5 Dariya News

मातृ भाषा के सतिकार में ज्ञान ज्योति में मनाया गया मातृ भाष सप्ताह

नई भाषा जरूर सीखें, परंतु मातृ भाषा का त्रिसकार अपना वजूद खत्म करना: चेयरमैन बेदी

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एस.ए.एस. नगर (मोहाली) 23-Feb-2018

ज्ञान ज्योति गु्रप आफ इंस्टीट्यूटस द्वारा मां बोली दिवस को समर्पित कैंपस में सप्ताहभर प्रोग्रामों का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्रों को अपनी मातृ भाषा से जुडने के लिए प्रेरित करने वाले सैमिनार व भाषण मुकाबले करवाए गए। सप्ताहभर चले प्रोग्रामों के अंतिम दिन पंजाबियों का गौरव व विश्व स्तर पर उनको पहचान देने वाली मातृ भाषा पंजाबी का कम हो रहा उपयोग और इसके कारणों पर विचार विमर्श करने व छात्रों को पंजाबी भाषा बारे अहम जानकारी दी गई। इस अवसर पर ज्ञान ज्योति गु्रप के चेयरमैन जे एस बेदी ने विशेष तौर पर शिरकत करते हुए छात्रों के साथ विचारों का अदान प्रदान किया। इस अवसर पर कंप्यूटर इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट विभागों के मध्य पंजाबी बोली से संबंधित एक क्विज मुकाबले का आयोजन भी किया गया।चेयरमैन बेदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी भाषा किसी दूसरी भाषा के विरुद्ध नहीं होती, एक ओर जहां अंगे्रजी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त भाषा के रूप में विकसित है वहीं हिन्दी हमें राष्ट्रीय स्तर पर एक धागे में पिरोती है। 

जबकि मातृ भाषा पंजाबी हमें दुनिया भर में हमारी पहचान से अवगत करवाती है। इसलिए अगर हम अपनी मातृ भाषा से दूर हो गए तो आने वाली अपनी विरास्त और पहचान से भी महुताज हो जाएंगी। इसलिए मातृ भाषा को अपने जीवन का हिस्सा बनाना बेहद जरूरी हो जाता है।ज्ञान ज्योति के डायरेक्टर डा अनीत बेदी ने चीन की मिसाल देते हुए बताया कि विश्व स्तर पर सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा चीनी भाषा है जो अंगे्रजी से भी अधिक बोली जाती है और चीन ने अपनी बोली, विरास्त और पहचान को विश्व स्तर पर पहचान दी है। जबकि हम अपनी मातृ भाषा से अलग हो रहे हैं। उन्होंने गुरुओं की ओर से वरदान में मिली पंजाबी भाषा को अपने घर व रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करते हुए बताया कि विश्व भर में पंजाबी भाषा विदेशियों द्वारा भी बोली जाने लगी है परंतु पंजाब में पंजाबी को अनदेखा किया जा रहा है जो कि चिंता का विषय है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी मातृ भाषा को अपने घर व रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाने के लिए छात्रों को पे्ररित किया।