5 Dariya News

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मौके दुनिया की सबसे बुजुर्ग अैथलीट मान कौर ने महिलाओं को सेहतमंद भरी जि़ंदगी जीने का दिया संदेश

महिलाओं को स्वास्थ्य संभाल के साथ-साथ अपने हक्कों के लिए जागरूक होकर दूसरी महिलाओं की मदद के लिए आगे आना चाहिए : मान कौर

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चंडीगढ़ 08-Mar-2018

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस व विश्व किडनी दिवस मौके अपोलो कलीनिक चंडीगढ़ द्वारा महिला को अपने स्वास्थ्य की संभाल व शहर वासियों को किडनी की संभाल सबंधी जागरूक करने के लिए एक अलग प्रयास करते हुए वाकथान का आयोजन किया। इस वाकथान में विश्व के सबसे बुजुर्ग अैथलीट मान कौर ने विशेष रूप में शिरक्त करते हुए महिलाओं को स्वास्थ्य की संभाल सबंधी जागरूक किया। इसके अतिरिक्त 200 के करीब डाक्टरों, शिक्षा शास्त्रियों व शहर वासियों ने भी इस वाकथान में भाग लेते हुए इस प्रयाास को अपना समर्थन दिया। यह वाकथान अपोलो अस्पताल सैक्टर-9 से शुरू होकर राक गार्डन होते हुए सुखना झील पर जाकर सम्पन्न हुई, जबकि इस वाकथान के विजेता सतलुज पब्लिक स्कूल के प्रिंसीपल गुर. के. सराए रहे।सुखना झील पर रखे गए समाप्ति समारोह में अैथलीट मान कौर ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मौके सभी महिलाओं को बधाई देते हुए अपनी सेहत सबंधी जागरूक होने की प्रेरणा देते हुए कहा कि हमारी रोज़ाना जीवन की खुराक व की जाने वाले कसरत न सिर्फ हमे सेहतमंद जिंदगी प्रदान करती है, बल्कि बीमारियों से भी दूर रखती है। उन्होंने आगे कहा कि समाज में महिला व पुर्ष बराबर का अधिकार रखते है, पर फिर भी भारत में आज भी महिलाओं को पुर्ष से नीचे माना जाता है, जो कि गलत है।मान कौर ने कहा कि अकसर देखा गया है कि अगर पुर्ष को किडनी की आवश्यकता होती है तो उसकी पत्नी अपनी किडनी देने को तैयार होती है, पर अगर महिला को किडनी की आवश्यकता होती है तो उसका पति किडनी देने से आनाकानी करता है। यहीं कारण है कि आज किडनी दान में मिलने की उम्मीद में पीडि़त महिलाओं की संख्या पुर्षों से कहीं अधिक है।

अपोलो कलीनिक के एम. डी. डा. रिषी मांगट ने किडनी दिवस पर जानकारी देते हुए कहा कि बेशक गुर्दों की बीमारी का शिकार महिलाएं ज्यादा होती है पर इसके उल्ट स्वास्थ्य संभाल के लिए भी महिलाएं कही पीछे है। उन्होंने बताया कि आज विश्व स्तर पर 195 मिलीयन महिलाएं गुर्दे की बीमारियों से प्रभावित है। इस समय महिलाओं की मौत का आठवां मुख्य कारण गुर्दे की बीमारी है। परिणाम सरूप हर वर्ष 6,00,000 मौतें इसी बीमारी के कारण होती है। उन्होंने महिलाओं को प्रेरणा देते हुए कहा कि अकसर देखा गया है कि विवाह से पहले लड़कियां पतले रहने के चक्कर में अच्छी खुराक नहीं खाती, जिसके कारण भविष्य में उनको मांग बनने समय परेशानियों को सामना करना पड़ता है। उन्होने महिलाओं को बेहतरीन खुराक के साथ-साथ स्वास्थ्य सबंधी जागरूक रहने के लिए भी प्रेरणा दी।प्रसिद्ध किडनी स्पैशलिस्ट डा. अजय गोयल ने उपस्थित मेहमानों के साथ अपने विचार सांझे करते हुए कहा कि महिलाओं में पुर्षों के मुकाबलें सी. के. डी. का विकास धीरे होता है। विश्व स्तर पर आज 14 प्रतिशत महिलाएं गुर्दे की बीमारियों से प्रभावित है। आर्थिक तंगी कारण एवं समाजिक कुर्तियों के चलते महिलाएं डाईलासिसिस भी कम करवाती है। बेशक इन कारणों को दूर करने के लिए समय लग रहा है। पर अगर महिलाएं समय रहते ही तंदरुस्त व सुरक्षित जीवन जांच सीख ले तो बेशक इस बीमारी से बचा जा सकता है। इस वाकथान के अंत में अैथलीट मान कौर द्वारा विजेताओं को इनाम वितरित किए गए।