5 Dariya News

मुख्यमंत्री द्वारा चमकौर साहिब में बनने वाली स्किल यूनिवर्सिटी का नाम श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम पर रखने की घोषणा

आनंदपुर साहिब शहरी विकास अथारिटी को पुन: सृजित करने की घोषणा

5 Dariya News

श्री आनंदपुर साहिब 24-Dec-2017

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चमकौर साहिब में बनने वाली स्किल  यूनिवर्सिटी का नाम सिखों के दशम पिता श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के नाम पर रखने के अपनी सरकार के फ़ैसले के साथ श्री आनंदपुर साहिब शहरी विकास अथारिटी को पुन: सृजित करने की  भी घोषणा की।मुख्यमंत्री ने यह घोषणा श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व के अवसर पर  श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को श्रद्धाँजलि भेंट करने के बाद श्री केशगढ़ साहिब गुरूद्वारे के सामने एक बड़े समारोह को संबोधन करते हुए की।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह भारत सरकार को राज्य और शेष भारत में श्री गुरु गोबिंद सिंह मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग और विशेष महत्ता वाले मार्ग के तौर पर घोषणा करने के लिए विनती करेंगे।इस समारोह के अवसर पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पूर्व प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह भी थे। इस अवसर पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की नेता आशा कुमारी, हरीश चौधरी और अम्बिका सोनी, स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़, पंजाब विधानसभा के स्पीकर और आनंदपुर साहिब से विधायक राणा के.पी. सिंह और अन्य उपस्थित थे।तख्त श्री केशगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह और हैड ग्रंथी फूला सिंह ने इस ऐतिहासिक अवसर पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को सिरोपा भेंट किया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह मौका उनके लिए हमेशा ही खुशियों वाला महसूस होता रहेगा। जत्थेदार ने पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को भी सिरोपा भेंट किया।

इससे पहले मुख्यमंत्री तख्त श्री पटना साहिब में भी श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व समारोह को मनाने के लिए गए थे। उन्होंने कहा कि श्री आनन्दपुर साहिब की धरती सिखों के दिलों में विशेष स्थान रखती है क्योंकि इस धरती पर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की विचारधारा और फिलोसिफी बहुत ज़्यादा विलक्षण है और यह दुनिया भर के सिखों के लिए आज भी तर्कसंगत है।मुख्यमंत्री ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के महान बलिदान को याद करते हुए कहा कि वह इस ऐतिहासिक समारोह में शामिल होकर अपने आप को भाग्यवान महसूस कर रहे हैं।इस पवित्र स्थान के उत्थान के लिए अपनी सरकार की वचनबद्धता पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री आनन्दपुर साहिब शहरी विकास अथारटी की पुन: सृजन से इसके बुनियादी ढांचे और शहरी सुविधाओं का स्तर ऊंचा उठाने के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि पहले ही श्री चमकौर साहिब में 100 एकड़ के क्षेत्रफल पर स्किली यूनिवर्सिटी बनाने का सरकार की तरफ से फ़ैसला लिया गया है जिससे बच्चों के हुनर विकास में मदद मिलेगी और वे विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा के योग्य होंगे और लाभप्रद रोजग़ार प्राप्त कर सकेंगे।मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत से कदम उठाए जाने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन सुविधाओं में सुधार लाएगी। उन्होंने रोपड़-आनंदपुर साहिब क्षेत्र में फूड पार्क के लिए बड़ा सामथ्र्य होने का भी जि़क्र किया। इसके साथ ही उन्हों ने जे.सी.बीज़, ट्रक और बसों की बॉडियों के उत्पादन के लिए बड़ी इकाईयां स्थापित करने की भी संभावना जताई। 

उन्होंने इस क्रशर जोन में स्थित स्टोन क्रशर के लिए स्टोन क्रशर जोन की भी बात रखी और इस क्षेत्र में स्टोन क्रशिंग उद्योग को विकसित करने पर ज़ोर दिया।उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र लुधियाना के नज़दीक है इसलिए यहां गारमेंट्स, वीविंगज़ और टैकनिकल टेक्स्टाईल में टेक्स्टाईल पार्कों की स्थापना के लिए भी योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि रोपड़ में सपोर्टकिंग द्वारा एक बड़ी इकाई की योजना बनाई जा रही है।मुख्यमंत्री ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा अपने पूर्वजों बाबा तरलोका और बाबा राम जी को अनगिनित बख्शीशें देने को याद करते हुए कहा कि 1699 में खालसा पंथ की स्थापना के बाद श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने दमदमा साहिब में 1702 में उनके पूर्वजों को सिंह बनाया। उन्होंने आगे कहा कि उनके बुजुर्ग श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का हुक्मनामा, श्री निशान साहिब और शस्त्रों के अनमोल खजाने अपने पास रखने के लिए भाग्यवान हैं, जो अभी भी गुरुद्वारा साहिब में बहुत ही सम्मान से रखे गए हैं और उनके परिवार द्वारा इन वस्त्रों और सशस्त्रों का बहुत अधिक सम्मान किया गया।इस अवसर पर डा. मनमोहन सिंह ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन एवं दर्शन सांप्रदायिक सद्भावना, धार्मिक सहनशीलता, शांति और आपसी भाईचारे की तारों को मज़बूत बनाने का मार्ग दिखाती है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने कभी भी किसी धर्म के विरुद्ध भेदभाव नहीं किया बल्कि रंग, जाति, नस्ल की विविधताओं के बावजूद सभी का मानव के रूप में सम्मान किया।पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके बताए मार्ग पर चलें और भेदभाव को दूर करें। 

