5 Dariya News

कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा सभी राजनीतिक पार्टियोँ को हाईवे न रोकने की अपील

कानून की उल्लंघन करने वालों को नतीजे भुगतने की चेतावनी

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चंडीगढ़ 11-Dec-2017

लोगों के कल्याण की आड़ में सड़कें रोकनो के लिए अकालियों को आड़े हाथों लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी राजनीतिक पार्टियोँ को न्योता दिया कि वह हाईवे न रोकने का संकल्प लें और विरोध प्रदर्शन के अन्य ढंग  ढूंढें। सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में अकालियों द्वारा राज्य में सड़कें जाम करने के साथ लोगों को पेश आ रही अथाह समस्याओं संबंधी ट्विटर पर दी अपनी टिप्पणी के बाद आज पत्रकारों के साथ अनोपचारिक बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के लिए मुश्किलों पैदा करने वाला हर किस्म का विरोध 'प्रजातांत्रिक नहीं कहा जा सकता और राष्ट्रीय मार्ग रोकना कानून के अंतर्गत जुर्म है।मुख्यमंत्री ने ताडऩा करते हुये कहा कि पंजाब में किसी को भी कानून तोडऩे नहीं दिया जायेगा और यदि कोई कानून तोड़ता है तो उसे उसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में किसी को भी अमन -कानून भंग करने की आज्ञा नहीं देगी और न ही आम लोगों को परेशानी होने देगी।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अकालियों के धरनों के नतीजन लाखों लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह धरने एक नौटंकी  के अतिरिक्त ओैर कुछ भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यवाहियों संकुचित मानसिकता का दिखावा हैं जिनको थोडे समय के लिए निजी लाभ के अतिरिक्त कुछ भी नहीं दिखता।उन्होंने कहा कि अकालियों द्वारा धरने पर बैठने के कारण सैन्य काफिलें अपनी ज़रूरी स्पलाई को आगे अपने फौजियों तक नहीं पहुँचा सके जो कि सीमाओं पर देश की रक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह धरने बिल्कुल फिज़़ूल थे और राष्ट्रीय राज्यमार्ग रणनीतिक तौर पर सेना के लिए बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण होने के अलावा यह आम लोगों की जीवन रेखा भी हैं। इसी कारण इन प्रमुख सड़कों को रोके जाने को किसी भी सूरत में जायज नहीं ठहराया जा सकता।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अकालियों ने अपने धरनों के दौरान रास्ता रोक कर लोगों की समस्याएं को अनदेखा किया। इसके साथ ही हरमंदिर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानी झ्ेालनी पड़ी जो कि विश्व का श्रद्धालुओं का प्रमुख स्थान है जबकि इसके विपरीत अकाली अपने आप  को सिख धर्म के रखवाले बताते हैं।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि एम.सी. मतदान के लिए नामाकंन पत्र दाखि़ल करने के लिए चुनाव आयोग ने एक दिन अतिरिक्त दिया था जिस का अकालियों को फ़ायदा उठाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस अतिरिक्त दिन भी अकालियों ने एक भी नामाकंन पत्र दाखि़ल नहीं किया जिस से स्पष्ट होता है कि इस मामले पर सुखबीर पूरी तरह झूठ बोलता है।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर सचमुच ही उनकी चिंता जायज होती तो अकालियों को इस का विरोध करना चाहिए था और हाईवेज को रोकना तो सभी बातें ख़त्म होने के बाद अंतिम बात होती है। उन्होंने कहा कि अकालियों की यह अपनी निराशा से उपजी कार्यवाही थी क्योंकि उन्होंने अपनी हार को पहले ही भांप लिया था जिसकी इबारत पहले ही स्पष्ट तौर पर लिखी जा चुकी थी। उन्होंने कहा कि अकाली विधान सभा मतदान में अपनी हार के बाद राजनीतिक तौर पर अपने आप को पैरों पर खड़ा करने में असफल हुए हैं। जनसमूह को एकत्रित करने के अकालियों के दावों को पूरी तरह रद्द करते हुए और इन को झूठे बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली अब निराशा में निम्र स्तर की राजनीति कर रहे हैं और उन्होंने अपनी खोई राजनैतिक ज़मीन को फिर हासिल करने के लिए इस तरह की तुच्छ राजनीति पर नजऱ रखी हुई है। वह आम आदमी पार्टी की तरह व्यवहार कर रहे हैं और वह इस बात को महसूस नहीं कर रहे कि उनका परिणाम भी अरविन्द केजरीवाल वाली पार्टी जैसा होगा जो कि अपनी राजनीतिक खेल के हिस्से के तौर पर सड़कों कब्ज़ा करते थे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वास्तव में अकाली पूरी तरह हाशीए पर चले गए हैं और  भविष्य में उनकी पुन:उभरने की कोई आशा नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक हितों  पर लोगों के हितों को न रखने वाली राजनीतिक पार्टी कभी भी जीवित नहीं रह सकती।