5 Dariya News

तमिलनाडु में बंद से जनजीवन बेपटरी

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चेन्नई 05-Apr-2018

कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) स्थापित करने में केंद्र सरकार की विफलता को लेकर द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक) की अगुवाई वाले बंद के कारण गुरुवार को तमिलनाडु में सामान्य जीवन बेपटरी हो गया। द्रमुक नेता एम.के. स्टालिन ने यहां अन्ना सालई से मरीना बीच तक अपनी पार्टी और सहयोगी पार्टियों के सदस्यों के साथ एक विशाल जुलूस का नेतृत्व किया जिससे यातायात धीमा हो गया।उनके साथ तमिलनाडु कांग्रेस नेता एस. थिरुनावुक्करसर भी मौजूद थे।पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए स्टालिन ने कहा कि हड़ताल सफल रही है और उन्होंने हड़ताल में सहयोग देने के लिए सभी लोगों को धन्यवाद दिया। राज्य भर में द्रमुक, कांग्रेस, माकपा, एमडीएमके, वीसीके से जुड़े सैकड़ों प्रदर्शनकारियों और किसानों को भी पुलिस हिरासत में ले लिया गया।चेन्नई में सड़कों पर कुछ ही सरकारी बसें नजर आईं, वहीं ऑटोरिक्शा भी सड़कों से नदारद रहे। हालांकि रेडियो टैक्सी सेवाएं मौजूद थीं।दक्षिणी रेलवे के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उपनगरीय व लंबी दूरी की रेल सेवाएं सामान्य रूप से संचालित की जा रही हैं। सालेम और तिरूनेलवेली में रेल की पटरियों पर भी विरोध प्रदर्शन किया गया। 

तिरूनेलवेली में द्रमुक कार्यकर्ताओं ने एक यात्री ट्रेन के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान 150 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।दक्षिणी रेलवे के अधिकारी ने कहा कि तिरुनेलवेली विरोध प्रदर्शन के कारण चेन्नई जा रही गुरुवयूर एक्सप्रेस और त्रिवेंद्रम जा रही अनंतपुरी एक्सप्रेस के परिचालन में देरी हुई। तिरुप्पुर में हड़ताल के समर्थन में सभी कारखाने बंद रहे। हालांकि पेट्रोल पंप खुले हैं और दूध की आपूर्ति भी प्रभावित नहीं हुई। अभी तक मिली रिपोटरें के अनुसार, ईरोड, नागापट्टिनम, तंजावुर, तिरुवरूर, शिवगंगा, रामनाथपुरम में दुकानें बंद हैं। पुडुचेरी में भी परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं। साथ ही वहां तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम की तीन बसों के साथ तोड़फोड़ की गई। सर्वोच्च न्यायालय ने 16 फरवरी को कावेरी जल में तमिलनाडु का हिस्सा घटाकर 177.25 अरब घनफुट (टीएमसी) कर दिया था जो 2007 में एक अधिकरण की ओर से आवंटित 192 अरब घनफुट से कम है। वहीं, कर्नाटक का हिस्सा 14.75 अरब घनफुट बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार अदालत के 16 फरवरी के आदेश के अनुसार छह सप्ताह के भीतर सीएमबी का गठन करने से विफल रही। इसकी समय सीमा 29 मार्च को समाप्त हो गई।