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निशानेबाजी में अभी बच्चा हूं : जीतू राय

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नई दिल्ली 19-Apr-2018

भारत के दिग्गज निशानेबाज और आस्ट्रेलिया में हुए 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले जीतू राय का कहना है कि वह भले ही उम्र से बड़े हों, लेकिन इस खेल में बच्चे हैं।राजधानी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में शामिल हुए जीतू ने आईएएनएस के साथ हुए एक साक्षात्कार में कहा कि अभी वह बच्चे हैं और उन्हें अपने करियर में लंबा सफर तय करना है।वर्तमान में जीतू 30 साल के हैं। ऐसे में खिलाड़ियों की बढ़ती उम्र को हमेशा उनके करियर से जोड़ा जाता है। कई बार उन्हें आलोचकों द्वारा संन्यास लेने का सुझाव भी दे दिया जाता है।इस पर जीतू ने कहा, "मैं निशानेबाजी में तो अभी बच्चा हूं। मैं उम्र में बच्चा नहीं हूं, लेकिन निशानेबाजी में अभी बच्चा हूं। अभी मुझे वंबा सफर तय करना है। 2013 से मैंने निशानेबाजी शुरू की थी। अभी सिर्फ पांच साल ही हुए हैं। ऐसे में अभी तो और भी आगे जाना है। अभी मन नहीं भरा है।"आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में जीतू ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। हालांकि, वह 2014 में ग्लास्गो में हुए 20वें राष्ट्रमंडल खेलों की 50 मीटर पिस्टल में जीते स्वर्ण को नहीं बचा पाए।ऐसे में इस स्पर्धा में हुई चूक के बारे में जीतू ने कहा, "10 मीटर एयर पिस्टल में अच्छा प्रदर्शन किया था। 50 मीटर स्पर्धा के दौरान हवा थोड़ी ज्यादा थी। इस कारण मेरी तकनीक में थोड़ी गड़बड़ी हो गई और इसीलिए, मैं स्वर्ण पदक को बचाने से चूक गया।"

राष्ट्रमंडल खेलों में स्पर्धा के दौरान आई मुश्किलों के बारे में जीतू ने कहा, "इन खेलों में प्रतिस्पर्धा अधिक मुश्किल नहीं होती, क्योंकि इसमें जापान और कोरिया के निशानेबाज नहीं थे। इसके बावजूद भी अपनी मेहनत से इसमें पदक जीता, जो देशवासियों के लिए है। असली परीक्षा एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप में होगी।"इन राष्ट्रमंडल खेलों में 15 साल के भारतीय निशानेबाज अनीश भानवाल और 16 साल की मनु भाकर ने भी अपनी-अपनी स्पर्धा में देश के लिए स्वर्णिम हासिल की। ऐसे में इन युवा निशानेबाजों के प्रदर्शन पर जीतू बोले, "उनका प्रदर्शन देख कर हैरान हूं। मैं यह सोच रहा हूं कि अगर इस उम्र में वह इस प्रकार का प्रदर्शन कर रहे हैं, तो भविष्य में वह कितनी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।"दो स्पर्धाओं में एक साथ हिस्सा लेने के कारण किसी प्रकार के दबाव होने पर जीतू ने कहा, "दोनों स्पर्धाओं में थोड़ा सा अंतर होता है। बंदूकों का फर्क होता है, लेकिन तरीका एक ही है। दोनों स्पर्धाओं के बीच अंतर होने के कारण अभ्यास का समय होता है। इसलिए, अधिक परेशानी नहीं होती है।"जीतू का अगला लक्ष्य एशियाई खेल और विश्व चैम्पियनशिप है। हालांकि, उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना ओलम्पिक खेलों का पदक हासिल करना है। रियो डी जनेरियो में 2016 में हुए ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लेने पहुंते जीतू को 12वां स्थान हासिल हुआ था।ऐसे में वह टोक्यो ओलम्पिक खेलों के लिए तैयारी कर रहे हैं और उनका मानना है कि एशियाई चैम्पियनशिप और विश्व चैम्पियनशिप से उन्हें ओलम्पिक पदक के लक्ष्य को हासिल करने में बहुद मदद मिलेगी।