5 Dariya News

ब्रह्म महिंदरा द्वारा आर.एन.टी.सी.पी. वैन को हरी झंडी ; वैन द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में किये जाएंगे टी.बी. के टैस्ट

टी.बी. के मरीज़ों संबंधी जानकारी न देने वाले प्राईवेट डाक्टरों के विरूद्ध होगी कारवाई, आर.एन.टी.सी.पी. स्टॉफ को तत्काल रिपोर्टिंग के लिए स्मार्ट टैबलैटस बांटे

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एस.ए.एस. नगर (मोहाली) 07-Apr-2018

पंजाब सरकार द्वारा विश्व स्वास्थय दिवस और विश्व टी.बी. दिवस -2018 संबंधी राज्य स्तरीय समागम जि़ला अस्पताल मोहाली में करवाया गया, जहां से स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म महेन्दरा ने आर.एन.टी.सी.पी. मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस वैन के ज़रिये दूरगामी टी.बी. संबंधी संवेदनशील इलाकों में टी.बी. के शक्की मरीज़ों के टैस्ट किये जाया करेंगे। इस अवसर पर श्री ब्रह्म महिंदरा ने कहा कि वर्ष 2022 तक राज्य को टी.बी. मुक्त करने के लक्ष्य के अंतर्गत यह वैन संपूर्ण राज्य में जायेगी और टी.बी. के शक्की मरीज़ हैल्थ सैंटरों तक नहीं पहुँच सकते, उनको उनके घर पर या घर के समीप टी.बी. से संबंधित टैस्ट और रिपोर्टे मुहैया करवाने की सुविधा दी जायेगी।महिंदरा ने कहा कि टी.बी. के मरीज़ों संबंधी प्रोग्रेस्स् रिपोर्ट देने और तत्काल जानकारी दर्ज करने के लिए आर.एन.टी.सी.पी. स्टॉफ को स्मार्ट टेबलेट्स बांटे गए हैं। स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि टी.बी. के शक्की मरीज़ों के छाती के एक्स-रे, सपटम्म माईक्रोस्कोपी और सी.बी.एन.ए.ए.टी. टैस्ट मुफ़्त किये जा रहे हैं और टी.बी. के मरीज़ों का पूर्ण ईलाज निशुल्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही टी.बी. के मरीज़ों को ख़ुराक के लिए 500 रुपए प्रति माह दिए जाया करेंगे क्योंकि अच्छी ख़ुराक टी.बी. के इलाज में अहम भूमिका निभाती है। एम.डी.आर. टी.बी. मरीज़ों के लिए शार्टर ट्रीटमेंट रैजीमन (कम समय में होने वाले इलाज) की शुरुआत करते हुये श्री ब्रह्म महिंदरा ने कहा कि भारत सरकार के 16 मार्च, 2018 को जारी हुए गज़ट नोटिफिकेशन के अनुसार मुताबिक ऐंटी टी.बी. दवा लिखने और देने वाले सभी प्राईवेट प्रैकटीशनर, डाक्टरों, मैडीकल लैबज़ और कैमिस्टों के लिए यह लाजि़मी है कि टी.बी. केस संबंधी जानकारी  पास के सरकारी स्वास्थय केंद्र को दें। उन्होंने कहा कि नोडल अफ़सर को टी.बी. केस की जानकारी न देने पर आई.पी.सी. के सैक्शन 269 और 270 (45 आफ 1860) के अंतर्गत 6 माह से 2 वर्ष तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

महिंदरा ने कहा कि अभी भी बड़ी संख्या टी.बी. केस ऐसे हैं जो रिपोर्ट नहीं होते और अनुमानित राज्य में वार्षिक लगभग 20 हज़ार मामलों का इलाज प्राईवेट सैक्टर में हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंधी सिविल सर्जनों को भी निर्देश जारी किये गये हैं कि भारत सरकार के उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के खि़लाफ़ कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि जो भी लोग टी.बी. के मरीज़ों की पुष्टि करने या इलाज से संबंधित हैं, वह टी.बी. के मरीज़ों की जानकारी सरकारी स्वास्थय संस्थानों और जि़ला टी.बी. अफ़सर को देना यकीनी बनायें।  इस संबंधी किसी भी किस्म की ढील बर्दाश्त नहीं की जायेगी और उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कानून के अनुसार कड़ी कार्यवाही की जायेगी।उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर विषय है क्योंकि टी.बी. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलती है और भारत में 20 लाख के करीब मरीज़ इस बीमारी से पीडित हैं। उन्होंने कहा कि टी.बी. के मरीज़ों की पहचान न होना समाज के लिए बहुत ख़तरनाक है। ऐसे हालात के मद्देनजऱ स्वास्थय विभाग की तरफ से सूबे में विशेष मुहिम चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत विशेष टीमें संवेदनशील इलाकों में जाकर शक्की मरीज़ों के सैंपल लेती हैं जिससे मरीज़ों की पुष्टि हो सके। इसी समागम के दौरान उन्होंने टी.बी. से संबंधित जागरूकता पैदा करने के लिए एक रैली को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।इस अवसर पर दूसरे के अलावा विधायक बलबीर सिंह सिद्धू, प्रमुख सचिव स्वास्थय एवं परिवार कल्याण श्रीमती अंजलि भावड़ा, एम.डी. एन.एच.एम. वरुण रूजम, डायरैक्टर स्वास्थय सेवाएं डॉ. जसपाल कौर, डायरैक्टर परिवार कल्याण डा. नरेश कनसा, स्टेट टी.बी. प्रोग्राम अफ़सर डा. नरेश शर्मा, सिविल सर्जन मोहाली डा. रीटा भारद्वाज, विधायक सिद्धू के राजनैतिक सलाहकार हरकेश चंद मछली कलां, काऊंसलर नरायण सिंह सिद्धू, काऊंसलर नछतर सिंंह, गुरचरन सिंह भंमरा, ठेकेदार मोहन सिंह बठलाना, सतपाल सिंह, चौधरी हरीपाल चोलटां कलां और एच.एस. ढिल्लों उपस्थित थे।