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ज्वालामुखी में करोड़ों के विकास कार्य शुरू होंगे : रमेश धवाला

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ज्वालामुखी 04-Feb-2018

ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने आज यहां कहा कि सरकार  इलाके के विकास के लिये प्रतिबद्ध है। व विकास के लिये धन की कमी नहीं आने दी जायेगी।  करोड़ों के विकास कार्यों पर काम शुरू होने जा रहा है।  खासकर चंगर इलाके से विकास में कोई भेदभाव नहीं होगा।धवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का ज्वालामुखी दौरा इलाके के विकास के लिये वरदान साबित होगा। उन्होंने बताया कि  सौड़-कलॉं से रेंटा पुल तक 30 किलोमीटर लम्बी नकेड़ खड्ड की चैनेलाईजेशन के लिये 190 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि खर्च होगी । जिससे इलाके के लोगों को खासा फायदा होगा। वहीं 3.75 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नकेड़ खड्ड पर एक पुल के निर्माण भी होने जा रहा है।धवाला ने बताया कि तली से बल्ह तक वाया बिलकुआलु के लिए सम्पर्क सडक़ के निर्माण तथा बड़ोह-बाबा बालकरूपी-जंगल सडक़ को भी जल्द पूरा करने के आदेश विभाग को दिये गये हैं। इस पर 47 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि व्यय होगी। घीणा-लोहार लोहाड़ी-जंदराह से सडक़ के दूसरे चरण के निर्माण, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लागडु में विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण, खुण्डियां में हिमाचल पथ परिवहन निगम के सब-डिपो तथा बस अड्डे एवं लोहार-लाहरी-चकबन-घीण जलापूर्ति योजना पर भी काम शुरू होगा, जिसके लिए 78 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। आयुर्वेद औषद्यालय, जंदराह का नाम बदलकर शहीद जगदीश सिंह राणा आयुर्वेद औषद्यालय भी रखा जायेगा।

मंदिर में तैनात सुरक्षा कम्रियों को लेकर छिड़ी बहस

ज्वालामुखी,04 फरवरी (मोनिका शर्मा) । देश दुनिया में अपनी दिव्यता के लिये मशहूर  हिमाचल प्रदेश के सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में तैनात सुरक्षा कर्मियों को विरोध का स्वर बुलंद होने लगा है।  दरअसल मंदिर में होम गार्डस व हिमाचल पुलिस के साथ पूर्व सैनिक भी तैनात हैं। यहां तीस होम गार्डस तैनात हैं जिनकी डयूटी रोटेशन पर तीन महीने के लिये लगती है।  व दूसरी कंपनी के जवान यहां आ जाते हैं।  ऐसा ही प्रावधान हिमाचल पुलिस का है।  लेकिन पूर्व सैनिक कोटे से 15 पूर्व सैनिक यहां तैनात हैं। उनके लिये कोई कायदा कानून नहीं है। जिससे मंदिर प्रशासन भी इनके आगे बेबस हो जाता है। आरोप लगाया जा रहा है कि पूर्व सैनिक कोटे से तैनात जवान मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों से सही व्यवहार नहीं करते । हैरानी का विषय है कि मंदिर के गृभगृह में यह जवान तैनात किये गये हैं। यहां इन जवानों की तैनाती का कोई औचित्य नहीं है। स्थानीय सामाजिक संगठनों के लोग इस बारे में स्थानीय विधायक रमेश धवाला से भी मिले हैं। व उनसे इन्हें हटाने की मांग की गई। दलील दी जा रही है कि मंदिर में पूर्व सैनिकों की डयूटी नहीं लगाई जानी चाहिये, न ही गृभगृह में कोई जवान तैनात किया जाये। मंदिर में प्रमुख तौर पर भीड़ को नियंत्रण करने के लिये ही सुरक्षा कर्मी तैनात किये जाते हैं। लेकिन गृभगृह में जब पांच छह लोग जमा हो जायेंगे, तो अपने आप ही भीड़ बढ़ जायेगी।  स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर के बाहर ही सुरक्षा के लिये जवान तैनात किये जायें, ताकि भीड़ नियंत्रित हो सके। मठ मंदिर सुरक्षा समिति के अध्यक्ष स्वामी विरेन्दरानंद गिरी ने कहा कि भारत भर में किसी भी मंदिर के गृभ गृह के अंदर कोई भी सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं है।  सुरक्षा कर्मियों को मंदिर के बाहर तैनात किया जाना चाहिये। ताकि भीड़ नियंत्रित हो सके। ब्राहम्ण कल्याण महासंघ के स्थानीय संयोजक वी के उपमन्यु ने कहा कि मंदिरों में पूर्व सैनिकों की तैनाती गलत है।  चूंकि इन्हें मानव संसाधन का कोई अनुभव नहीं होता है।  बकौल उनके मंदिर में तीन तरह के सुरक्षा कर्मी तैनात करना ही गलत है। सुरक्षा के लिये एक ही एजेंसी के जवान तैनात किये जायें।