5 Dariya News

राज्यपाल आचार्य देवव्रत का पुलिस बलों से स्वस्थ समाज के निर्माण पर बल

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शिमला 23-Mar-2018

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि समाज में अपराध की प्रवृत्ति हमारी विकृत मानसिकता का परिणाम है, और जहां पुलिस का डंडा मजबूत होता है वहां अपराध का रास्ता स्वतः कमजोर पड़ जाता है। राज्यपाल आज शिमला के पीटरहॉफ में दो दिवसीय 46वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।उन्होंने देश भर से आए पुलिस प्रतिनिधियों का हिमाचल में स्वागत करते हुए कहा कि आज सूचना-प्रौद्योगिकी का युग है और पुलिस में आधुनिक जानकारी की अधिक आवश्यकता है ताकि अपराध पर नजर रखी जा सके। पुलिस के सामने आने वाली चुनौतियों पर इस तरह के सम्मेलनों के माध्यम से चिंतन कर समाधान का रास्ता खोजा जा सकता है। उन्होंने आयोजकों को सम्मेलन के सफल आयोजन की बधाई थी।राज्यपाल ने कहा कि समाज में फैली विषमताओं का मुख्य कारण व्यक्ति विशेष द्वारा दोहरा चरित्र व जीवन जीना है। उन्होंने कहा कि समाज में आज भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक चिंतन लुप्तप्राय हो गया है और यही कारण है कि अपराध बढ़ गए हैं। आज अपराधी की सोच कानून के जिम्मेवार व्यक्तियों से कहीं आगे है। उन्होंने इसके लिए शिक्षाविद्ों का आह्वान किया कि वे जिम्मेदारी से अपने कार्य का निर्वहन करें और भावी पीढ़ी में ऐसे संस्कार दें जिससे सामाजिक चुनौतियां कम हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि अपराध को कम करने के साथ-साथ इस बात पर भी चिंतन होना चाहिए कि अपराधी क्यों पैदा हो रहे हैं।आचार्य देवव्रत ने कहा कि अपराधी प्राकृतिक व स्वभाव से नहीं बनता, बल्कि समाज का ही प्रतिफल है। ये मानवीय विकृतियां हैं। प्राचीन समय में हमारे शिक्षालयों में संस्कारों की शिक्षा दी जाती थी, जहां दिव्य गुणों को देकर मानव का निर्माण किया जाता था। 

भारत की प्राचीन पद्धतियों में सारी शक्ति इंसान बनाने में लगाई जाती थी।उन्होंने पुलिस अधिकारियों का आह्वान किया कि वे जिम्मेदारी से अपने कर्त्तव्य का निर्वहन करें, इच्छा शक्ति को मजबूत बनाएं तथा ईमानदारी से कार्य करें तो स्वच्छ समाज के निर्माण में कोई कठिनाई नहीं होगी।राज्यपाल ने नशे के खिलाफ मुहिम चलाने और अपराधियों के खिलाफ अपने कार्य को व्यवहारिक रूप देने पर बल देते हुए कहा कि इससे युवा शक्ति को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उस समाज में शांति का वातावरण रहता है जहां कानून व्यवस्था दुरूस्त है।इससे पूर्व, बी.पी.आर एण्ड डी के महानिदेशक श्री ए.पी. महेश्वरी ने पुलिस के क्षेत्र में शोध, विकास और डॉटा विश्लेषण को प्रगतिशील संगठन का सूचक बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस बल एक ‘थिंक टैंक’ के तौर पर भी कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीकी तौर पर हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हैं। आधुनिक शहरों के साथ-साथ हमें ग्रामीण स्तर तक सुरक्षा का वातावरण देने की भी जिम्मेवारी है। क्योंकि, सुरक्षा में ही निवेश संभव है और पर्यटन की आमद भी पुलिस सुरक्षा पर निर्भर करती है। उन्होंने पुलिस और सिविल सोसायटी को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।इस अवसर पर, उन्होंने 46वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस में पारित 6 प्रस्तावों की भी जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक श्री एस.आर मरडी ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा पुलिस विज्ञान कांग्रेस की दो दिवसीय कार्यशाला की विस्तृत जानकारी दी।हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेन्द्र चौहान ने भी इस अवसर पर अपना संबोधन दिया।श्रीमती संपत मीना ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।