5 Dariya News

कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा श्री दरबार साहबि, श्री दुर्गियाना मंदिर और भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल पर लंगर वस्तुओं पर राज्य सरकार के हिस्से का जी.एस.टी. माफ करने की घोषणा

संबंधित अधिकारियों को अन्य समुदायों के धार्मकि स्थानों के लिए भी ऐसी छूट के लिए रूप रेखा बनाने के निर्देश, विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार से जी.एस.टी. के पूर्ण माफी की मांग

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चंडीगढ़ 21-Mar-2018

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने श्री दरबार साहिब स्थित लंगर की सामग्री पर वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) में राज्य सरकार के 50 प्रतिशत हिस्से को माफ करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव परित करके केंद्र सरकार से लंगर पर जी.एस.टी. को पूर्ण तरह से माफ करने की मांग की है।मुख्यमंत्री ने अमृतसर में स्थित दुर्गियाना मंदिर और भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल के लंगर/प्रसाद पर भी सरकार द्वारा  अपने हिस्से का जी.एस.टी. माफ करने का ऐलान किया है। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को अन्य समुदायों के पवित्र धार्मिक स्थानों का इतना ही जी.एस.टी. माफ करने के लिए तौर-तरीकों संबंधी रूप रेखा बनाने की हिदायत की है।सदन में इस मुद्दे पर चल रही चर्चा में दख़ल देते हुये कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार लंगर की वस्तुओं पर जी.एस.टी. का हिस्सा नहीं लेगी और इसको श्री दरबार साहिब को रिफंड कर दिया जायेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि साल 2002 में भी उनकी सरकार ने लंगर वस्तुओं पर सेल टैक्स माफ किया था जो उससे पहले अकाली-भाजपा सरकार की तरफ से वसूला जाता था। मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठजोड़ सरकार की सख़्त अलोचना की जिन्होंने कभी भी जी.एस.टी. कौंसिल आगे लंगर वस्तुओं पर टैक्स लगाने का विरोध नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में यह मुद्दा कोई पहली बार नहीं उठा और अकाली दल इस मुद्दे पर राजनीतिक लाभ कमाने की कोशशि कर रहा है जबकि अकालियों ने लंगर पर जी.एस.टी. माफ करवाने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए कोई कोशिश नहीं की।

मुख्यमंत्री ने सदन में जैसे ही जी.एस.टी. माफ करने का ऐलान किया तो सत्ताधारी और वरोधी पक्षों ने मेज़ थपथपाकर इसका ज़ोरदार स्वागत किया। उसी समय विपक्ष के नेता और आप विधायक सुखपाल सिंह खैहरा, भाजपा विधायक सोम प्रकाश और अकाली विधायक परमिंदर सिंह ढींडसा ने भी इस फ़ैसले की प्रशंसा की।इस दौरान सदन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को श्री दरबार साहिब और श्री दुर्गियाना मंदिर में  लंगर वस्तुओं पर अपने हिस्से का जी.एस.टी. तुरंत माफ करने की मांग की है।सदन में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने इस संबंधी प्रस्ताव पेश किया जिसको मौखिक वोटों से पास कर दिया गया। इस अवसर पर वित मंत्री ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टी अकाली दल को आड़े हाथों लेते हुये कहा क िअफगानों, तुर्कों और अंग्रेज़ों ने भी अपने शासन के दौरान श्री दरबार साहिब पर कभी भी कोई टैक्स नहीं लगाया था। मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि सूबे की कांग्रेस सरकार ने जी.एस.टी. कौंसिल के पास 3 बार यह मामला उठाया परंतु केंद्रीय वित्त मंत्री ने उनकी अपीलों को शुरू से ही ठुकरा दिया।मनप्रीत सिंह बादल ने सुझाव दिया कि केंद्र  सरकार से मुकम्मल माफी की मांग का प्रस्ताव ऐसे ढंग से तैयार किया जाना चाहिए कि केंद्र सरकार से इस मांग को पूरा करवाने की जिम्मेवारी अकाली दल के कंधों पर डाली जाये और यदि अकाली इसमें असफल रहते हैं तो इस पार्टी के केंद्रीय मंत्री को पद इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।इस संकल्प की सराहना करते हुये संसदीय मामलो संबंधी मंत्री श्री ब्रह्म मोहिंदरा ने केंद्र सरकार को अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब, दुर्गियाना मंदिर और भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल में लंगर वस्तुओं पर अपने हिस्से का जी.एस.टी. तुरंत माफ करने की अपील की है। प्रस्ताव में राज्य सरकार के हिस्से का टैक्स माफ करने के ऐतिहासिक फ़ैसले के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह का धन्यवाद किया गया।