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जापान और भारत के संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं : नीतीश कुमार

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पटना (बिहार) 20-Feb-2018

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने जापान दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को भारतीय दूतावास में आयोजित 'निवेश प्रोत्साहन संगोष्ठी' को संबोधित करते हुए कहा कि जापान और भारत के बीच के द्विपक्षीय संबंध हमेशा से सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण रहे हैं। पिछले कुछ वर्षो में ये संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं। उन्होंने कहा कि समान मूल्यों और परंपराओं की ठोस नींव के आधार पर दोनों देशों के राजनीतिक, आर्थिक और सामरिक हितों का अभिसरण हुआ है।मुख्यमंत्री ने कहा कि समान सामरिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और उसे अगले स्तर तक ले जाने के लिए दोनों राष्ट्रों ने साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। हमारे संबंध उन्मुक्त, खुले और समृद्ध विश्व के लिए मूल्य-आधारित साझेदारी के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता पर आधारित हैं। बिहार को एक विकासशील राज्य बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 12 वर्षो में इस राज्य ने महत्वपूर्ण बदलाव देखा है। इस अवधि में बिहार में स्थिर मूल्य पर विकास दर करीब 10 प्रतिशत रही है, जो अधिक दरों से बढ़ने वाले भारतीय राज्यों में से एक है। इस पहल में लोक वित्त प्रबंधन और सरकारी व्यय में सुधार, बुनियादी ढांचा के निर्माण और मानव संसाधन के विकास में सार्वजनिक निवेश शामिल है। 

राज्य सरकार के विकास के एजेंडा पर आधारित बिहार का पुनरूत्थान और जापान के मेजी पुनस्र्थापन में काफी समानताएं हैं।उन्होंने उपस्थित लोगों का आह्वान करते हुए कहा, "मैं इस विकास दर को बनाए रखने में, इसे और अधिक जीवंत और स्व-सृजनात्मक बनाने में आपके सहयोग की अपेक्षा करता हूं। मैं आप सभी उपस्थित सदस्यों का आह्वान करता हूं कि आप बिहार के विकास में सक्रिय साझीदार बनें।" बौद्ध सर्किट की चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि इस सर्किट की संपर्कता बढ़ाने के उद्देश्य से, दो 'फोर लेन' राष्ट्रीय राजमार्गो को जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा वित्तपोषित किया जा रहा है। पहला राज्य की राजधानी पटना से बोधगया-डोभी (एनएच 83) है, जबकि दूसरा गया से राजगीर और नालंदा होते हुए बिहारशरीफ (एनएच 82) है। दोनों परियोजनाओं का निर्माण चल रहा है, जो 2019 तक पूरा होगा। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी बिहार में 'वन प्रबंधन और प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए क्षमता विकास' कार्यक्रम के साथ भी जुड़ा हुआ है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत जेआईसीए ने बुनियादी ढांचे के साथ-साथ क्षमता विकास के लिए वित्तपोषण किया है। 

नीतीश कुमार ने बिहार को एक विकासशील राज्य बताते हुए कहा कि यहां निवेश के असीम अवसर हैं। बिहार की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत एवं धरोहर है। यह राज्य उपजाऊ भूमि, पर्याप्त जल-संसाधन, मध्यम जलवायु एवं मेहनती लोगों से संपन्न है। ज्ञान की भूमि के अपने ऐतिहासिक विरासत के साथ यहां की युवा आबादी जीवंत एवं प्रतिभावान है। उन्होंने कहा कि राज्य में खाद्य प्रसंस्करण, कपड़े, वस्त्र और चमड़े, सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सेवाएं और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण को उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रखते हुए इनके क्लस्टर आधारित विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है। इन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए सक्रिय रूप से विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "बिहार और जापान एक लोकनीति साझा करते हैं, जो शांति, सौहार्द, परंपरा तथा संस्कृति के गहरे आंतरिक मूल्यों पर आधारित है। हम दोनों के बीच बौद्ध धर्म एक स्थायी सेतु का काम करता है जो इस साझीदारी को आदर्श बनाता है।"उल्लेखनीय है कि नीतीश अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान सोमवार को टोक्यो पहुंचे थे। उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात भी की थी। नीतीश के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी जापान गया है।