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परमिंदर सिंह ढींडसा द्वारा विभागों को संयम से खर्च करने के निर्देश

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चंडीगढ 21-Jul-2012

पंजाब सरकार द्वारा विभिन्न विभागों को अलॉट किए बजट अनुसार कम से कम लागत (खर्च) पर जनता को अधिक से अधिक सेवाएं मुहैया करवाने के निर्देश किए गये हैं। वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने आज यहां बताया कि वित्त विभाग द्वारा 2012 -13 के लिए खर्च संबंधी बजटीय अनुशासन और किफायत संबंधी विभिन्न विभागों को निर्देश जारी किए गये हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के समस्त विभागीय मुखियों, डिवीज़नों के आयुक्तों, उपायुक्तों, जिला एवं सैशन जजों और रजिस्ट्रार पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को कहा गया है कि वह 2012-13 के दौरान सरकारी खर्चा किफायत अनुसार करें। उन्होंने बताया कि विभागों को कम से कम लागत पर लेागों को अधिक से अधिक निपुण और गुणात्मक सेवांए मुहैया करवाने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही विभागों को खर्च का निरिक्षण और नजर सानी कर निर्धारित परफोरमें पर समूची रिपोर्ट वित्त विभग को भेजने के लिए कहा गया है। अतिरिक्त खर्चो पर काबू पाने के वित्त विभाग के उद्धेश्यों संबंधी ढींडसा ने आगे बताया कि समस्त विभागों का कहा गया है कि वह अपने बिजली एवं पानी के खर्च उनको घोषित संबंधित बजट के भीतर ही करें क्योंकि इन उद्धेश्यों के लिए कोई अतिरिक्त फंड मुहैया नही करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष की पहली और द्वितीय तिमाही के समापन पर आवर्ती आरक्षित रखी गई राशि को खजाना अधिकारी से मिलान करने के पश्चात अगामी तिमाही के लिए तबदील कर दिया जाएगा। 

वित्त मंत्री अनुसार उधार पत्र प्रणाली वाले विभागों को निर्देश दिए गये हैं कि उधार पत्री की प्राप्ति के लिए वित्त विभाग की आगामी स्वीकृति अनिवार्य तौर पर लें। उन्होंने बताया कि वेतनों, मज़दूरी, चिकित्सा प्रति पूर्ती, सफरी संबंधी खर्चे पैंशन संबंधी लाभ, किराया दरों और कराधान, दूरभाष और 31 सहायता ग्रांटे जनरल आदि के लिए खर्च हेतू कोई तिमाही सीमा नही रखी गई और इसकी वार्षिक वितरण ही होगा। ढींडसा ने बताया कि जिलों मेंसभी डी डी ओज़ को अपने समूचे गैर योजना बजट वितरण को आरक्षित रखने का प्रबंध करने और डी डी ओज़ वार बजट वितरण सारिणी विभाग के मुखी से हस्ताक्षर करवाना यकीनी बनाने के लिए कहा गया है। इसी प्रकार वितरित राशियों की दुरूस्तगी और बजट वितरण राशियों से कुल राशियों की अनुपूरता विभाग मुखियों को हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त राशियों संबंधी सारणियों की दुरूस्तगी जिला खजाना अधिकारी भी चैक करेंगे और 31 जुलाई 2012 के बाद केवल उतनी ही राशि के डी डी ओज़ के बिल पास करेंगे जितनी राशि संबंधी विभाग मुखी द्वारा मुनासिब तौर पर हस्ताक्षर डी डी ओज़ वार वितरित की गई राशि की सारिणी उनको प्राप्त हुई हो।