5 Dariya News

कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा एस.सी./एस.टी. एक्ट अधीन जनवरी 2016 से दर्ज किये मामलों का जायजा लेने के दिये आदेश

5 Dariya News

चंडीगढ़ 08-Mar-2018

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जनवरी 2016 से राज्यभर में एस.सी./एस.टी. एक्ट अधीन दर्ज किये सभी मामलों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं जिससे उन मामलों की पहचान की जा सके जो संशोधित व्यवस्थाओं के अधीन दर्ज नहीं किये गए क्योंकि इसके साथ पीडि़तों और उनके परिवारों को बनता कानूनी मुआवज़ा नहीं मिल सका।इस बात का प्रगटावा करते हुए आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अनुसूचित जातियों के राष्ट्रीय कमीशन के चेयरमैन प्रौ. (डा.) राम शंकर कथेरिया और उप चेयरमैन एल. मुरुगन के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ आज यहां एक बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने यह निर्देश जारी किये।प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि कई पुलिस अधिकारी अभी भी पुराने एस.सी. और एस.टी. अत्याचार रोकथाम एक्ट की व्यवस्थाओं के अधीन केस दर्ज कर रहे हैं न कि 2015 में संशोधित किये गए और 2016 में नोटीफाई किये गए एक्ट की अधिक कठोर धाराओं अधीन। इसके नतीजे के कारण पीडितों और उनके परिवारों को वह बढ़ा हुआ मुआवज़ा नहीं मिल रहा जिसके वह संशोधित कानून के अंतर्गत हकदार हैं।प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि आई.ओ. जैसे निचले रैंकों के पुलिस अधिकारियों में संशोधित एस.सी./एस.टी. एक्ट 2015 संबंधी जागरूकता नहीं है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने डायरैक्टर जनरल (इंटेलिजेंस) दिनकर गुप्ता को कहा है कि वह पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण मुहैया करवाने और जानकारी देने का प्रबंध करें।

सूबे में सभी समुदायों और वर्गो के हितों की रक्षा करने के लिए सूबा सरकार पूरी तरह पाबंद होने पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को सख्त कदम उठाने का भरोसा दिलाया जिससे एस.सी. और एस.टी़ विरुद्ध अत्याचारों को रोका जा सके और इस एक्ट को सख्ती से लागू किये जाने को यकीनी बनाया जा सके।मैला ढोने के लिए मजबूर करने के कारण अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्तियों की हाल ही में हुई मौतों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को पूरी तरह लागू किया जायेगा।हाथों से मैल साफ़ करने के ग़ैर -कानूनी अमल को पूरी तरह ख़त्म करने के लिए सीवरेज को साफ़ करने के लिए रोबर्टस से काम लेने के प्रतिनिधिमंडल सुझाव के सबंध में मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव की व्यवहारिकता का पता लगाने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश जारी किये जिससे इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जा सके। मीटिंग में स्थानीय निकाय मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू, कल्याण मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रवीन ठुकराल, अनुसूचित जाति और पिछड़ें श्रेणियों के कल्याण संबंधी प्रमुख सचिव श्री आर. वैकटरतनम के अलावा कमीशन के सदस्यों में डा. योगेंद्र पासवान और डा. स्वराज विद्वान उपस्थित थे।