5 Dariya News

डीआईपीआर ने विज्ञापन वितरण को सुव्यवस्थित बनाने हेतु संपादकों के निकायों के सहयोग की मांग की

विभाग प्रणालीगत हस्तक्षेप के माध्यम से पारदर्शी तंत्र का निर्माण कर रहा है-सूचना निदेशक

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जम्मू 23-Feb-2018

विज्ञापन वितरण को आगे बढाने में संपादकों के निकायों के समर्थन की मांग करते हुए सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग ने आज यह स्पश्ट किया है कि समाचार पत्रों को सरकारी विज्ञप्तियां जारी करने का उद्देष्य लोगों को भर्तियों, कार्यकमों, नीतियों तथा प्रयासों के बारे में सूचित करना है तथा यह इन समाचार पत्रों के लिए वितीय सहायता का साधन नही है।जम्मू व कश्मीर प्रैस एसोसिएशन के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए सूचना निदेशक मुनीर-उल-इस्लाम ने कहा कि विभाग द्वारा राज्य प्रशासनिक परिषद निर्णय संख्या 11/3/2016 तिथि 3-3-2016 के तहत स्वीकृत विज्ञापन नीति 2016 में दिये गये दिशा निर्देशों के आधार पर पारदर्शी तरीके से विज्ञप्ति वितरण किया जाता है।विज्ञापन नीति 2016 के अनुसार सूचना निदेशक ने कहा कि इसे नीति 1.3 के प्रावधान में स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकारी विज्ञापन का इरादा किसी भी मीडिया को वितीय सहायता प्रदान करना नही है, बल्कि इसके विकास तथा इसके लिए एक स्वस्थ्य, पेशेवर तथा प्रतिस्पर्धी माहौल में इसके संचालन का विस्तार करना है।उन्होंने सरकारी विज्ञापनों के वितरण में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के अपने उद्देश्य से कहा कि यह सूचना विभाग के इतिहास में पहली बार हुआ है कि हाल ही में तीन महत्वपूर्ण उपायों को पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि इन में विज्ञापनों का आन लाईन वितरण शुरू करना, डीआईपीआर की सरकारी वेबसाईट पर प्रत्येक समाचार पत्र का भुगतान विवरण अपलोड करना और अनुमोदित समाचार पत्रों का वर्गीकरण शामिल है। उन्होंने कहा कि यदि कुछ समाचार पत्रों ने अपनी गुणवत्ता और सामग्री को अपग्रेट करना शुरू कर दिया है तो यह राज्य में प्रतिस्पर्धी व्यवसायिकता को बढावा देने की दिशा में एक अच्छा संकेत है।

 सूचना निदेशक ने कहा कि समाचार पत्रों को पर्याप्त विज्ञापन समर्थन देने के लिए सरकार ने 2013-14 के करीब 2200 करोड़ रु के विज्ञापन बजट  को बढाकर 2018-19 के लिए 35 करोड रु कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि सरकार ने एक बार में समाचार पत्रों के विज्ञापन दर में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की घोषणा की है अन्यथा हर तीन वर्षो  के बाद विज्ञापन दरों में केवल 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होती है।सूचना निदेशक ने कहा कि वास्तव में जेकेपीए के प्रधान गुलाम हसन कालूवास को समाचार पत्रों के वर्गीकरण हेतु सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा तैयार किये गये मापदंडो पर चर्चा करने हेतु इस सप्ताह जम्मू में सूचना विभाग द्वारा आमंत्रित किया गया।2014 में आई बाढ से क्षतिग्रस्त समाचार पत्रों के कार्यालयों के लिए मुआवजा सम्बंधित सूचना निदेशक ने कहा कि सूचना विभाग को इसके साथ कुछ नही करना है क्योंकि मुआवजे का मूल्यांकन और भुगतान राजस्व अधिकारियों का जनादेश है न कि डीआईपीआर का । जेकेपीए को बाढ से हुए नुक्सान के लिए मुआवजा मांगने के लिए राजस्व विभाग से सम्पर्क करना चाहिए।एस्टेट विभाग द्वारा समाचार पत्रों के लिए आवास के आवंटन से सम्बंधित सूचना निदेशक ने कहा कि गृह विभाग के प्रशासनिक सचिव की अध्यक्षता में एक समिति पहले से ही इस सम्बंध में सरकार द्वारा गठित हो चुकी है और पत्रकारों को सरकारी आवास का आवंटन निर्धारित मानकों के अनुसार समिति के दायरे में है न कि डीआईपीआर के दायरे में।उन्होंने कहा कि संपादकों सहित 120 पत्रकारों को पहले से ही जम्मू और श्रीनगर में सरकारी आवास दिये गये है।