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नक्सल प्रभावित इलाकों में रोजगार की नई योजना : जुएल ओरांव

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नई दिल्ली 17-Dec-2017

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओरांव ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार जनजाति बहुल इलाकों में रोजगार सृजन के लिए एक नई नीति तैयार कर रही है, जिससे इन इलाकों में ज्यादा से ज्यादा लोगों रोजगार मिल सके। यह कार्य मोदी सरकार के कौशल विकास योजना के तहत किया जाएगा। इससे इन इलाकों में युवाओं को नक्सली बनने से रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा एजेंसियां आदिवासी इलाकों में रोजगार पैदा करने में काफी अहम भूमिका निभा रही हैं। जुएल ओरांव यहां सेंट्रल एसोसियेशन ऑफ प्राइवेट सिक्युरिटी इंडस्ट्री (सीएपीएसआई) और एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डिटेक्टिव्स एंड इंवेस्टिगेटर्स (एपीडीआई) की सालाना बैठक को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा, "देश में 136 आदिवासी जिले हैं। इनमें हम कौशल विकास योजना शुरू कर रहे हैं। निजी सुरक्षा एक ऐसा क्षेत्र है, जहां हमारे आदिवासी बच्चे-युवाओं की कमतर शैक्षिक योग्यता के मद्देनजर नौकरी के बेहतर अवसर मिल सकते हैं।"केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इस क्षेत्र में पहले से ही हमारे लाखों आदिवासी बच्चे आईटी हब बेंगलुरू, हैदराबाद और पुणे में काम कर रहे हैं। आदिवासी बहुत ही ईमानदार और कठोर परिश्रम करने वाले होते हैं। आदिवासी असल में देश की संपत्ति हैं। हम आने वाले समय में सीएपीएसआई से मदद लेंगे, ताकि हम अधिक से अधिक आदिवासी बच्चों को इस क्षेत्र मे नौकरी दिला पाएं।

"सीएपीएसआई के अध्यक्ष कुंवर विक्रम सिंह ने इस मौके पर कहा कि सरकार को चाहिए कि वह आदिवासी बहुल इलाकों में एक अध्ययन कराए और यह जानने का प्रयास करे कि वहां पर अधिक से अधिक रोजगार के अवसर कैसे पैदा किए जा सकते हैं और किस सेक्टर में नौकरी की सर्वाधिक संभावना है। उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा क्षेत्र के 72 लाख कर्मियों में अधिकतर लोग ग्रामीण इलाकों के हैं। सरकार को चाहिए कि इस क्षेत्र के बहुप्रतीक्षित मसलों को हल करने में त्वरित कदम उठाएं। इससे इस सेक्टर में और अधिक नौकरियां पैदा होंगी। सिंह ने निजी सुरक्षा क्षेत्र पर लगाए गए जीएसटी प्रभार और नए सुरक्षा कानून का मसला उठाते हुए कहा कि इससे निजी सुरक्षा एजेंसियों पर आर्थिक बोझ बढ़ने के साथ ही अनिश्चितता की तलवार भी लटकी हुई है। उन्होंने कहा, "निजी सुरक्षा का कारोबार हर साल करीब 22 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और यह कॉरपोरेट कर देने वाला सबसे बड़ा सेक्टर है। इसके बावजूद यह अभी तक उपेक्षा का शिकार है। हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि वह हमारी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करें और इस उद्योग-सेक्टर को बचाए।"सिंह सिक्यूरिटी सेक्टर स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के भी अध्यक्ष हैं।