5 Dariya News

पंजाब की नयी आबकारी नीति ने ठेकों की संख्या घटाई

कीमतें को नियंत्रित करने और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए गु्रप का आकार घटा कर पाँच करोड़ रुपए किया, ड्रा निकालने से अलाटमैंट में और अधिक पारदर्शिता आएगी

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चंडीगढ़ 13-Mar-2018

शराब के कारोबार में एकाधिकार को तोडऩे और शराब की कीमतों को काबू में रखने के उद्देश्य  से मंत्रीमंडल ने नयी आबकारी नीति पर मोहर लगा दी है जिसके साथ ग्रुप का आकार 40 करोड़ रुपए से घटा कर पाँच करोड़ रुपए कर दिया गया। इससे अगले वित्तीय वर्षो में ग्रुपों की संख्या 84 से ज्यादा कर लगभग 700 हो जायेगी।राज्य की नयी आबकारी नीति को इस कारोबार के साथ जुड़े विभिन्न सांझदारों के साथ सलाह -मुशवरे के बाद अंतिम रूप दिया गया है। इस नीति के अंतर्ग और ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए अलाटमैंट की प्रक्रिया ड्रा के द्वारा किये जाने का प्रस्ताव है।पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग दौरान वर्ष 2018 -19 की आबकारी नीति को स्वीकृति दी गई।मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नयी नीति के अंतर्गत अगले वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार को सालाना छह हज़ार करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित होने की उम्मीद है। चालू वित्तीय वर्ष दौरान आबकारी विभाग को वित्तीय साल के अंत तक 5150 करोड़ रुपए एकत्रित होने की आशा है जबकि साल 2016 -17 दौरान 4400 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित हुआ था।प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आबकारी विभाग को इस नीति के अमल पर सख्त नजऱ रखने के आदेश दिए जिससे निश्चित राजस्व को एकत्रित करने में कोई उल्लंघन न होने को यकीनी बनाया जा सके।प्रवक्ता ने बताया कि नयी नीति अधीन ग्रुप का आकार बहुत कम रखा गया है जो सिफऱ् पाँच करोड़ रुपए है और 25 प्रतिशत तक वृद्धि-कमी कम रखी गई है जिससे मार्केट में पूरा मुकाबला पैदा किया जा सके जिसके साथ शराब की कीमतों घटेंगी। आवेदन की दर 18 हज़ार रुपए तय की गई है और यदि जी.एस.टी. हुई तो इस में शामिल होगी।आबकारी नीति 2018 -19 दौरान शराब के ठेकों की संख्या भी 5850 से कम कर 5700 (लगभग) रह जायेगी।

नयी नीति के अंतर्गत देसी शराब का कोटा 8.44 करोड़ परूफ़ लीटर (पी.एम.एल.) से कम कर 5.78 करोड़ परूफ़ लीटर हो गया है जो कि 32 प्रतिशत कम है। इसी तरह आई.एम.एफ.एल. का कोटा 3.71 करोड़ परूफ़ लीटर से घटा कर 2.48 करोड़ परूफ़ लीटर कर दिया गया है जो कि 32 प्रतिशत कम है जबकि बीयर का कोटा 3.22 करोड़ से घटा कर 2.57 करोड़ बल्क लीटर कर दिया गया है। प्रत्येक लाईसेंस कम से -कम गारंटिड आमदन के आधार पर मंज़ूर किया जायेगा जिस में कम से -कम गारंटिड कोटे पर वसूलनेयोग निर्धारित लाईसंस फीस और आबकारी ड्यूटी शामिल होगी। लाईसेंस धारक बनती कोटो की सभी वसूलिया देने के लिए पाबंद होगा, चाहे कि उसकी तरफ से बनता कोटा उठाया न गया हो। इस सम्बन्धित निपटारा महीनावार होगा जिसके साथ शराब की सप्लाई में अड़चनें दूर करने में सहायता मिलेगी।नीति में यह व्यवस्था भी की गई है कि 2017 -18 में बचे कोटे को 2018 -19 के कम से -कम गरंटिड कोटो में आगे लेजाया जा सकेगा जो कि 2018 -19 के लिए आबकारी कर के भुगतान के साथ सबंधित होगा।नयी नीति की व्यवस्थाएं अधीन लाईसेंस देने के समय निर्धारित लाईसेंस फीस ली जायेगी। यह कुलैकटर -कम -डी.ई.टी.सी. द्वारा निर्धारित की जायेगी जो कि ग्रुप के कोटे और ठेके की जगह पर निर्भर करेगा।नयी नीति के हिस्से तौर पर लाईसेंस फीस, विशेष विकास फीस, अतिरिक्त लाईसेंस फीस की जगह आबकारी कर लगाया गया है।पी.एम.एल., आई. एम. एफ.एल. और बीयर पर आबकारी ड्यूटी क्रमवार 318 /- रुपए प्रति परूफ़ लीटर, 348 /- रुपए प्रति परूफ़ लीटर और 52 /- रुपए प्रति निर्धारित की गई है। इसी तरह ही पी.एम.एल. पर आबकारी कर 35 /- रुपए प्रति परूफ़ लीटर और स्टरोंग बीयर और 60 /- रुपए प्रति बी.एल, और लायट बीयर और 57 /- रुपए बी.एल. निर्धारित की गई है।

