5 Dariya News

मध्यप्रदेश उपचुनाव में अब 'विकास' बन रहा मुद्दा

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भोपाल 16-Feb-2018

मध्यप्रदेश में हो रहे दो विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के मतदान की तारीख करीब आते-आते चुनावी मुद्दा अब 'विकास' बनने लगा है। शुरू में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बनाम ज्योतिरादित्य सिंधिया और फिर सिंधिया बनाम यशोधरा राजे सिंधिया के नाम पर चुनाव को सीमित करने की कोशिश हुई, मगर अब बात 'विकास' की हो चली है। राज्य के शिवपुरी जिले के कोलारस और अशोकनगर के मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव के लिए मतदान 24 फरवरी को होने वाला है। यह चुनाव पूरी तरह मुख्यमंत्री चौहान और क्षेत्रीय कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा और लोकप्रियता से जुड़ा हुआ है। दोनों ओर से जीत के लिए हर संभव दांव-पेंच लगाए जा रहे हैं। एक तरफ भाजपा उम्मीदवारों को जिताने को पूरी सरकार और संगठन जोर लगाए हुए है, तो दूसरी ओर कांग्रेस की कमान सिंधिया और कुछ विधायकों के हाथ में है। चुनाव की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है, मुद्दों में लगातार बदलाव आ रहा है। सिंधिया ने कहा, "यह चुनाव विकास के 'ज्योतिरादित्य मॉडल और शिवराज मॉडल' के बीच है। मैं अपने विकास का हिसाब जनता को दे रहा हूं, उम्मीद करता हूं कि शिवराज भी अपने विकास कार्यो का ब्यौरा देंगे।"वहीं, शिवराज का कहना है कि यह चुनाव पूरी तरह विकास के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है। जनता भी विकास के मुद्दे पर ही मुहर लगाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय सांसद की कभी विकास में रुचि नहीं रही, क्योंकि विकास हो जाएगा तो उन्हें कौन पूछेगा।राजनीति के विश्लेषक गिरिजा शंकर ने आईएएनएस से कहा कि उपचुनाव में आम तौर पर कोई मुद्दा नहीं होता, लिहाजा इन उपचुनाव में भी कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए राजनीतिक दल मुद्दे गढ़ने की कोशिश में लगे हैं। यह चुनाव सिर्फ पांच माह के लिए है, क्योंकि इसके बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होना है। उन्होंने कहा कि जनता को भरमाने के लिए पहले 'शिवराज बनाम सिंधिया', फिर 'सिंधिया बनाम सिंधिया' और अब 'विकास बनाम विकास' को मुद्दा बनाया जा रहा है। यही कारण है कि समय गुजरने के साथ मुद्दों को अलग-अलग रंग दिया जा रहा है।शिवपुरी के कोलारस में कांग्रेस के महेंद्र यादव का भाजपा के देवेंद्र जैन और अशोकनगर के मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह यादव का भाजपा की बाई साहब से मुकाबला है। ये दोनों क्षेत्र कांग्रेस के कब्जे में थे, विधायकों के निधन के कारण उपचुनाव हो रहे हैं।भाजपा हर हाल में इन दोनों स्थानों पर जीत के लिए जोर लगाए हुए हैं, यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने मतदाताओं से कहा है, "पांच माह के लिए हमारा विधायक चुनिए, उम्मीद व वादे पूरे न हों तो आम चुनाव में अपना फैसला बदल दीजिए।" वहीं सिंधिया अपने विकास कार्यो का हवाला देते हुए कह रहे हैं कि ये उपचुनाव राज्य की भावी राजनीति का निर्धारण करेंगे। उपचुनाव ने प्रदेश की राजधानी भोपाल की बजाय कोलारस को बना दिया है। इन दिनों अधिकांश मंत्रियों का डेरा राजधानी भोपाल की बजाय कोलारस व मुंगावली में है।इन दोनों क्षेत्रों में उपचुनाव का राज्य की राजनीति में महत्व इसलिए और बढ़ गया है, क्योंकि इन चुनावों को शिवराज और सिंधिया की लोकप्रियता व विकासवादी होने के दावों से जोड़ दिया गया है। इन उपचुनावों की जीत आगामी विधानसभा चुनाव में विजेता दल के लिए बड़ी मददगार साबित हो सकती है।