उन्होंने कहा कि एक सच्चे सिख के तौर पर हमें पुरूषों व महिलाओं में भेदभाव नहीं करना चाहिए और दोनों को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध करवाने चाहिए जिससे वह समाज के आदर्श नागरिक बन सकें। उन्होंने समाज से नशो आदि की बुराई को समाप्त करने के लिए लोगों के सहयोग की मांग की।डा. मनमोहन सिंह ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए धार्मिक और स्वयं सेवी संस्थाओं के अलावा समस्त लोगों को सहयोग देने का भी आह्वान किया क्योंकि वातावरण में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि सिखिज्म में पानी, हवा और धरती जैसे कुदरती स्रोतों पर बहुत ज़्यादा ज़ोर दिया गया है और श्री गुरु नानक देव जी ने जपुजी साहिब में भी इसका वर्णन किया है।सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के महान बलिदान का जि़क्र करते हुए कहा कि उनका बलिदान हमेशा ही आने वाली पीढिय़ों को निरंतर  प्रेरित करता रहेगा और मानवता की भलाई के लिए उनको निष्काम बलिदान के लिए प्रेरणा देता रहेगा।गुरदासपुर से सांसद सदस्य और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने लोगों विशेषकर पंजाबियों में निष्काम बलिदान और आपसी भाईचारे की भावना भरी। धार्मिक सहनशीलता और दयालुता का संदेश श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही पंजाब के लोगों में भरा। यह हमेशा ही लोगों को प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि गुरू जी ने अत्याचार, जुल्म और अन्याय के विरुद्ध लडऩे के लिए स्वयं एक अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत की और उन्होंने मुग़ल राजाओं के विरुद्ध कड़ा संघर्ष किया।अपने स्वागती भाषण में विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने कहा कि वह इस धार्मिक महत्व वाले क्षेत्र से चुने जाने के लिए अपने आपको भाग्यवान समझते हैं और वह इस पवित्र नगरी की सेवा करते रहेंगे। 

उन्होंने इस पवित्र शहर को बुनियादी सुविधाओं, पीने वाला पानी और सडक़ें आदि की सुविधाएं देने का भी जि़क्र किया। उन्होंने श्री आनंदपुर साहिब के विकास के लिए डा. मनमोहन सिंह द्वारा अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान 102 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज देने के लिए भी उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से अपने पिछले कार्यकाल के दौरान वर्ष 2002 में श्री आनंदपुर साहिब को 100 करोड़ रुपए की राशि समूचे विकास कार्यो के लिए भी धन्यवाद किया।इसी दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने लोगों का धन्यवाद किया।इससे पहले, प्रसिद्ध ढाडी देस राज लचकानी, कुलजीत सिंह दिलबर ने अपनी विशेष प्रस्तुति दी। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से एक शास्त्रीय गायक डॉ निवेदिता सिंह और भाई बलदीप सिंह ने इस अवसर पर अपनी प्रस्तुतियों से संगतों को निहाल किया। नामी सिख विद्वान भाई अशोक सिंह बागडिय़ा और इतिहास विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ की डॉ. इंदु बंगा ने गुरुजी के जीवन और विचारधारा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। इनके अलावा, प्रसिद्ध पंजाबी कवि पद्म श्री सुरजीत सिंह पातर और शास्त्रीय गायक साजन मिश्रा ने क्रमश नूर-ए-नजऱ और शबद कीर्तन पर एक कविता गायन प्रस्तुत किया।इस समारोह में उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में पूर्व मुख्यमंत्री रजिंदर कौर भठ्ठल, पूर्व राज्यसभा सदस्य एच.एस. हंसपाल, पंजाब मंडी बोर्ड के अध्यक्ष लाल सिंह, सांसद चौधरी संतोख सिंह, कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, राणा गुरजीत सिंह, तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा, साधु सिंह धर्मसोत, रजिया सुल्ताना और कई विधायक, पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।