5 Dariya News

बिहार में सचिव व आयुक्त स्तर के अधिकारी पीते हैं शराब : जीतनराम मांझी

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पटना (बिहार) 13-Dec-2017

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने यहां बुधवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ कड़े तेवर अपनाते हुए शराबबंदी कानून पर सवाल खड़े कर दिए। मांझी ने एक धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार के 50 प्रतिशत प्रधान सचिव और आयुक्त स्तर के अधिकारी शराब पीते हैं। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) द्वारा पटना के गर्दनीबाग में विभिन्न समस्याओं के हल करने की मांग को लेकर आयोजित एकदिवसीय धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा, "शराबबंदी से आदिवासी और दलित संस्कृति को बहुत हानि हो रही है, क्योंकि देवी-देवताओं को शराब चढ़ाई जाती है। सरकार द्वारा दवा के लिए शराब की छूट दी जानी चाहिए।"राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हम के प्रमुख मांझी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए। 

उन्होंने बिहार में शराबबंदी को पूरी तरह असफल होने का दावा करते हुए कहा कि यहां के वरिष्ठ अधिकारी शराब पीते हैं, अगर जांच की गई तो इसकी पुष्टि भी हो जाएगी।उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आज शराबबंदी कानून को लेकर जितने लोग गिरफ्तार किए जा रहे हैं, उनमें से अधिकांश गरीब परिवार के लोग हैं।मांझी ने कहा, "मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की गई थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है। बिहार की राजग सरकार को उन महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू करना चाहिए।" उल्लेखनीय है कि बिहार में पिछले साल अप्रैल महीने से पूर्ण शराबबंदी लागू है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी को सफल बताते हुए देश के अन्य राज्य सरकारों से भी शराबबंदी लागू करने की मांग कई बार कर चुके हैं।