5 Dariya News

आर्यन्स कॉलेज ऑफ लॉ में वल्र्ड सौशल जस्टिस डे मनाया गया

5 Dariya News

एस.ए.एस. नगर (मोहाली) 21-Feb-2018

आर्यन्स कॉलेज ऑफ लॉ, राजपुरा, नजदीक चण्डीगढ ने अपने कैंपस  में वल्र्ड सौशल डे मनाया। वल्र्ड सौशल जस्टिस डे की महत्वता और जागरूकता के बारे में एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें डॉ (प्रोफैसर) परमजीत सिंह, डीन फैकल्टी ऑफ लॉ, डीन अकैडमीकस, पंजाबी युनिवॢसटी, पटियाला मुख्य  अतिथि थे; डॉ (प्रोफैसर) वरिन्द्र कुमार कौशिक, हैड ऑफ डिपार्टमेंट इन पंजाब स्कूल ऑफ लॉ, पंजाबी युनिवॢसटी, पटियाला; डॉ भारत, असिटेंट प्रोफैसर, युनिवॢसटी इंस्टीच्यूट ऑफ लीगल स्टडीस, पंजाब युनिवॢसटी, चण्डीगढ इस अवसर पर गैस्ट ऑफ ओनर थे।कार्यक्रम की शुरूआत लैम्प लाईटनिंग सेरेमनी के साथ हुई। आर्यन्स के एलएल.बी और बीए-एलएल.बी के सम्मान और स्टॉफ ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। प्रोफैसर बी.एस सिद्धू, डायरेक्टर, अडमीनीस्टरेशन, आर्यन्स ग्रुप ने प्रोग्राम की अध्यक्षता की।

डॉ (प्रोफैसर) परमजीत सिंह ने बोलते हुए कहा कि सामाजिक न्याय कार्यस्थल सहित, निष्पक्षता, समानता, विविधता के प्रति सम्मान, सामाजिक सुरक्षा के उपयोग और जीवन के सभी क्षेत्रों में मानवाधिकार के मूल्यों पर आधारित है। परमजीत ने आगे कहा कि ''भारतीय समाज में नैतिक व्यवहार के पुनरूद्धार के बिना सामाजिक न्याय हासिल नही किया जा सकता है।डॉ (प्रोफैसर) वरिन्द्र कुमार कौशिक ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि, अन्याय अक्सर अन्य रूपों में पाया जाता है जैसे कि गरीबी, भूख, कार्यकर्ता शोषण, महिलाओं पर गंभीर प्रतिबंध, बाल श्रम आदि। सामाजिक न्याय के लिए लडाई कभी समाप्त नही होती है। सामाजिक न्याय व्यक्तियों और देशों के बीच शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए एक अंतॢनहित सिद्धांत है।डॉ भारत ने इस अवसर पर सामाजिक न्याय पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय तभी प्राप्त किया जा सकता है जब सामाजिक स्थितियां ऐसी हो कि भेदभाव किए बिना ही व्यक्ति, समूह और समुदाय के लिए सार्वाभौमिक मानव अधिकारों को मान्यता दी जाती है। भारत ने आगे कहा कि ''सभी को समान आॢथक, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों और अवसरों का हक है।