5 Dariya News

अभी भी प्राईवेट स्कूलों की मनमानी रूकी नहीं

5 Dariya News (विजयेन्दर शर्मा)

ज्वालामुखी 12-Apr-2018

नुरपूर हादसे के बाद स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से भले ही कई दावे किये जा रहे हों,लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अभी भी प्राईवेट स्कूलों की मनमानी रूकी नहीं है।ज्वालामुखी में आज पुलिस ने नाका लगाकर स्कूलों के वाहनों की चेकिंग की तो कई वाहन जहां ओवरलोड थे,तो उनमें स्कूल के पांच पांच टीचर सफर कर रहे थे। हालांकि कानूनी तौर पर हर वाहन में स्कूल प्रबंधन को एक हेन्पर तैनात करना होता है व कोई भी स्कूल टीचर स्कूल बस में सफर नहीं कर सकता। बसों में स्कूल टीचर बच्चों की सीटों पर पूरी तरह कब्जा जमाये बैठीं थीं। जबकि बच्चे खड़े होकर सफर करने को मजबूर थे। यही नहीं चालकों के पास वर्दी तक नहीं थी,जो थी उस पर कहीं कोई नेम प्लेट नहीं थी।किसी भी बस में र्फस्ट एड बाक्स सही नहीं पाया गया। बसों में आग बुझाने के जो यंत्र थे वह ओवरडेट हो गये थे।  किसी भी बस में बच्चों के बारे में लिस्ट भी नहीं थी।  

जिससे स्कूलों बसों का चालान कर जुर्माना वसूला गया।लेकिन जुर्माने की जो रकम वसूली गई वह हैरान करने वाली थी।कानून तोडऩे वाली बसों से तीन सौ रूपये से लेकर पांच सौ रूपये तक जुर्माना वसूला गया।  लोगों की मांग है कि अगर सरकार सही मायनों में बच्चों के प्रति संजीदा है तो कानून तोडऩे वाली बसों पर अविलंब पांच हजार रूपये जुर्माना तय किया जाना चाहिये।समाज सेवी उत्तम चंद ने बताया कि पिछले दिन भी आरटीओ ने बसों के चालान किये तो तीन सौ रूपये जुर्माना लगाया गया,जिसे देकर आज फिर वही तरीका दोबारा शुरू कर दिया गया। लिहाजा सरकार को कानून में बदलाव कर भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान करना चाहिये। 

दो घंटे सुरानी में रोके रखे बच्चे

ज्वालामुखी में पुलिस के चालान अभियान के चलते आज सुरानी में वाहनों में भरे स्कूली बच्चों को दो घंटे तक परेशान होना पड़ा। दरअसल सुरानी,लगड़ू व बगी इलाके के  बड़ी तादाद में स्कूली बच्चे ज्वालामुखी के प्राईवेट स्कूलों में पढऩे आते हैं। यह बच्चे जिन वाहनों में आते हैं, वह स्कूल के मानकों पर खरे नहीं उतरते। लिहाजा गुरूवार को सुरानी में कई जीपों सूमों व दूसरे वाहनों के पहिये थम गये। व स्कूली बच्चों को करीब दो घंटे तक वहां रोके रखा गया।  भूख व प्यास से कुछ बच्चों की तबीयत बिगडऩे लगी तो स्कूल प्रबंधकों ने अपनी बसों को वहां भिजवाया व उसके बाद बच्चे स्कूल तक पहुंच पाये। स्थानीय लोगों ने बताया कि बच्चों को ढ़ोने वाले  टेक्सी चालकों को जब भी पुलिस के चालान अभियान का पता चलता है,इसी तरह वाहनों को सुरानी में रोक लिया जाता है। व बच्चे परेशान होते हैं।