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हरियाणा में झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई

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चण्डीगढ़ (आईएएनएस) 29-Dec-2013

हरियाणा में स्वास्थ्य अधिकारियों ने ऐसे झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, जो गर्भवती महिलाओं को यह कहकर जड़ी-बूटियां बेच रहे हैं कि इससे हर हाल में बाल शिशु का जन्म होगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक-सह-आयुक्त (खाद्य और औषधि प्रशासन) राकेश गुप्ता ने रविवार को कहा कि शनिवार को गैर पंजीकृत चिकित्सा चिकित्सकों के खिलाफ 15 आपराधिक मामले दर्ज किए गए और छह झोला छाप डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। गुप्ता ने कहा, "खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने झोला छाप चिकित्सा के अभिशाप को खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाया है। राज्य में झोला छाप चिकित्सा के विरुद्ध 100 से अधिक प्राथमिकी दर्ज है।"फरीदाबाद (23), झज्जर (21) और मेवात (21) में सर्वाधिक मामले दर्ज हैं। रोहतक स्थित पोस्ट-ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस द्वारा कराए गए हाल के अध्ययनों से पता चला है कि जिन दंपत्तियों को दो या अधिक बेटियां हैं, वे गर्भावस्था की पहली तिमाही में 'शिशु बदलने की दवाई' लेते हैं, जिसके परिणामस्वरूप या तो मृत शिशु पैदा होता है या शिशु की मानसिक क्षमता कम होती है। झोला छाप डॉक्टर 'शिवलिंग' और 'माजूफल' नाम वाली दवाएं देते हैं, जिसके कारण बच्चा मर जाता है या उसकी मानसिक क्षमता कम हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे सभी झोला छाप डॉक्टरों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं। गुप्ता ने कहा कि ऐसे लोगों के कारण राज्य में शिशु मृत्यु दर बढ़ रही है।