5 Dariya News

कोनराड संगमा ने मेघालय के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

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शिलांग 06-Mar-2018

नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेता कोनराड संगमा ने मेघालय के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर मंगलवार को शपथ ली। वह लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पी. ए. संगमा के पुत्र हैं। राज्यपाल गंगा प्रसाद ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मेघालय की तुरा लोकसभा सीट के सांसद कोनराड (40) को मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस (एमडीए) के नेता के तौर पर पेश किया गया था।एमडीए पांच राजनीतिक पार्टियों का गठबंधन है जिसमें युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के छह विधायक, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के चार विधायक, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) व भारतीय जनता पार्टी के 2-2 विधायक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक विधायक और दो स्वतंत्र विधायक शामिल हैं।कोनराड संगमा 60 सदस्यीय विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। उन्हें छह माह में विधानसभा सदस्यता के लिए निर्वाचित होना होगा।इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक अलेक्जेंडर लालू हेक और पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल किए गए एचएसपीडीपी के सामलिन मालंगियांग समेत 11 कैबिनेट मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।एचएसपीडीपी ने सोमवार को भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर संदेह जताया था और मुख्यमंत्री के तौर पर संगमा को पेश किए जाने पर आपत्ति जताई थी।कोनराड संगमा ने पत्रकारों से कहा, "सभी सदस्यों को अपना विचार रखने का लोकतांत्रिक अधिकार है..लेकिन एचएसपीडीपी के विधायक पूरी तरह हमारे साथ हैं, उन लोगों ने अपना नजरिया बताया था और दोनों यहां हमारे साथ हैं।"नए मुख्यमंत्री ने अपने गठबंधन के साथियों से एक टीम की तरह साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया, ताकि मेघालय में त्वरित गति से विकास हो सके।

इस मौके पर गृहमंत्री राजनाथ सिह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह, नागालैंड के मनोनीत मुख्यमंत्री नेफियु रियो और असम व मिजोरम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंता और जोरामथंगा मौजूद थे।इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा भी उपस्थित थे और उन्हें भाजपा नेताओं के साथ सौहार्दपूर्वक बात करते देखा गया।मंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले में मुख्यमंत्री के बड़े भाई जेम्स संगमा और कांग्रेस के तीन पूर्व मंत्री प्रेसटोन त्यानसोंग, कोमिंगोन यमबून, सनाइवभालांग धर शामिल थे जोकि विधानसभा चुनाव में एनपीपी के विधायक के तौर पर जीते हैं।यूडीपी के मेतबाह लिंगदोह, लहकमेन रियूमबुई और किरमेन शइला और पीडीएफ के बेनटीडोर लिंगदोह व हेमलेट्सॉन दोहलिंग ने भी मंत्री के तौर पर शपथ ली।एनपीपी ने चुनाव में 19 सीटों पर जीत दर्ज की है है जोकि कांग्रेस के बाद सर्वाधिक सीट जीतने वाली दूसरी पार्टी है। कांग्रेस ने यहां 21 सीटों पर जीत दर्ज की है।मणिपुर व गोवा के बाद मेघालय ऐसा तीसरा राज्य है जहां सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस के साथ चुनाव बाद किसी क्षेत्रीय पार्टी ने गठबंधन नहीं किया।पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा द्वारा एमडीए सरकार को 'विरोधाभास की पोटली' कहे जाने पर, कोनराड संगमा ने स्वीकार किया कि गठबंधन सरकार चलाना हमेशा एक चुनौतीपूर्ण काम होता है।उन्होंने कहा, "अगर हम कहें कि हमारे सामने कोई चुनौती नहीं है, तो हम सच से दूर भाग रहे हैं। हमें उन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। गठबंधन के साथी होने की वजह से हमें एक दूसरे के साथ संवाद करना होगा और इज्जत देनी होगी। इसलिए, यह मेरा कर्तव्य और उत्तरदायित्व है कि सभी को साथ लेकर चलूं।"कांग्रेस ने भी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ सत्ता साझा कर मेघालय में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश की थी।मुकुल संगमा ने कहा, "हमने पेशकश की थी... या तो यूडीपी सरकार को चलाए या ढाई वर्ष के लिए सत्ता साझा करे। लेकिन यूडीपी अध्यक्ष दोनकुपर राय ने कहा कि इस पर पहले चर्चा होनी चाहिए थी।"मुकुल संगमा ने कहा कि कांग्रेस में किसी भी स्थिति में वापसी करने की क्षमता है।