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20 साल पहले विश्व मंच पर भारत था सबसे भ्रष्ट देश : एच.डी. देवगौड़ा

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बेंगलुरू 23-Jan-2018

20 साल पहले स्विट्जरलैंड में विश्व आर्थिक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा आज विश्वास के साथ मानते हैं कि भारत ने दो दशकों में विभिन्न स्तरों पर प्रगति कर ली है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान हुई बैठक में दूसरे देश भारत को सबसे भ्रष्ट देश मानते थे। वर्ष 1996-97 के दौरान भारत के ग्यारहवें प्रधानमंत्री रहे एच.डी. डेवगौड़ा ने आईएएनएस से कहा, "प्रधानमंत्री के तौर पर जब मैं विश्व आर्थिक मंच में शामिल होने गया था, उस समय वहां ऐसा माहौल था कि अन्य देश भारत को सबसे भ्रष्ट देश मानते थे।"उन्होंने कहा कि भारत में निवेश की दृष्टि से उस दौर का आर्थिक मंच वर्तमान की तुलना में हितकर नहीं था।जनता दल (सेक्युलर) के 84 वर्षीय अध्यक्ष ने दोहराते हुए कहा कि उस समय देश कई समस्याओं से जूझ रहा था और कर्ज तले दबा हुआ था। इसके बाद अब देश ने निवेश और आर्थिक परिस्थितियों में विभिन्न मोर्चो पर प्रगति की है।देवगौड़ा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दावोस में विश्व आर्थिक मंच में शामिल हो पूरे अधिवेशन को संबोधित किया।पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि 20 वर्ष पहले और वर्तमान की परिस्थितियां अलग-अलग होने के कारण दोनों अधिवेशनों की तुलना नहीं की जा सकती।

देवगौड़ा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर 1995 में भी विश्व आर्थिक मंच में हिस्सा लिया था।देवगौड़ा ने कहा कि उस समय विकसित, विकासशील और पिछड़े देश एक-दूसरे से मेलजोल और संपर्क बनाकर निवेश करने के उद्देश्य से इकट्ठा हुए थे।उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी और वर्तमान में नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश ने बहुत प्रगति की है। देवगौड़ा ने कहा कि यह कोई नहीं कह सकता कि यह किसी एक सरकार की उपलब्धि है। लेकिन दूसरी पार्टियों के नेताओं की आलोचना करके सारी उपलब्धियों का श्रेय लेना नरेंद्र मोदी जानते हैं।13 राजनीतिक दलों के समर्थन से प्रधानमंत्री बनने वाले देवगौड़ा ने स्वीकार किया कि वर्तमान में भारत को स्थायी सरकार होने का फायदा भी मिल रहा है।मंगलवार को मोदी ने दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच के अधिवेशन में भारत में निवेश, सरकार द्वारा दफ्तरशाही खत्म करने से निर्माण तथा उत्पादन में अभूतपूर्व सुगमता और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से निवेश करने पर जोर दिया।मंगलवार को मोदी ने कहा, "इससे पहले 1997 में जब देवगौड़ा जी ने अधिवेशन में हिस्सा लिया था, तब देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) चार सौ अरब डॉलर थी वर्तमान में जो उससे छह गुनी हो गई है।"