5 Dariya News

छत्तीसगढ़ : जनता और सरकार के बीच 'संवाद सेतु' बना लोक सुराज

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रायपुर (छत्तीसगढ़) 27-Mar-2018

आम जनता के साथ सीधे संवाद और योजनाओं के सोशल आडिट के लिए भारत का इकलौता और अनोखा लोक सुराज अभियान छत्तीसगढ़ में प्रदेशवासियों की भागीदारी से उत्साह के साथ चल रहा है। इस वर्ष लगभग ढाई महीने पहले शुरू हुए राज्य सरकार के इस वार्षिक अभियान के तहत मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का प्रदेशव्यापी दौरा मंगलवार को भी जारी रहा।यह अभियान राज्य सरकार और जनता के बीच अपनेपन से परिपूर्ण भावनात्मक रिश्तों का पर्याय बन गया है, जहां चौपालों और समाधान शिविरों में लोग सरकार के नुमाइंदों से खुलकर बातचीत करते हुए अपना दु: ख दर्द बता रहे हैं और उन्हें राहत भी मिल रही है। रमन सरकार इस अभियान के जरिये प्रदेश की 10 हजार 971 ग्राम पंचायतों के लगभग 20 हजार गांवों और सभी 168 शहरों में जनता से संवाद कायम कर रही है। चौपाल और समाधान शिविर सरकार और जनता के बीच संवाद सेतु की भूमिका निभा रहे हैं।उल्लेखनीय है कि अभियान का यह तीसरा चरण है। इसमें मुख्यमंत्री से लेकर सभी मंत्री और मुख्य सचिव से लेकर सभी संभागीय कमिश्नरए जिला कलेक्टर और शासन के सभी विभागों के मैदानी अधिकारी और कर्मचारी गांवों का दौरा कर रहे हैं। समाधान शिविरों में लोगों को योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं।

डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में लोक सुराज अभियान का पहला अध्याय ग्राम सुराज अभियान के रूप में वर्ष 2005 में शुरू हुआ। लगभग सात वर्ष बाद उन्होंने इसमें नगर सुराज अभियान को भी जोड़ा। इसके बाद वर्ष 2015 से ग्राम और नगर दोनों को मिलाकर उनके नेतृत्व में लोक सुराज अभियान की शुरूआत हुई। डॉ. सिंह ने इस बार भी लोक सुराज अभियान में हेलीकॉप्टर से जिलों के आकस्मिक दौरे की शुरूआत राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित बस्तर संभाग के जिलों से की। उन्होंने पहले दिन 11 मार्च को कांकेर जिले के ग्राम बण्डाटोला में आकस्मिक रूप से पहुंचकर चौपाल लगाई और उसी दिन मद्देड़ (जिला बीजापुर) और इंजरम (जिला सुकमा) के समाधान शिविरों में भी शामिल हुए।मुख्यमंत्री ने सोमवार को लोक सुराज के सोलहवें दिन आज बेमेतरा, बालोद, धमतरी और कांकेर जिलों का सघन दौरा किया। इसे मिलाकर डॉ. सिंह ने विगत लगभग एक पखवाड़े से चल रहे तीसरे चरण के अभियान में कल शाम तक बस्तर से लेकर सरगुजा तक राज्य के 27 में से 25 जिलों का दौरा कर लिया है। उन्होंने इस बार के अभियान में सात गांवों में आकस्मिक रूप से पहुंचकर कहीं पेड़ों की छांव में, तो कहीं तालाब के किनारे चौपाल शैली में ग्रामीणों से मुलाकात कीए तो 20 समाधान शिविरों में भी अचानक ही पहुंचे।

अभियान के तहत मुख्यमंत्री जिन आकस्मिक चौपालों में शामिल हुए उनमें बंडाटोला (जिला कांकेर), सेमहरा (जिला गरियाबंद), मेरो (जिला कोरिया), डोंगरडुला (जिला धमतरी), पुसापाल (जिला कोण्डागांव), टुरीझर (महासमुंद) और सिंघारी (जिला-कबीरधाम) सम्मिलित हैं।इसी कड़ी में डॉ. सिंह ने जिन समाधान शिविरों में अचानक अपनी उपस्थिति दी, उनमें मददेड़ (जिला बीजापुर), इंजरम (जिला सुकमा), भटगांव (जिला मुंगेली), खरकट्टा (जिला जशपुर), नगरा (जिला बलरामपुर), भैसामुड़ा (जिला कोरबा), लुतराशरीफ (जिला बिलासपुर), माड़ागांव (जिला गरियाबंद), थनौद (जिला दुर्ग), धौड़ाई (जिला-नारायणपुर) किरंदुल (जिला दंतेवाड़ा), कोसमकुंडा (बलौदाबाजार), ससौली (जिला-सरगुजा), अमोरा (जिला जांजगीर-चांपा), पुसल्दा (जिला-रायगढ़), बैजनाथपुर (जिला-सूरजपुर), तेंदूभांठा (जिला-बेमेतरा), भण्डेरा (जिला-बालोद) और जोरातराई (जिला-धमतरी) और आज ग्राम सिंघनपुर (जिला-बस्तर-जगदलपुर) शामिल हैं।उल्लेखनीय है कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में इस वर्ष का लोक सुराज अभियान 12 जनवरी से शुरू हुआ हैए जो तीन चरणों में 31 मार्च तक चल रहा है। पहले चरण में 12 जनवरी से 14 जनवरी तक ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों से आवेदन संकलित किए गए। दूसरे चरण में 15 जनवरी से 11 मार्च तक उनका निराकरण किया गया और तीसरे चरण में 11 मार्च से 31 मार्च के बीच ग्राम समूहों और शहरी क्षेत्रों में वार्ड समूहों के बीच समाधान शिविर लगाकर लोगों को उनके आवेदनों के निराकरण की स्थिति के बारे में बताया जा रहा है।