5 Dariya News

नितिन गडकरी ने जल संरक्षण के क्षेत्र में नवाचार और संसाधनों, सूचना तथा उत्‍कृष्‍ट व्‍यवहारों को साझा करने का आह्वान किया

नितिन गडकरी ने राष्‍ट्रीय जलविज्ञान संस्‍थान की 37वीं वार्षिक आम बैठक की अध्‍यक्षता की

5 Dariya News

नई दिल्ली 22-Feb-2018

जल संसाधन,  नदी‍ विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने अनुसंधान संगठनों का आह्वान किया है कि वे जल संरक्षण क्षेत्र में अभिनव प्रयोग करें और जल संसाधन के कारगर प्रबंधन पर ध्‍यान दें। उन्‍होंने कहा कि इस समय विश्‍व के अन्‍य भागों की तरह उन्‍नत प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि देश के हालात के मद्देनजर इन्‍हें अपनाया जाना चाहिए। श्री गडकरी आज यहां राष्‍ट्रीय जल विज्ञान संस्‍थान की 37वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित कर रहे थे। मंत्री महोदय ने कहा कि कई संगठन बादल फटने और जल संरक्षण संबंधी उन्‍नत उपाय कर रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि इन सबको एक मंच पर एकजुट किया जाए। कई विभाग भी इसी उद्देश्‍य के तहत काम कर रहे हैं, लेकिन उनके बीच उचित समन्‍वय और सूचना के आदान-प्रदान का अभाव है। उन्‍होंने सुझाव दिया कि इस संबंध में एक वेबसाइट बनाई जाए, ताकि देश के विभिन्‍न भागों, संसाधनों, सूचना और उत्‍कृष्‍ट व्‍यवहारों की जानकारी उपलब्‍ध हो।

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के सचिव श्री यू.पी. सिंह ने हिमालय क्षेत्र में कई जल स्रोतों में जल के प्रवाह में कमी आने की तरफ ध्‍यान दिलाया। उन्‍होंने कहा कि इस समय इन जल स्रोतों के संरक्षण के लिए कार्यक्रम शुरू करने की जरूरत है। राष्‍ट्रीय जलविज्ञान संस्‍थान के निदेशक श्री शरद कुमार जैन ने संस्‍थान की विभिन्‍न गतिविधियों का ब्‍यौरा प्रस्‍तुत किया। जल विज्ञान और जल संसाधनों के क्षेत्र में विकास तथा अनुसंधान करने के लिए 1978 में संस्‍थान की स्‍थापना की गई थी। इस समय संस्‍थान तीन प्रमुख राष्‍ट्रीय परियोजनाओं-राष्‍ट्रीय जल विज्ञान परियोजना, हिमालय इको-प्रणाली के बचाव के लिए राष्‍ट्रीय अभियान तथा नीरांचल राष्‍ट्रीय वॉटर शेड परियोजना में काम कर रहा है। इनके अलावा नदियों को जोड़ने, बर्फ/ग्‍लेशियर अध्‍ययन इत्‍यादि में भी योगदान कर रहा है। बैठक में हिमाचल प्रदेश के सिंचाई एवं जन स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री श्री ठाकुर महेन्‍दर सिंह और मंत्रालय के आला अधिकारी भी मौजूद थे।