5 Dariya News

कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा 90:10 की भागेदारी पुन: बहाल करने के लिए पंजाब को 'विशेष श्रेणी की सूची में शामिल करने की मांग

सीमावर्ती क्षेत्रों और राज्य के विकास के लिए वित्तीय सहायता हेतु विशेष पैकेज देने की नीति आयोग से अपील

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चंडीगढ 22-Feb-2018

पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय प्रयोजित स्कीमों के लिए 90:10 की भागेदारी की पुन: बहाली के लिए पंजाब को 'विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग की है जिससे राज्य अपने विकास प्रोग्रामों में तेज़ी ला सके।नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डा. राजीव कुमार से आज यहां हुई एक बैठक में मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए विशेष पैकेज और सीमा के साथ-साथ दरियाई सुरक्षा सहित सूबे के विकास के मुख्य क्षेत्रों में केंद्रीय सहायता की मांग को दोहराया है।मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य की सक्रिय सरहदी सीमा के मद्देनजऱ राज्य के साथ अलग व्यवहार किये जाने की ज़रूरत पर बल दिया है क्योंकि सीमा पर पड़ोसी देश द्वारा नफऱती रवैया अपनाया हुआ है और यहां की आबादी घनी है। पंजाब के साथ भागेदारी के रूप में 50:50 के हिसाब से तबदीली लाने का जि़क्र करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 90:10 की मूल हिस्सेदारी फिर बहाल करने के लिए कहा है, जो इस समय केवल 'विशेष श्रेणी वाले राज्य के लिए लागू है। इस संदर्भ में उन्होंने सूबे की अस्थिर सीमा के कारण पंजाब को 'विशेष श्रेणी की सूची में शामिल करने की अपील की।पंजाब के किसानों के कृषि ऋण माफ करने और फसलों के अवशेष जलाये जाने से रोकने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता देने के लिए केंद्रीय सहायता का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने सिंचाई बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण के लिए एक विशेष पैकेज की मांग की है जिससे सूबे में टिकाऊ खेती को उत्साहित किया जा सके।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सतही पानी की और कुशल ढंग से संभाल और प्रयोग के लिए केंद्रीय सहायता की आवश्यकता पर भी बल दिया क्योंकि सूबे में भू-जल का स्तर लगातार गिर रहा है जिस कारण सिंचाई के उद्देश्य के लिए पानी की गंभीर कमी पैदा हो रही है।फिऱोज़पुर में पी.जी.आई सैटेलाइट सैंटर के चलने में हो रही बहुत लंबे समय से देरी के मुद्दे को भी मुख्यमंत्री ने मीटिंग के दौरान उठाया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डॉ. राजीव को बताया कि 4 वर्ष पहले इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली थी परंतु यह अभी तक भी नहीं चल सका जिस कारण लोगों को ज़रूरी चिकित्सा सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।मुख्यमंत्री ने मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण जलापूर्ति योजना को चलाने और रख-रखाव के लिए भी केंद्र से सहायता की मांग की जिससे राज्य सरकार गांवों को इस महत्वपूर्ण स्रोत की स्पलाई तेज़ी से यकीनी बना सके।इस अवसर पर उपस्थित अन्यों में नीति आयोग के सदस्य  प्रौ. रमेश चंद, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और प्रमुख सचिव वित्त अनिरुद्ध तिवाड़ी शामिल थे।