेन रोड की तेजी से ट्रैकिंग भी की, जिसे 2015 में स्थापित किया गया था। सड़क गुलमार्ग को पूनच के माध्यम से वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करेगी जिससे इस प्रकार अधिक अंतर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सके, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।केंद्रीय मंत्री ने संबंधित एजेंसियों को निर्माण पर आगे बढ़ने के लिए नवीनतम तकनीकों और मिट्टी स्थिरीकरण विधियों का उपयोग करने का निर्देश दिया ताकि परियोजना जल्द से जल्द पूरी हो सके। महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग के साथ डोडा जिले को जोड़ने वाले 80 किलोमीटर लंबी डोडा-देसा-कापरान रोड का मुद्दा भी उठाया। 

केंद्रीय मंत्री ने परियोजना पर सभी औपचारिकताओं को पूरा करने का निर्देश दिया जिसमें त्वरित मंजूरी के लिए वन मंजूरी शामिल है।मुख्यमंत्री ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने और रामबन-बनिहाल खिंचाव के रास्ते में आने वाली बाधाओं को भी उठाया। उन्होंने परियोजना को राष्ट्रीय महत्व को जोड़ने पर जोर दिया क्योंकि यह देश का बाकी हिस्सों के साथ कश्मीर घाटी को जोड़ने वाला एकमात्र राजमार्ग है। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही सभी संबंधित एजेंसियों के साथ इन सभी कनेक्टिविटी परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने एक विशेषज्ञ टीम गठित करने भी निर्देशित किया जो जवाहर सुरंग पर जायेगी और मुख्यमंत्री द्वारा सुझाए गए मरम्मत का निरीक्षण करेगा। स्थानीय युवाओं से जुड़े एक महत्वपूर्ण निर्णय में, गडकरी ने मेहबूबा मुफ्ती की लगातार मांग पर, संबंधित परियोजना निश्पादन एजेंसियों द्वारा सुरंग, राजमार्ग निर्माण, पृथ्वी काटने और स्थिरीकरण कार्यों आदि में 3000-4000 स्थानीय युवाओं के प्रशिक्षण का निर्देश दिया ताकि बाद में वे इसी तरह की परियोजनाओं में लगें।मुख्यमंत्री के सुझाव पर केंद्रीय मंत्री ने परियोजना निश्पादन एजेंसियों को भी स्थानीय युवाओं को भौतिक आपूर्ति और अन्य सहायक कार्यों में शामिल करने का निर्देश दिया ताकि इऩ क्षेत्रों के सामाजिक आर्थिक विकास की भी देखभाल की जा सके। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में राज्य में 60,000 करोड़ रुपये रुपये की परियोजनाएं निश्पादन के तहत हैं।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर ग्रेड विभाजक और फ्लाईओवरों का निर्माण करने की भी मांग की, जहां यह कठुआ, सांबा, जम्मू, अवंतीपोरा, बिजबेहाड़ा और श्रीनगर जैसे प्रमुख शहरों को अक्सर यातायात जाम रहता है। बैठक को राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय सड़क कोश के तहत 332 करोड़ रुपये के पूर्ण और संतोशजनक उपयोग के बारे में भी सूचित किया गया था। ।बैठक में यह भी बताया गया था कि झेलम नदी में जल परिवहन की शुरूआत रिपोर्ट पूरी हो चुकी है और इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट अगले वर्ष आएगी। यहां उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने झेलम नदी में जल परिवहन के पुनरुद्धार की मांग की ताकि वैकल्पिक परिवहन मोड प्रदान किया जा सके और जगह के पर्यटक आकर्षण को बढ़ाया जा सके।इस अवसर पर लोक निर्माण एवं संस्कृति मंत्री नईम अख्तर, सचिव एमओआरटीएच उधवीर सिंह, सचिव जल संसाधन वी पी सिंह, प्रमुख रेजिडेंट कमीश्नर आर के गुप्ता, आयुक्त सिंधु आयोग पी के सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रोहित कंसल, सचिव पीएचई, सिंचाई एव ंबाढ़ नियंत्रण और जम्मू-कश्मीर सरकार व केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।