आई.एम.एफ. एल. शराब पर आबकारी कर 84 /- रुपए से 390 /- रुपए लगाया गया है जो कि ब्रैंड के ई.डी.पी. पर निर्धारित होगा। नयी नीति के अधीन ज़रूरत अनुसार कोटो के पाँच प्रतिशत तक लाईसेंस पी.ए.एम.एल. से आई.एम.एफ.एल. के लिए आपस में बदला जा सकता है। इसी तरह ही पी.एम.एल. से आई.एम.एफ.एल. का 10 प्रतिशत कोटा तबदील किया जा सकता है जो कि कुछ शर्तों पर निर्धारित होगा।पी.एम.एल. का ई.डी.पी. 254 /- रुपए प्रति केस निर्धारित किया गया है जो कि पिछले साल 240 /- रुपए प्रति केस था। मुख्यमंत्री के सुझाव पर मंत्रीमंडल ने पी.एम.एल. के निर्धारित और खुले कोटे का अनुपात 30:70 बनाई रखने का फ़ैसला किया है जिससे उनके स्थानीय डिस्टिलरियों को उत्साहित किया जा सके, जिनसे लाईसेंस धारक अपना कोटा उठाने को पाबंद होंगे। प्रत्येक किस्मों की शराब पर आबकारी प्रभाव सीमा को उचित रूप में बढ़ाया गया है जिससे सरकार के लिए राजस्व प्राप्त करने साथ-साथ मंडी में कीमतों के उछाल को रोका जा सके। सभी एल -2लाईसैंसियोंं को एल -1 लाईसेंस उपलब्ध करवाने के योग्य बनाया गया है। यह उस जिले में एल -2लाईसेंस प्राप्त करने के लिए आगामी विनती  कर एल -लाईसेंस माँगा जा सकता है।मैरिज पैलसों / बेंकट फि़ल्हाल में समारोहों के लिए प्रचून लाईसेंस संबंधीे शराब की सिफऱ् कम से -कम प्रचून कीमत लेना, उचांती प्रणाली को ख़त्म करना इस नीति की ओैर विशेषताएं हैं।इसी दौरान कर और आबकारी विभाग ने यह भी प्रस्ताव किया है कि सिफऱ् शहरी इलाकों में प्रति बोतल के हिसाब के साथ लगाऐ गए गां सैस की जगह (जैसे कुछ नगर निगमों ने किया है), पी.एम.एल. और आई.ेएम.एफ.एल. पर पाँच रुपए प्रति परूफ़ लीटर के हिसाब सेविशेष लाईसेंस फीस शहरी और देहाती दोनों क्षेत्र में लगाई जाये जिससे मंडी में बराबर की दर को बनाई रखा जा सके। इस से प्राप्त होने वाले फंड शहरी इलाकों में गायों के संभाल के लिए इस्तेमाल करा जा सके। इसी तरह ही यह फंड शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और स्वच्छ अभियान साथ-साथ देहाती इलाकों में पशुधन के लिए भी इस्तेमाल किये जाएंगे। विशेष लाईसेंस फीस के साथ प्राप्त राशि खजाने में जमा कराई जायेगी और वित्त विभाग ज़रुरी फंड सबंधित विभागों को देगा।