5 Dariya News

पंजाब सरकार द्वारा कजऱ् माफी स्कीम के लिए ज़मीन संबंधी स्वै-घोषणा पत्र लागू करने का फैसला

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में आमदन कर भरने वाले सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत पैनशनरों को स्कीम में से बाहर करने को हरी झंडी

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चंडीगढ़ 15-Jan-2018

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार ने कजऱ् माफी स्कीम के लाभपात्रियों द्वारा ज़मीन संबंधीे स्वै -घोषणा पत्र देने की प्रणाली को लागू करने का फ़ैसला किया है जिससे इस स्कीम का लाभ सिफऱ् असली हकदार और योग्य किसानों को देना यकीनी बनाया जा सके।      इसी तरह सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत पैनशनरों जो आयकर अदा करते हैं, को स्कीम के घेरे से बाहर रखने का फ़ैसला किया है जिससे गरीब से गरीब को भी इस स्कीम का लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता अधीन हुई मीटिंग दौरान यह भी फ़ैसला किया गया कि इस संबंधी नोटिफिकेशन जल्दी जारी कर किया जायेगा।मुख्यमंत्री ने बताया कि यह स्वै -घोषणा पत्र किसानों की पंजाब के गाँवों में और अन्य राज्यों में ज़मीन से संबंधित होगा। उन्होंने कहा कि सिफऱ् सहकारी सभाओं के सचिवों द्वारा दिए विवरणों पर ही भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि इनकी  नियुक्ति अकालियों के राज में हुईथी।      कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कृषि कजऱ् माफी स्कीम में स्वै -घोषणा पत्र का उदेश्य अनियमित ढंग से पड़ताल किये जाने के बाद स्कीम में किसी भी तरह की कमी न रह जाने को यकीनी बनाना है। उन्होंने कहा कि इस से अकालियों द्वारा कजऱ् माफी स्कीम संबंधीे झूठ प्रचार करने की की जा रही भद्दी हरकतों को भी नकेल पड़ेगी। कजऱ् माफी स्कीम को अमल में लाने संबंधी चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा उठाए मसलों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कदमों के साथ विधायकों द्वारा ज़ाहिर किये अंदेशों को हल करने में मदद मिलेगी।       मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार ने विधायकों को इस स्कीम को क्रमवार अमल में लाने की समुची प्रक्रिआ संबंधी विस्तार में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आत्महत्या कर चुके किसानों का कजऱ् माफ करने का फ़ैसला विधान सभा द्वारा इस संबंध में कायम की कमेटी की रिपोर्ट आने पर लागू किया जायेगा।  मीटिंग के दौरान विधायकों ने बताया कि कई बड़े किसानों ने सहकारी कर्जे का लाभ लेने के लिए अपनी बड़े क्षेत्रफल वाली ज़मीनें को छोटे हिस्सों में अपने पुत्र या पुत्रों के नाम तबदील कर दिया जिस के नतीजे के तौर पर अधिक ज़मीन के मालिक होने के बावजूद उनका कजऱ् माफ हो गया।

 विधायकों ने बताया कि कुछ बड़े ज़मींदारों की ज़मीनें राजस्थान में हैं परन्तु बठिंडा में ज़मीन 2.5 एकड़ क्षेत्रफल से कम होने के कारण वह कजऱ् माफी वाली सूची में शामिल हो गए थे जो बाकी किसानों में रोष पैदा होने का कारण बना। उन्होंने सुझाव दिया कि लाभपात्रियों की सूची को अंतिम रूप देने से पहले सरकार उन से ज़मीन संबंधी हल्फिया बयान ले।उन्होंने कहा कि बल्कि कई एन.आर.आईज़ ने भी कजऱ् माफी स्कीम का लाभ ले लिया जो कि योग्य छोटे और सीमांत किसानों तक ही सीमित रहना चाहिए थी। मीटिंग दौरान यह भी सुझाव दिया गया कि कजऱ् माफी के सर्टिफिकेट राजस्व रिकार्ड की पूरी विश्लेषण करने के बाद जि़ला स्तर पर दिए जाएँ जिससे इस माफी का लाभ सही लाभपात्रियों  तक पहुंचना यकीनी बनाया जा सके।मुख्यमंत्री ने विधायकों को भरोसा दिया कि कजऱ् माफी स्कीम का दुरुपयोग को रोकनो के लिए उनकी सरकार हर संभव कदम उठाऐगी और यह यकीनी बनाऐगी कि इस स्कीम के लाभ से अयोग्य किसानों को बाहर रखा जाये। मीटिंग में सुरेश कुमार के अलावा ग्रामीण विकास पर पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा, पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, पंजाब मंडी बोर्ड के चेअरमैन लाल सिंह, विधायक अमरिन्दर सिंह राजा वडि़ंग, सुखजिंदर सिंह रंधावा, कुलजीत सिंह नागरा, सुखबिन्दर सिंह सरकारिया, कुशलदीप सिंह ढिल्लों, संगत सिंह गिलजिय़ां और ओ.पी. सोनी उपस्थित थे। इस मौके पर मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व विन्नी महाजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव सहकारिता डी.पी. रैडी और अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास विश्वजीत खन्ना भी उपस्थित थे।